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बारिश में पशुओं को लगवाएं टीके

समस्या बरसात में बढ़ता है बीमािरयों का प्रकोप बेगूसराय : बारिश के सीजन में पशुओं के प्रति लापरवाही भारी पड़ सकती है. मॉनसून अपने साथ पशुओं के लिए ढेर सारी बीमारियां लेकर आता है. लिहाजा पशुपालक अभी से अलर्ट हो जाएं. गलाघोंटू और खुर पका-मुंह पका का टीका जरूर लगवा लें. इसके लिए पशुपालन विभाग […]

समस्या बरसात में बढ़ता है बीमािरयों का प्रकोप

बेगूसराय : बारिश के सीजन में पशुओं के प्रति लापरवाही भारी पड़ सकती है. मॉनसून अपने साथ पशुओं के लिए ढेर सारी बीमारियां लेकर आता है. लिहाजा पशुपालक अभी से अलर्ट हो जाएं. गलाघोंटू और खुर पका-मुंह पका का टीका जरूर लगवा लें. इसके लिए पशुपालन विभाग से भी सहायता ली जा सकती है. इस संबंध में रजौड़ा-जिनेदपुर
निवासी व जिले जाने-माने पशु चिकित्सक डॉ अजीत कुमार ने बताया कि बारिश में पशुओं को कई प्रकार की जानलेवा बीमारी होती है. उन्होंने पशुओं की देखभाल व उचित परामर्श की जानकारी भी साझा की.
बारिश संग फैलता है गलाघोंटू : गलाघोंटू बैक्टीरिया जनित रोग है. मॉनसून आने पर यह तेजी से फैलता है. इस रोग को घुरखा, घोंटुआ, अषढ़िया, डकहा रोग भी कहते हैं. इससे पशु की अकाल मौत हो जाती है.
खुरपका-मुंहपका भी है जानलेवा गलाघोंटू का टीका लगवाने के बाद पशुपालक खुरपका-मुंहपका का टीका लगवा लें. यह रोग विषाणु जनित रोग है. इस रोग से पीड़ित पशु ठीक होने के बाद भी महीनों हांफते रहते हैं. शरीर के रोयें व खुर बहुत बढ़ जाते हैं. प्रजनन क्षमता कम हो जाती है.
उपचार की विधि : रोगग्रस्त पशु के पैर यानी रोगग्रस्त स्थान को नीम व पीपल के छाल का काढ़ा बना कर दिन में तीन बार धोना चाहिए. पैरों को फिनायल युक्त पानी से भी धोयें और मक्खी दूर करने वाला महलम लगा दें. मुंह के छाले को एक ग्राम फिटकरी 100 एमएल पानी में घोल कर दिन में तीन बार धोएं. पशु को सुपाच्य भोजन खिलायें.
रोग के लक्षण
पशु तेज बुखार से कांपने लगता है
पशु सुस्त हो जाता है, आंखें लाल हो जाती हैं
पशु के मुंह से लार गिरने लगती है
जमीन पर गिर कर छटपटाता है

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