उत्तर कोयल मुख्य नहर का क्रॉस रेगुलेटर गेट कंप्लीट
प्रतिनिधि, औरंगाबाद/कुटुंबा.सदर अनुमंडल के किसानों की जीवनरेखा माने जाने वाली उत्तर कोयल नहर इस समय भीम बराज के जल से पूरी तरह लबालब है. अधीनस्थ क्षेत्र के किसान धान की रोपाई के लिए नहर खुलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्य नहर में क्रॉस रेगुलेटर (सीआर) गेट का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. अब केवल ऑपरेटिंग सिस्टम को दुरुस्त करना बाकी है, जिसे अगले 24 घंटे के भीतर हर हाल में पूरा कर लिया जायेगा. गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को बराज के दाहिने हिस्से का गेट खोल कर नहर की टेस्टिंग शुरू की गयी थी. जल प्रवाह आरंभ होते ही 107 और 124 आरडी के समीप अधूरे सीआर गेट कार्य को पूरा करने में वॉप्कोस को कठिनाई होने लगी थी. इस कारण जल संसाधन विभाग के मुख्य सचिव के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से नहर टेस्टिंग बंद कर दी गयी. इधर, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया है कि पांच जुलाई की सुबह बराज के दाहिने गेट को खोलकर मुख्य नहर में जलप्रवाह शुरू कर दिया जायेगा.
बराज में बारिश से जलस्तर बढ़ा
बराज के कार्यपालक अभियंता इंजीनियर विनीत प्रकाश ने बताया कि कोयल नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार अच्छी बारिश हो रही है, जिससे बराज में आवश्यकता से अधिक पानी एकत्र हो चुका है. वर्तमान में 14,320 क्यूसेक अतिरिक्त पानी को कोयल नदी में बहाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वरीय अधिकारियों के निर्देशानुसार शीघ्र ही मुख्य नहर का संचालन शुरू कर दिया जायेगा. इस वर्ष जल की कोई कमी नहीं है. पिछले 15 दिनों में दो बार कोयल नदी में बाढ़ आयी है. पहली बार 2.50 लाख क्यूसेक और दूसरी बार 60 हजार क्यूसेक पानी डाउन स्ट्रीम में बहाना पड़ा है.
तटबंध की टेस्टिंग से होगी संभावित लीकेज की पहचान
अभियंता ने बताया कि नहर के सुचारू संचालन के लिए तटबंधों की टेस्टिंग जरूरी है. इससे संभावित लीकेज का पता चलता है और समय रहते मरम्मत कराई जा सकती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार धान की रोपाई के लिए पानी की कोई कमी नहीं है. किसानों के खेतों में बिचड़ा तैयार हो चुका है, और जैसे ही नहर में पानी पहुंचेगा, वे खेतों में उतर जायेंगे.
सीआर गेट रीमॉडलिंग में हुआ कंक्रीट निर्माण
बताया गया कि मुख्य नहर में पूर्व से मौजूद तीन बोल्डर गेट को रीमॉडलिंग कर कंक्रीट व आरसीसी गेट में तब्दील किया गया है. इसके साथ ही कमजोर तटबंधों की लाइनिंग का कार्य भी पूरा कर लिया गया है.
भीम बराज के रखरखाव में लापरवाही, खतरे की आशंका
हालांकि, झारखंड स्थित मेदनीनगर डिवीजन के अधिकारियों की उदासीनता के कारण भीम बराज की सर्विसिंग अब तक नहीं करायी गयी है. बराज के अधिकांश गेट जंग लगने से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. पिछले आठ वर्षों से इन गेटों की पेंटिंग तक नहीं की गयी है. यहां तक कि मैकेनिकल विभाग ने भी इस ओर कोई संवेदनशीलता नहीं दिखायी है. यदि 2016 और 2024 जैसी बाढ़ की स्थिति फिर उत्पन्न होती है, तो कमजोर गेटों के तेज जलधारा में बहने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. रबर सील की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है. हालांकि, वर्तमान में धान की रोपनी के लिए पानी की अधिक आवश्यकता नहीं थी, लेकिन अब जब किसानों का बिचड़ा तैयार है, तो नहर का जल प्रवाह अत्यंत आवश्यक हो गया है.
क्या कहते हैं चीफ इंजीनियर
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि 5 जुलाई, शनिवार की सुबह बराज के दाहिने गेट को खोलकर मुख्य नहर में जलप्रवाह शुरू कर दिया जायेगा. इससे पहले सभी वितरण शाखाओं के क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मत पूरी कर ली. साथ ही उन्होंने किसानों से अपील की कि वे नहर की संरचना से छेड़छाड़ न करें, ताकि सिंचाई व्यवस्था बाधित न हो. तटबंधों की निगरानी के लिए अभियंताओं के साथ-साथ मौसमी कर्मचारियों की भी तैनाती की गयी है.
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