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राजस्व संग्रह में सभी अंचल की गति धीमी, तेजी जाने का निर्देश

पावर प्वाइं प्रजेंटेशन के माध्यम से की गयी आंतरिक संसाधनों की प्रगति की समीक्षा

पावर प्वाइं प्रजेंटेशन के माध्यम से की गयी आंतरिक संसाधनों की प्रगति की समीक्षा औरंगाबाद शहर. कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में सोमवार को जिलाध्यक्ष श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में जिला स्तरीय आंतरिक संसाधन एवं राजस्व संबंधित कार्यों की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे राजस्व संग्रह तथा आंतरिक संसाधनों की प्रगति की समीक्षा पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से की गयी. बैठक में खान एवं भू-तत्व विभाग, जिला निबंधन कार्यालय, परिवहन कार्यालय, वाणिज्य कर अंचल, राष्ट्रीय बचत, नगर परिषद औरंगाबाद एवं दाउदनगर, नगर पंचायत रफीगंज एवं नवीनगर, वन प्रमंडल, माप एवं तौल विभाग, सिंचाई प्रमंडल, नहर प्रमंडल एवं जिला नीलाम पत्र कार्यालय सहित अन्य विभागों की प्रगति का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया. समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष अब तक समग्र रूप से 45.86 प्रतिशत राजस्व वसूली की गयी है. डीएम ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राजस्व वसूली की प्रक्रिया में तेजी लाएं तथा मासिक लक्ष्य के अनुरूप कार्य सुनिश्चित करें, ताकि निर्धारित वार्षिक लक्ष्य की प्राप्ति समय पर हो सके. बैठक में दाखिल-खारिज, आधार सीडिंग, अभियान बसेरा फेस-2, सीएम डैशबोर्ड, ई-मापी, परिमार्जन प्लस, भू-लगान, अतिक्रमण एवं अंबेडकर समग्र सेवा समाधान योजना जैसे राजस्व से संबंधित विषयों की भी गहन समीक्षा की गई. दाखिल-खारिज के मामलों की समीक्षा में यह सामने आया कि जिले में कुल 375 मामले 75 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं, जिनमें औरंगाबाद सदर अंचल में सर्वाधिक 170 मामले लंबित पाए गए. जिलाधिकारी ने संबंधित अंचलाधिकारी को फटकार लगाते हुए एक सप्ताह के भीतर सभी लंबित मामलों का निबटारा सुनिश्चित करने का कड़ा निर्देश दिया. वहीं, हसपुरा अंचल में दाखिल-खारिज से संबंधित कोई भी मामला लंबित नहीं पाया गया. सरकारी भूमि के दाखिल-खारिज से जुड़े कुल 1404 मामलों में से 166 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है, जबकि शेष विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं. ऑनलाइन राजस्व संग्रह के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिले के सभी अंचलों को मिलाकर निर्धारित लक्ष्य 26 करोड़ 50 लाख रुपये था, जिसके विरुद्ध अब तक मात्र दो करोड़ 21 लाख रुपये की ही वसूली हो पाई है. इसपर डीएम ने असंतोष व्यक्त करते हुए संबंधित पदाधिकारियों को राजस्व वसूली में तीव्र गति लाने का निर्देश दिया. अभियान बसेरा फेस-2 के तहत अब तक 2466 लाभुकों का सर्वेक्षण किया गया है, जिनमें से 1578 लाभुकों को भूमि पर्चा वितरित किया गया, जबकि 662 लाभुक पर्चा वितरण के लिए अयोग्य पाए गए. आधार सीडिंग के संदर्भ में बताया गया कि जिले के 83.8 प्रतिशत रैयतों की जमाबंदी रिकॉर्ड से आधार सीडिंग की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. जिलाधिकारी ने शेष कार्य को यथाशीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया. राजस्व प्रशासन को डिजिटल एवं पारदर्शी बनाने की दिशा में भूमि ई-मापी एवं परिमार्जन प्लस योजना की प्रगति पर भी विशेष समीक्षा की गई. परिमार्जन प्लस के तहत जमाबंदी त्रुटियों के सुधार, अद्यतन एवं सुधारित रिकॉर्ड की समयबद्ध प्रविष्टि सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए. इस मौके पर अपर समाहर्ता अनुग्रह नारायण सिंह, अपर समाहर्ता आपदा उपेंद्र पंडित, सदर डीसीएलआर श्वेतांक लाल, जिला आपदा प्रभारी अंतरा कुमारी, वरीय उपसमाहर्ता रितेश कुमार यादव, सभी अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी व संबंधित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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