औरंगाबाद/कुटुंबा़ अगर आप औरंगाबाद-हरिहरगंज राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर यात्रा करते हैं, तो बिल्कुल संभल कर जाइए. अन्यथा आपकी जान जा सकती है. उक्त पथ डेंजर जोन बना हुआ है. आये दिन उक्त पथ से गुजरने वाले यात्रियों में इस बात को लेकर मन में डर बना हुआ है. शहर-बाजार से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाके में इस लाइलाज समस्या की चर्चा हो रही है. औरंगाबाद-हरिहरगंज नेशनल हाइवे 139 की स्थिति ऐसी हो गयी है कि प्रायः बाइक चालक उस पथ से होकर गुजरने में सहम रहे हैं. एनएच से होकर प्रति मिनट दर्जनों ऑटो, बाइक, फोर व्हीलर, सवारी गाड़ी, बस के साथ भारी वाहनों के गुजरने से सड़क पूरी तरह संकीर्ण बन चुकी है. ऐसे में हर दिन दुर्घटना में किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो रही है. इसके बावजूद विभाग संवेदनशील नहीं दिख रहा है. वर्तमान में सड़क पर दर्जनों जगह असंख्य गड्ढे उभरे है. सड़क के दोनों किनारे लंबी-लंबी लकीरें उभर आयी हैं, जो वाहन चालकों को अचानक अपने आगोश में लेकर मौत की नींद सुला दे रही है. इधर, दो महीने के बीच औरंगाबाद से हरिहरगंज तक दर्जनों लोगों की मौत इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है. स्थानीय समाजसेवी जैनेंद्र सिंह कुशवाहा, अधिवक्ता अरुण कुमार पांडेय, चंदन तिवारी, अजीत कुमार, राजीव पांडेय आदि बताते हैं कि जिस सड़क को पांच साल पहले ही फोरलेन बन जाना चाहिए था, उस पर अब तक विभागीय चिंतन जारी है. आखिर विभाग सड़क सुदृढ कराने से क्यों परहेज कर रहा है सोचनीय विषय बना हुआ है.
कहीं बड़े हादसा का इतंजार तो नहीं
एनएचएआइ की इस संवेदनहीनता से दर्जनों लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं. स्थानीय बुद्धिजीवियों का कहना है कि एनएच के अधिकारी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे है. सड़क का फोर-लेन बनने से सैकड़ों लोगों की जान बच सकती थी. इधर, सूर्य अस्त होने से पहले से ही बाइक चालक जर्जर सड़क से होकर गुजरने से परहेज करते हैं. इसका मुख्य वजह है सूर्यास्त के बाद कभी भी बाइक सवार हाइवा ट्रेलर व भारी वाहन के चपेट में आ सकते है .इसके बावजूद विभागीय स्तर पर पहल नहीं की जा रही है. यहां तक कि एनएच अंबा बाजार की नाली सफाई कराने में भी अब तक सफल नहीं हुआ.दोमुहान पुल से लेकर चतरा मोड़ तक खौफनाक जोन
रिसियप थाना क्षेत्र के बतरे बटाने नदी का संगम स्थलपर बने दोमुहान पुल पर पश्चिम की ओर सड़क पर बनी लंबी लकीरें पूरी तरह जानलेवा बनी हुई है. इधर, भटकुर गांव के समीप भी सड़क पर बिछाई गयी गिट्टियां किनारे जाकर ब्रेकर सी बन गयी है. ऐसे में उक्त पथ से गुजरने के दौरान चार पहिया वाहन चालक की जान तो इससे बच जाती है, पर दोपहिया वाहन के चालक उबर-खाबड़ गड्ढे की चपेट में आ जाते है. सड़क में उभरी लकीर इतनी खतरनाक हो गयी है कि सामने से दूसरे वाहन के गुजरने के दौरान बाइक चालक को साइड लेने में गिरना तय है. खासकर बिजहर, रिसियप, भड़कुर, तिताई बिगहा व चतरा मोड़ के करीब भी सड़क की यही स्थिति बनी हुई है. विभागीय अनदेखी का खमियाजा नवीनगर व कुटुंबा प्रखंड के लोगों के अलावा झारखंड वासियों को भी भुगतान पड़ रहा है. वैसे उक्त पथ से जिले के अलावा अन्य जगह के लोग लंबी सफर करते है. सड़क न बनने से लोगों में भारी मायूसी देखी जा रही है. इधर, स्थानीय नागरिक दिनेश प्रसाद कश्यप, नीरज पांडेय, संजय कुमार, संतोष कुमार सिंह, अजय कुमार पांडेय, वेदप्रकाश तिवारी, विजय कश्यप व रिंकू सिंह आदि बुद्धिजीवियों ने विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन व सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए लोगों की समस्या से निजात दिलाने की मांग की है.क्या बताते हैं कार्यपालक अभियंता
एनएच के कार्यपालक अभियंता तुलसी प्रसाद ने बताया कि सड़क में जिस जगह पर लकीरें बन गई है, उसे ठीक करने के लिए मशीन मंगाया गया है. कई जगह पर कार्य शुरू है. अगले 10 दिनों में सभी जगहों पर सड़क को ठीक कर दिया जायेगा.
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