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मिलावट. खाद्यान्न, फल व सब्जियों में मिलावट के कारण होती है बीमारी, देखें परखें फिर खरीदें मिठाई

मिलावट. खाद्यान्न, फल व सब्जियों में मिलावट के कारण होती है बीमारी, देखें परखें फिर खरीदें मिठाई फोटो 5 बांका 7 से 16 तक गृहिणी व युवतियां की तसवीर, 17 डा अशोक कुमार सिंह का तसवीर, 18 मिलावट सामग्री से संबंधित लोगो – खोवा में अधिक चीनी का प्रयोग, तो बूंदी के लड्डू में खेसारी […]

मिलावट. खाद्यान्न, फल व सब्जियों में मिलावट के कारण होती है बीमारी, देखें परखें फिर खरीदें मिठाई फोटो 5 बांका 7 से 16 तक गृहिणी व युवतियां की तसवीर, 17 डा अशोक कुमार सिंह का तसवीर, 18 मिलावट सामग्री से संबंधित लोगो – खोवा में अधिक चीनी का प्रयोग, तो बूंदी के लड्डू में खेसारी के बेसन का इस्तेमाल – किसी में रंग, तो किसी में निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री का होता है इस्तेमाल प्रतिनिधि, बांकाजिले के बाजार में मिलावटी सामग्री की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. खास कर व्रत त्योहारों में इसकी आशंका अधिक बढ़ जाती है. मिलावटी सामान दुकानों में सज जाते हैं. त्योहार के दिनों में मिठाई व अन्य सामग्री को जांच कर ही खरीदना चाहिए. इतना ही नहीं मशाला, हल्दी, दलहन, तेलहन, फल सब्जी या खाद्यान्न में भी मिलावट होती है. इस मिलावटी सामान के उपयोग से कई तरह की बीमारी हो सकती है. कहती हैं गृहिणी व युवतियां इस संबंध में अंजू देवी, सपना झा, खुशी कुमारी, कोमल भगत, रिचा कुमारी ने बताया कि करेला, परवल को जब धोया, तो पानी का रंग हरा दिखने लगा. बाजार में कई सामान ऐसा मिलता है जो एकदम ताजा लगता है, लेकिन जब घर पर इसकी सब्जी बनाने के लिए धोते हैं, तो रंग निकलने के बाद वह बासी निकलता है. सेब को अधिक ताजा बनाये रखने के लिए मोम या कैमिकल की परत डाल दी जाती है. लकी कुमारी, लबली कुमारी, बुलबुल कुमारी शानभी कुमारी, जुली भगत ने बताया कि अरहर, मसूर व मूंग दाल को धोने पर पानी उजला रंग का हो जाता है. कई बार धोना पड़ता है. कम हल्दी देने पर भी सब्जी रंग जाती है, लेकिन सब्जी का स्वाद गड़बड़ हो जाता है. वहीं मिर्च पाउडर देखने में तो बहुत लाल लगता है, लेकिन उसमें तीखापन नहीं के बराबर होता है. इससे लगता है कि इसमें रंग की मिलावट की गयी है. कुछ की गलती, भुगतते है सभीव्यवसायियों ने बताया कि मिलावटी सामान बेचने वाले कुछ दुकानदारों के कारण अन्य व्यवसायियों का भी कारोबार प्रभावित होता है. मिठाई दुकानदार ने बताया कि बूंदी की लड्डू बनाने में चना के बेसन में मैदा, चौरठ, मटर बेसन की मिलावट होती है. जबकि पनीर में आरारोट, पेड़ा बनाने के लिए खोवा में सुज्जी, आरारोट के साथ अधिक चीनी मिलायी जाती है. खाद्यान्न कारोबारी का कहना है कि सरसों तेल में ड्रॉप्सी मिक्स किया जाता है. इससे तेल में झांस बढ़ता है, हालांकि इसका असर काफी हानिकारक होता है. शुद्ध घी में वनस्पति तेल मिलाया जाता है. ये मिलावट घी धनबाद, कानपुर, ग्वालियर आदि स्थानों से मिक्स होकर आता है. किराना दुकानदारों का कहना है कि दाल को सुरक्षित करने के लिए पॉलिस किया जाता है और चावल में चमक लाने के लिए यूरिया मिलाया जाता है. सामान मिलावट हरा परवल हरा रंग ककोरी हरा रंग धनिया पत्ता हरा रंग सेब केमिकल चना दाल खेसारी दाल अरहर दाल स्टोन पाउडर मूंग दाल स्टोन पाउडर चावल यूरिया सरसों तेल राइस ब्रॉन या सफेद तेल धनिया पाउडर- निम्न कोटि की धनिया पाउडर हल्दी – चावल के आटा में केमिकल साथ मिर्च पाउडर लाल रंग कतरनी चावल सोनम में सेंट के साथ घी वनस्पति तेल कहते हैं सदर अस्पताल चिकित्सक इस संबंध में डाॅ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि सिंथेटिक दूध से बनी मिठाई या खोवा के उपयोग से शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है. इसमें कॉस्टिक सोडा, यूरिया या डिटजेंट का उपयोग किया जाता है. इस तरह की सामग्री के उपयोग से लीवर व किडनी पर असर पड़ सकता है. इससे संबंधित बीमारी हो सकती है. – कहते हैं फूड इंस्पेक्टर इस संबंध में फूड इंस्पेक्टर मो इकबाल ने बताया कि बाजार में मिलावट सामग्री बिकने की जानकारी मिली थी. सूचना मिलते ही दिसंबर माह में दर्जनों मिठाई व किराना दुकान में छापेमारी कर मिठाई, सरसों तेल, दाल आदि जब्त कर जांच के लिए भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दुकानदार के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. छापेमारी अभियान शहर में जारी रहेगी जो भी दुकानदार मिलावट सामग्री बेच रहे है उनके विरुद्ध र्ग्रवाई होगी.

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