औरंगाबाद शहर. समाहरणालय स्थित सभागार में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में ईद-उल-जुहा (बकरीद) के दौरान शांति और सौहार्द बनाये रखने के उद्देश्य से जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक की गयी. इस बैठक में पर्व के दौरान जिले में विधि-व्यवस्था की स्थिति, संभावित समस्याओं, सुरक्षा उपायों तथा समुचित समाधान की दिशा में विस्तृत रूप से विचार-विमर्श किया गया. बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि सात से नौ जून के बीच बकरीद मनायी जायेगी. मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह में नमाज अदा करने के उपरांत पारंपरिक रूप से पशु की कुर्बानी देते हैं और कुछ स्थानों पर मेलों का भी आयोजन होता है. जिला प्रशासन द्वारा पर्व के मद्देनज़र जिलेभर में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये तथा प्रत्येक संवेदनशील स्थल पर दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित की गयी है. जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्व वर्षों में औरंगाबाद जिले में यह पर्व शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया गया है और इस वर्ष भी इसी परंपरा को बनाये रखने के लिए जिला प्रशासन संकल्पित है. उन्होंने सभी पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि सांप्रदायिक, असामाजिक एवं उपद्रवी तत्वों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाये तथा आवश्यकता पड़ने पर कानूनी प्रावधानों के तहत सख्त निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाये.
जहां तनाव की घटनाएं हो चुकी हैं वहां विशेष सतर्कता बरतें
उन्होंने यह भी बताया कि कुछ असामाजिक तत्व अफवाह फैलाकर या तात्कालिक घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने का प्रयास कर सकते हैं. कहीं-कहीं पहले घटित विवादों के कारण भी विभिन्न समुदायों के लोग आमने-सामने आ जाते हैं जिससे सामाजिक तनाव उत्पन्न होता है. कई बार ऐसे पशुओं की कुर्बानी या उनका खुलेआम परिवहन, जिससे किसी विशेष समुदाय की धार्मिक भावना आहत होती है, यह भी तनाव का कारण बन सकता है. इसी प्रकार सार्वजनिक स्थानों या विवादास्पद स्थलों पर नमाज अदा करने, नमाज स्थलों पर आपत्तिजनक पशु के प्रवेश अथवा धार्मिक स्थलों के आस-पास ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग के कारण भी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि पहले जिन क्षेत्रों में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हो चुकी हैं वहां विशेष सतर्कता बरती जाये तथा ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जाये जिनका इतिहास सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का रहा है. साथ ही, गुप्त सूचनाओं के आधार पर यह भी पता लगाया जाये कि कौन-कौन से तत्व पर्व के अवसर पर शांति व्यवस्था में बाधा डालने का प्रयास कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया, फेसबुक, वाट्सअप जैसे माध्यमों पर धार्मिक भावनाओं से संबंधित आपत्तिजनक फोटो, वीडियो अथवा संवाद प्रसारित करने पर पैनी नजर रखी जाएगी तथा अफवाह फैलाने वालों पर विधि सम्मत कठोर कार्रवाई की जायेगी.
कुर्बानी स्थलों पर सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाये
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि कुर्बानी स्थलों पर सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाये. सभी बीडीओ व नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि कुर्बानी स्थल पर जेसीबी मशीन से पांच से छह फीट गहरे गड्ढे खोदे जाएं ताकि कुर्बानी के उपरांत उत्पन्न अपशिष्ट को समुचित रूप से दफन किया जा सके. साथ ही जिले के सभी मस्जिदों, मंदिरों, इमामबाड़ों और अन्य संवेदनशील स्थलों पर पंचायत स्तर तक पर्याप्त संख्या में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया. जिलाधिकारी ने सभी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को उनके क्षेत्रों में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी. उन्होंने कहा कि यदि किसी भी प्रकार की घटना या तनाव की सूचना प्राप्त हो तो त्वरित और विवेकपूर्ण निर्णय लेते हुए उसका समाधान किया जाए. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि छोटी सी छोटी घटना भी गंभीर रूप धारण कर सकती है. अतः उसे पूरी सतर्कता और तत्परता से हल किया जाना चाहिए तथा वरीय पदाधिकारियों को तत्काल सूचित किया जाए.बैठक में जिला शांति समिति के सदस्यों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याएं एवं उपयोगी सुझाव प्रस्तुत किये गये. मौके पर उप विकास आयुक्त अनन्या सिंह, सदर अनुमंडल पदाधिकारी संतन कुमार सिंह, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रत्ना प्रियदर्शिनी, सभी डीएसपी, सीओ, बीडीओ, थानाध्यक्ष तथा शांति समिति के सदस्य समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.
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