13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

घोषणाएं नहीं उद्धार की जरूरत है बौंसी मेले को

घोषणाएं नहीं उद्धार की जरूरत है बौंसी मेले को फोटो 14 बांका 7 पापहरणी स्नान मेले में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ – अब तक सिर्फ घोषणाओं की बारिश में भींगता रहा है मंदार, पापहरणी व बौंसी मेला मनोज उपाध्याय, बांका पौराणिक मंदार, पापहरणी और बौंसी मेले को लेकर अब तक तो सिर्फ घोषणाएं ही […]

घोषणाएं नहीं उद्धार की जरूरत है बौंसी मेले को फोटो 14 बांका 7 पापहरणी स्नान मेले में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ – अब तक सिर्फ घोषणाओं की बारिश में भींगता रहा है मंदार, पापहरणी व बौंसी मेला मनोज उपाध्याय, बांका पौराणिक मंदार, पापहरणी और बौंसी मेले को लेकर अब तक तो सिर्फ घोषणाएं ही होती रही है. गत वर्ष तक इन घोषणाओं की झड़ी बरसती रही है, जिनमें भींग कर जनमानस भी सराबोर होता रहा है. लेकिन इस बार तो ऐसा भी कुछ नहीं हुआ. लोग शुष्क दिल को मसोसते हुए रह गये. मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले बौंसी मेले का उद्घाटन इस बार भी राज्य की पर्यटन मंत्री ने किया. गत वर्ष भी उद्घाटन पर्यटन मंत्री ने ही किया था. अंतर सिर्फ इतना है कि पिछले वर्ष पर्यटन मंत्री जावेद इकबाल थे. जबकि इस बार अनिता देवी. जावेद इकबाल तब बांका के विधायक और इसी जिले के रहने वाले हैं. गत वर्ष मेले का उद्घाटन करते हुए उन्होंने मेला और मंदार को लेकर घोषणाओं की मुसलाधार बारिश कर दी थी. लोग मेला और मंदार के बेहतर भविष्य की कल्पनाओं में डूबने उतरने लगे थे. लेकिन मेला समाप्त हुआ और घोषणाएं भी उद्घाटन मंच से नीचे से नहीं उतर पायीं. इससे पहले के वषार्ें में मुख्यमंत्री और मंत्री से लेकर प्रमंडलीय आयुक्त और जिला कलक्टर तक ने मेले का उद्घाटन किया और हर वर्ष घोषणाओं की बारिश होती रही. लेकिन मेले की परंपरा और मंदार की दशा सुधरने की बजाय बिगड़ती चली गयी. उनकी घोषणाओं में मेला प्राधिकार का गठन, इसे कभी राष्ट्रीय तो कभी राजकीय दर्जा देने, सौंदर्यीकरण, सुविधाओं खासकर बिजली, पानी, शौचालय, स्नानागार, धर्मशाला आदि के निर्माण, पापहरणी का सौंदर्यीकरण, मंदार पर रोप वे, रेेलिंग की मरम्मती, पहुंच पथ का निर्माण एवं जीर्णोद्धार आदि शामिल है. लेकिन हुआ क्या? प्राय: कुछ भी नहीं. इस बार तो लोग कुछ ज्यादा ही घोषणाओं की उम्मीद लेकर मेला उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे. हालांकि इन घोषणाओं को लेकर वे अब बहुत उत्साहित भी नहीं रहे. लेकिन समारोह समाप्ति के बाद एक राहत की रेखा उनके चेहरे पर जरूर उभरी कि चलो इस बार कुछ बेमानी और कागजी घोषणाएं तो नहीं हुईं. इस तरह की चर्चा करते हुए लोग दिखे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें