औरंगाबाद कार्यालय. सदर अस्पताल में एसीएमओ सह प्रभारी उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार को पदभार ग्रहण करने के बाद अस्पताल की कुव्यवस्था अब व्यवस्था में बदलती दिख रही है. तमाम समस्याओं को युद्ध स्तर पर दूर करने का प्रयास शुरू हो गया है. बड़ी बात यह है कि माइनर ओटी में अब बदलाव किया गया है. जिस जगह पर (इमरजेंसी वार्ड) ओपीडी का संचालन हो रहा है उसी जगह पर माइनर ओटी है. ऐसे में घटना-दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को ओटी तक पहुंचाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अब इस परेशानी को दूर कर लिया गया है. सदर अस्पताल के पुरानी भवन के प्रवेश द्वार के समीप वाले वार्ड में माइनर ओटी की व्यवस्था बनायी गयी है. कुछ घंटे बाद से ही इसका लाभ मरीजों को मिलने लगेगा. नये माइनर ओटी में मरीजों को पहुंचाने के लिए न स्ट्रेचर मैन की जरूरत है और न टांगकर पहुंचाने की आवश्यकता है. एंबुलेंस लगते ही मरीज सीधे ओटी में चला जायेगा.
मरीजों से उपाधीक्षक ने जाना हाल, सुविधाओं का लिया जायजा
शनिवार की दोपहर एसीएमओ सह उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार सिंह ने सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया. मरीजों को मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया. उनसे समस्या भी जानी. इलाज के बारे में भी पूछताछ की. उपाधीक्षक ने बताया कि सदर अस्पताल की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है. माइनर ओटी में बदलाव किया गया है. पुराने माइनर ओटी कक्ष के बजाय अस्पताल के पुरानी भवन के प्रवेश द्वार के समक्ष ही वार्ड को ओटी के रूप में तब्दील किया जा रहा है. निरीक्षण के दौरान उपस्थित अस्पताल प्रबंधक को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जल्द प्रक्रिया को पूर्ण करें. डाटा ऑपरेटर की कमी को देखते हुए अब व्यवस्था सुदृढ़ किया गया है. तीन डाटा ऑपरेटर उपलब्ध करा दिये गये है. उन्होंने मरीजों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता पर मरीजों से पूछताछ की. मरीजों ने भोजन को बेहतर बताया, लेकिन शिकायत की कि उन्हें वार्ड से बाहर भोजन दिया जाता है. ऐसे में उपाधीक्षक ने तुरंत आदेश दिया कि जीविका दीदियां या जीविका के कर्मचारी मरीजों के बेड पर भोजन उपलब्ध करायेंगे, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो. इधर, अस्पताल निरीक्षण के दौरान डॉ मिथलेश कुमार सिंह, अस्पताल प्रबंधक प्रफुल्ल निराला, आउट सोर्सिंग संचालक सौरभ कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
एक सप्ताह के भीतर नये भवन में शुरू होगा काम-काज
सदर अस्पताल के नये भवन जी प्लस नाइन में विभिन्न विभागों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है. उपाधीक्षक ने बताया कि लिफ्ट सुविधा को बहाल कर दिया गया है. अब मरीज के साथ-साथ डॉक्टर व कर्मचारी लिफ्ट का उपयोग करेंगे. एक सप्ताह के भीतर संबंधित विभाग को नये भवन में शिफ्ट कर दिया जायेगा. इसी के साथ काम–काज भी प्रारंभ हो जायेगा.दलालों से सावधान का लगेगा बोर्ड, सुविधाएं भी रहेंगी अंकित
सदर अस्पताल में दलालों के वर्चस्व को खत्म करने की भी तैयारी हो चुकी है. ज्ञात हो कि वर्षों से सदर अस्पताल में दलाल हावी रहे है. इलाज से लेकर दवा और जांच से लेकर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र व मेडिकल सर्टिफिकेट में दलालों की एक अलग भूमिका रही है. उपाधीक्षक ने बताया कि अस्पताल प्रबंधक को निर्देश दिया गया है कि वे जगह-जगह दलाल से सावधान का बोर्ड लगाएं. साथ ही मरीजों को मिलने वाली नि:शुल्क सुविधाओं से संबंधित बोर्ड लगाएं, ताकि दलालों के चंगुल में मरीज या उनके परिजन नहीं फंस सके.अर्थो की समस्या खत्म, डॉ विकास ने किया ज्वाइन
हड्डी रोग विशेषज्ञ व शहर के जाने-माने डॉक्टर विकास कुमार की सेवा सदर अस्पताल को पुन: शुरू हो गयी है. शनिवार से उन्होंने काम-काज शुरू कर दिया है. पूर्व में काफी दिनों तक डॉ विकास ने सदर अस्पताल में अपनी सेवा दी, लेकिन कुछ दिन पहले उन्हें अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ भेज दिया गया था. अब एक बार फिर उन्हें सदर अस्पताल में अगले आदेश तक पदस्थापित किया गया है. जिला स्वास्थ्य समिति ने इससे संबंधित आदेश भी निर्गत किया है. सिविल सर्जन के आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि डॉ विकास कुमार अगले आदेश तक सदर अस्पताल में कार्य करना सुनिश्चित करेंगे.
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