औरंगाबाद शहर.
विवेकानंद वीआइपी स्कूल में पर्यावरण शिक्षा और संसाधनों का संरक्षण विषय पर शिक्षकों का एकदिवसीय प्रशिक्षण हुआ. संसाधनसेवी प्रिया आलोक व सूची कुमारी ने प्रशिक्षण देते हुए कहा कि पर्यावरण शिक्षा और संसाधनों का संरक्षण एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और महत्वपूर्ण हैं. पर्यावरण शिक्षा लोगों को पर्यावरण के महत्व और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के बारे में जागरूक करती है, जिससे वे अपने कार्यों के प्रभाव को समझ सकें और टिकाऊ जीवनशैली अपना सकें. संसाधनों का संरक्षण, पर्यावरण को बेहतर बनाने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसे सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है. संसाधनसेवी ने पर्यावरण संरक्षण में शिक्षा के महत्व को बताते हुए कहा कि यह चार विषयों को जोड़ती है. विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित. यह एक शिक्षण पद्धति है, जो व्यावहारिक शिक्षा और वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने पर केंद्रित है. केवल जानकारी याद करने के बजाय, छात्रों को यह समझने का मौका मिलता है कि चीजें कैसे काम करती हैं और जो वे सीखते हैं, उसे वास्तविक स्थितियों में लागू करते हैं. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए निदेशक डॉ शंभूशरण सिंह ने कहा कि स्थिरता के लिए हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता की बहुत जरूरत है. पृथ्वी जलवायु परिवर्तन, संसाधनों की कमी और जैव विविधता के नुकसान जैसी अभूतपूर्व पर्यावरणीय चुनौतियों से जूझ रही है. इस घटना को रोकने के लिए हमारे प्रयासों में कार्रवाई करने में समय बर्बाद करने का कोई समय नहीं है. यह प्रशिक्षण बहुत सामयिक और प्रासंगिक है. प्रशिक्षण में जिले के अन्य विद्यालयों के 40 शिक्षक मौजूद हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

