औरंगाबाद शहर. प्रभारी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष विश्व विभूति गुप्ता ने 13 सितंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों के बारे में जानकारी दी. प्रभारी जिला जज ने न्यायालयों से संबंधित सुलहनीय वादों में अब तक की गयी कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध कराया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए न्यायालय में लंबित सभी तरह के सुलहनीय वादों से संबंधित नोटिस को पुलिस के माध्यम से पक्षकार को हस्तगत कराया गया है. साथ ही तामिला प्रतिवेदन पर प्राप्त मोबाइल संख्या के आधार पर कार्यालय द्वारा उन्हें राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन उपस्थित रहने के लिए सूचित किया गया है. उन्होंने सभी विभागों द्वारा अपने विभाग अंतर्गत लंबित सुलहनीय वादों की सूची उपलब्ध कराने हेतु दिये गये निर्देश से अवगत कराया. बताया कि सभी संबंधित विभागों, न्यायालय तथा संबंधित पदाधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक का आयोजन किया गया है. उन्होंने बताया कि इस जिला में पहली बार परिवहन व यातायात चालान से संबंधित बेंच का गठन किया गया है, जिसमें जिला परिवहन पदाधिकारी स्वयं उपस्थित रहकर इस प्रकार के वादों को निस्तारण करेंगे. परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ने बताया कि परिवारिक मामलों के निस्तारण में यह जिला पूर्व में भी अच्छा रहा है और इसे और अव्वल बनाने की प्रक्रिया जारी रहेगी और इसके लिए कई वादों का चयन किया गया है. प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल ने बताया कि प्रारंभिक स्तर पर अभी तक 2380 सुलहनीय वाद जो न्यायालय में लंबित है चिह्नित किया गया है तथा 51 वादों में निस्तारण के लिए सहमति प्रदान किया गया है. 600 वादों के निस्तारण के लक्ष्य की बात कही. साथ ही प्री-लिटिगेशन के अंतर्गत 5000 से अधिक बैंक ऋण संबंधित मामलों में पक्षकारों को नोटिस किया गया है तथा 1500 से अधिक मामलों को इस लोक अदालत में निस्तारण का लक्ष्य रखा गया है और इनसे संबंधित नोटिस प्रेषण की कार्रवाई की जा चुकी है, जिसे आगे बढ़ने की संभावना है. साथ ही बताया गया कि न्यायालय स्तर से बड़े पैमाने पर नोटिस प्रेषित करने की कार्रवाई की गयी है जिससे कि न्यायालय में लंबित सभी तरह के सुलहनीय मामलों का अधिक से अधिक निस्तारण संभव हो सकेगा. प्रभारी प्रधान न्यायाधीश एवं सचिव द्वारा जिला वासियों से संयुक्त रूप से आह्वान किया गया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत का ज्यादा-से ज्यादा लाभ उठायें.
13 बेंचों का किया गया है गठन
राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय एवं दाउदनगर अनुमंडलीय न्यायालय को मिलाकर कुल 13 बेंचों का गठन किया गया है जिसमें वादों का त्वरित निष्पादन किया जायेगा. सचिव ने बताया कि औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में राष्ट्रीय लोक में वादों के निष्पादन हेतु बेंच संख्या एक पर भरण-पोषण वाद तथा पारिवारिक मामले, बेंच संख्या संख्या दो पर मोटर दुर्घटना वाद, ईजराय वाद, बेंच संख्या तीन पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय से संबंधित सुलहनीय वाद तथा खनिज, वन, श्रम एवं बिजली आदि से सम्बन्धित वाद, बेंच संख्या चार पर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम के न्यायालय से संबंधित सुलहनीय वाद, बेंच संख्या पांच पर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तृतीय एवं चतुर्थ के न्यायालय से संबंधित सुलहनीय वाद, बेंच संख्या छह पर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी षष्टम एवं सप्तम् के न्यायालय से संबंधित सुलहनीय वाद तथा एनआई अधिनियम के वाद , बेंच सात पर औरंगाबाद जिला के सभी बैंक से ऋण वाद, बेंच संख्या नौ पर न्यायिक दंडाधिकारी राजीव कुमार प्रथम श्रेणी एवं दूरभाष से संबंधित मामले, बेंच संख्या दस पर शुभांकर शुक्ला के न्यायालय से संबंधित मामलें एवं दप्रसं की धारा 107 एवं 144 से संबंधित वाद, बेंच संख्या 11 पर यातायात चालान तथा परिवहन से संबंधित मामलों का निस्तारण किया जायेगा. अनुमंडलीय न्यायालय, दाउदनगर के लिए गठित बेंच के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि बेंच संख्या 12 पर अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी, दाउदनगर एवं दप्रसं की धारा 107 एवं 144 से संबंधित वाद का निस्तारण किया जायेगा. बेंच संख्या 13 पर आशीष कुमार एवं श्वेताभ शांडिल्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय से संबंधित सुलहनीय आपराधिक वाद का निस्तारण किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

