औरंगाबाद शहर : यदि आपको शिक्षक बनना है तो आ जाइये चांद जन कल्याण समिति के कार्यालय में, और महज 3500 रुपये की शुल्क देकर आप इसके सदस्य बन कर शिक्षक की नौकरी पाने का हकदार हो जाएं .जैसे ही आप शिक्षक बनने का हकदार हो जायेंगे तो आपको 3500 रुपये का एक रसीद मिलेगा, जिस रसीद को प्राप्त करने पर यह समझा जायेगा की आप संस्था से जुड़ गए हैं और संस्था के लिए काम करेंगे.
20 सवालों का जवाब दीजिए और बन जाइए शिक्षक : रसीद प्राप्त करने के बाद वहां बैठे इस कल्याण समिति के कौन बनेगा करोड़पति की तरह आपसे 20 सवाल पूछे जायेंगे, यदि आपने इन सवालों में से 15 सवालों का जवाब सही दिया, तो आप अपने वार्ड के शिक्षक बन जायेंगे और आपको बच्चों को पढ़ाने का अधिकार भी मिल जायेगा. हालांकि शिक्षक बनने के बाद संस्था की तरफ से कोई नियुक्ति पत्र भी नहीं दिया जायेगा. यह मामला हालांकि पूरी तरह फजीवाड़ा का दिखता है.
देव थाना क्षेत्र के दतु बिगहा मोड़ पर चांद जन कल्याण समिति के कार्यालय से इस बहाली की प्रक्रिया की जा रही थी.पहले भी बहाली के नाम पर हो चुका है फर्जीवाड़ा : ज्ञात हो कि कुछ दिन पूर्व औरंगाबाद शहर में भी इसी तरह की एक कार्यालय को जांच के बाद सील कर दिया गया था. वैसे जिला शिक्षा पदाधिकारी स्पष्ट कहते है कि न तो शिक्षक बहाल करने वाली इस तरह की कोई संस्था है और न शिक्षकों की बहाली हो रही है.
24 घंटे में कागजात दिखाने का अल्टीमेटम
इसकी सूचना जब प्रखंड विकास पदाधिकारी को दी गयी, तो उन्होंने ऐसी जानकारी मिलने से इनकार किया लेकिन सूचना पर प्रखंड विकास पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और शिक्षक बहाली ,कार्यालय संचालन संबंधी अन्य कागजात की मांग की, तो सुपरवाइजर ने प्रधान सचिव के पत्र का हवाला दिया और कहा कि देव ही नहीं बल्कि औरंगाबाद के सिमरा रोड में भी इस तरह का कार्यालय खोल कर बहाली की जा रहा है जबकि प्रधान कार्यालय बिहार के सहरसा में है.
बीडीओ ने जब प्रधान सचिव के आदेश की कॉपीमांगी तो वो कागजात प्रस्तुत नहीं कर सका. जिस पर बीडीओ पंकज कुमार शक्तिधर ने बहाली एवं शिक्षिकाओं से सम्बंधित कागजातों को जब्त कर लिया और कार्यालय प्रभारी से कहा कि यदि संस्था संचालन से संबंधित कोई वरीय पदाधिकारियों का आदेश है तो 24 घंटा के अंदर प्रस्तुत करें, अन्यथा प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी .
