छापेमारी में तकिया के नीचे से एक पिस्तौल व गोलियां हुईं थी बरामद 14 साल बाद आया फैसला, कैद के साथ अर्थदंड भी लगाया गया औरंगाबाद शहर. व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एसीजेएम-चार न्यायधीश प्रदीप चंद्रा ने नवीनगर थाना कांड संख्या 56/10, ट्रायल संख्या -768/25 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए दोषी को सजा सुनायी है. सहायक अभियोजन पदाधिकारी रणवीर ने बताया कि प्राथमिक अभियुक्त व नवीनगर प्रखंड के रघुनाथगंज गांव निवासी जितेंद्र चंद्रवंशी को आर्म्स एक्ट की धारा 25(1-बी)ए में दोषी पाते हुए तीन साल कैद की सजा और एक हजार रुपये जुर्माना लगाया है. धारा 26 में दो साल की सजा और एक हजार रुपये जुर्माना लगाया है. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी. वह नवीनगर थाना कांड संख्या -55/10 में भी अभियुक्त था. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक पुलिस अवर निरीक्षक सह थानाध्यक्ष कन्हैया सिंह 26 मार्च 2010 की सुबह नवीनगर थाना कांड संख्या -55/10 के अभियुक्त को गिरफ्तार करने के लिए रघुनाथगंज पुलिस बलों के साथ छापेमारी कर रहे थे. अभियुक्त को घर से गिरफ्तार कर जब तलाशी, ली तो खाट के तकिया के नीचे एक देशी पिस्तौल और कुछ गोलियां बरामद की गयी. अभियुक्त से उससे संबंधित दस्तावेज की मांग की गयी, तो अभियुक्त ने किसी तरह का दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया. तब विधिवत जप्ति सूची बनाकर पिस्तौल और गोली जब्त की गयी. इस वाद में 14 मई 2010 को चार्जशीट हुई. 18 मई 2010 को अभियुक्त पर संज्ञान लिया गया. 18 मई 2023 को अभियुक्त पर आरोप गठन हुआ. इसके बाद मंगलवार को यानी तीन जून निर्णय पर अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा सुनाई गयी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है