अभाविप ने किया प्रा रवींद्र केसरी शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन, 500 शिक्षक हुए सम्मानित
औरंगाबाद शहर. कलेक्ट्रेट परिसर स्थित टाउन हॉल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रा रवींद्र केसरी शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न कॉलेजों में कार्यरत लगभग 500 शिक्षकों को अंगवस्त्र व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन मगध विद्यालय के कुलपति डॉ शशि प्रताप शाही, अभाविप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला, सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुधीर कुमार मिश्र, रेडक्रॉस के चेयरमैन सतीश कुमार सिंह आदि ने दीप जलाकर किया. समारोह में शिक्षकों की समाज निर्माण में भूमिका और शिक्षा की महत्ता पर विस्तार से विचार रखे गए. कार्यक्रम का संचालन रोहित कुमार ने किया. अपने संबोधन में कुलपति ने कहा कि हम सभी अध्यापक समाज निर्माण के लिए कार्य कर रहे हैं. प्राध्यापक रविंद्र केसरी के आदर्शों को अपनाना चाहिए. हमसभी को पूरी सक्रियता से समाज की बेहतरी के लिए योगदान देना होगा. उन्होंने अभाविप के कार्यक्रमों की सराहना की और बताया कि अब विश्वविद्यालय का शैक्षणिक सत्र नियमित हो गया है. परीक्षाएं समय पर हो रही हैं और परिणाम घोषित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि समारोह में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने विदेश नीति, आत्मनिर्भर भारत और शिक्षा प्रणाली पर चर्चा करते हुए कहा कि आज हमें समाज को दिशा देने वाली शिक्षा पर बल देना होगा. नई शिक्षा नीति आत्मनिर्भर भारत बनाने में सहायक होगी. हमारी शिक्षा, सभ्यता व संस्कृति समृद्ध थी. आज हम चौराहे पर खड़े हैं. इसमें अगड़ा-पिछला और जात-पात मुख्य कारण है. उन्होंने मातृभाषा, कौशल विकास और भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व पर जोर दिया. कहा कि नई शिक्षा नीति नये भारत की आधारशिला बनेगी. इसे हमसभी आत्मसात करते हैं तो काफी लाभ होगा. इजरायल, जापान, कोरिया जैसे देश अपनी भाषा, शिक्षा व टेक्नोलॉजी की बदौलत काम कर रहे हैं. राष्ट्र के निर्माण में मातृभाषा अहम है. कुलपति ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के सामने सबसे बड़ी चुनौती शोध को प्रोत्साहित करने की है. छात्रों को स्वयं विषय चुनकर शोध करना चाहिए ताकि समाज को कुछ नया मिले और राष्ट्र का भला हो. उन्होंने बताया कि मगध विश्वविद्यालय में केंद्र सरकार की एक नई योजना के तहत एक विशेष केंद्र खोला जा रहा है, जहां परंपरा और टेक्नोलॉजी को मिलाकर काम होगा. अंत में अभाविप की मांग पर उन्होंने सरकारी महाविद्यालयों में 10 प्रतिशत सीट बढ़ोतरी करने का आश्वासन दिया. साथ ही सिन्हा कॉलेज में मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस और यादव कॉलेज में बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस की पढ़ाई शुरू कराने का आश्वासन दिया. इस दौरान श्री भागवत प्रसाद सिंह मेमोरियल बीएड कॉलेज के निदेशक अभय कुमार सिंह को मेमेंटो व प्रशस्ति पत्र देकर कुलपति ने सम्मानित किया़भविष्य को ध्यान में रखकर करना होगा काम
कार्यक्रम में वक्ता के रूप में शिरकत कर रहे अभाविप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री वाज्ञवल्क्य शुक्ला ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में सबसे अधिक योगदान शिक्षकों का है. उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य निर्माण में मां के समान भूमिका शिक्षकों की होती है. भगवान राम और कृष्ण ने भी अपने गुरुजनों से शिक्षा ग्रहण की थी. भारत तभी मजबूत होगा जब हमारी शिक्षा भारतीयता पर आधारित होगी. कहा कि आज अपने अधिकार प्राप्ति की आपाधापी में हमारे कर्तव्य पीछे छूट रहे हैं. हमें समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाना होगा. इसपर विश्वविद्यालयों को भी काम करना होगा. अगले 50 साल बाद की स्थिति को ध्यान में रखकर परिचर्चा करनी होगी और इसमें शिक्षक अहम योगदान निभा सकते हैं.राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका : सतीश
रेड क्रॉस सोसायटी के चेयरमैन सतीश सिंह ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका अतुलनीय है. शिक्षकों के कार्यों की तुलना नहीं की जा सकती है. उन्होंने कार्यक्रम आयोजन के लिए अभाविप की सराहना की. कहा कि वे अभाविप के कार्यों के कायल हैं. सदैव छात्रों के हितों के लिए यह संगठन सक्रिय रहता है.बेहतर समाज निर्माण हमारा कर्तव्य : प्राचार्य
सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुधीर कुमार मिश्र ने कहा कि हमसभी अध्यापक के रूप में काम कर रहे हैं और बेहतर समाज निर्माण करना हमारा कर्तव्य है. प्राध्यापक रवींद्र केसरी के आदर्शों को अपनाना चाहिए और प्रशंसनीय कार्य करना चाहिए. उन्होंने अभाविप के कार्यों की सराहना की. कहा कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के प्रयास से शैक्षणिक सत्र रेगुलर हो गया. समय पर परीक्षाएं हो रही है और परिणाम घोषित हो रहे हैं. मौके पर सिंडिकेट मेंबर नरेंद्र प्रसाद, विमल कुमार मंगलम, ब्रजेश राय, रामलखन सिंह यादव कॉलेज के प्राचार्य विजय रजक, किशोरी सिन्हा महिला महाविद्यालय की प्राचार्या अरूंजय कुमार, अभाविप के पूर्व प्रदेश मंत्री दीपक कुमार, नगर अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह, नगर मंत्री प्रभात कुमार, सह मंत्री सूरज पासवान सहित अन्य लोग उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

