औरंगाबाद ग्रामीण. तीन दिन पहले इमरजेंसी वार्ड से हटाकर पुरानी भवन के मुख्य द्वार पर रहे वार्ड में माइनर ओटी शिफ्ट करना अस्पताल प्रशासन के लिए परेशानियों का कारण बन गया. अंतत: उक्त निर्णय को बदलते हुए पुन:इमरजेंसी वार्ड में ही पुरानी जगह पर माइनर ओटी को शिफ्ट कर दिया गया. यूं कहे कि 50 से 60 घंटे के भीतर माइनर ओटी को पुराने जगह पर शिफ्ट किया गया. इसके पीछे जो परेशानी सामने आ रही थी उसमें माइनर ओटी और इमरजेंसी वार्ड की ओपीडी की बीच की दूरी और डॉक्टर तथा मरीज के बीच संपर्क बहाल नहीं होना कारण बताया जा रहा था. हालांकि, नये जगह पर शिफ्ट किये गये माइनर ओटी से मरीजों व उनके परिजनों को तत्काल लाभ मिलता,लेकिन ओपीडी समीप में नहीं होने से तत्काल लाभ परेशानियों से घिर गया. दो दिनों में ओटी और ओपीडी के बीच की अफरा-तफरी ने अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़ा किया. ऐसे में निर्णय को बदलना पड़ा. जानकारी मिली कि कुछ लोगों ने हंगामा भी किया था. ज्ञात हो कि हाल ही में डॉ सुरेंद्र कुमार को डीएस के पद से हटाकर रफीगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार सिंह को सदर अस्पताल का एसीएमओ और उपाधीक्षक बनाया गया है. डॉ अरविंद ने पदभार ग्रहण करते ही अस्पताल की व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास शुरू कर दिया. इसी प्रयास का एक उदाहरण था नई माइनर ओटी. जानकारी मिली कि जिस दिन मेल वार्ड में माइनर ओटी को शिफ्ट किया गया, उसी दिन मरीजो व स्टाफ नर्सो सहित कर्मियों के साथ बहसबाजी हुई. जैसे ही मरीज इलाज के लिए अस्पताल में उतरा तो उसे खून से लथपथ देख सुरक्षा कर्मियों ने कहा कि ओटी यही पर बना दिया गया है. इसके बाद मरीज डॉक्टर से दिखाए बिना ही स्वास्थ्य कर्मियों को इलाज करने बात कही. जब स्वास्थ्य कर्मियों ने डॉक्टर से दिखाने की बात कही तो मामला विवाद में बदल गया. इस दौरान कर्मियों व मरीज के परिजनों के साथ बहसबाजी हुई. अंततः कर्मियों ने मरीज का इलाज किया. इसके बाद वह डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर भड़क उठे. डॉक्टर का कहना था कि बिना डॉक्टर के देखें मरीज का कर्मी ने इलाज कैसे किया. इस खबर को प्रभात खबर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जब खबर छपी तो कार्रवाई हुई. मंगलवार की सुबह माइनर ओटी को मेल वार्ड से पहले वाली जगह पर ही शिफ्ट कर दिया गया. वैसे माइनर ओटी की समस्या समाप्त हो गयी है. मरीजों को पुनः पहले जैसा ही व्यवस्था मिलने लगा. सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रफुल कांत निराला ने बताया कि मेल वार्ड में मरीजों की सुविधा को देखते हुए माइनर ओटी को शिफ्ट किया गया था. इससे कुछ लोगों को परेशानी होने लगी और डॉक्टरों का कक्ष कुछ दूर होने का कारण फिर से उसी जगह पर माइनर ओटी को शिफ्ट करा दिया गया.
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