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बाजार में उतार-चढ़ाव, नोटबंदी को लेकर फिर भी पॉजिटिव हैं लोग

औरंगाबाद सदर.नोटबंदी के 20 दिनों के सफर में अब तक बाजार ने कई तरह के उतार-चढ़ाव देखे. कभी मार्केट में खुदरा रुपये को लेकर दुकानदार व ग्राहकों में झिक-झिक, तो कभी 10 के सिक्कों को लेकर फिजूल की अफवाह सुनने को मिली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पांच सौ व हजार के पुराने नोटों को बंद […]

औरंगाबाद सदर.नोटबंदी के 20 दिनों के सफर में अब तक बाजार ने कई तरह के उतार-चढ़ाव देखे. कभी मार्केट में खुदरा रुपये को लेकर दुकानदार व ग्राहकों में झिक-झिक, तो कभी 10 के सिक्कों को लेकर फिजूल की अफवाह सुनने को मिली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पांच सौ व हजार के पुराने नोटों को बंद करने के बाद बाजार में खुदरा रुपये के अभाव ने लगभग दस दिनों तक लोगों को खूब परेशान किया. लेकिन, मनी एक्सचेंज के बहाने मार्केट में आये खुदरा रुपये ने बाजार को बड़ी राहत दी थी. इधर, अचानक से मनी एक्सचेंज को बंद कर देने से एक बार फिर से लोग खुदरा रुपये व नये नोट के लिये उतावले दिख रहे हैं.
हालांकि, सरकार की नोटबंदी की पहल को सार्थक बनाने में और बाजार की स्थितिसुधारने में स्थानीय बैंक कमर कस कर लगे हैं. वे उपभोक्ताओं को कैश की किल्लत से बचाने के लिए हर तरह से उनकी मदद भी कर रही है. वहीं अब दुकानों में डेबिट व क्रेडिट कार्ड से भी रुपये स्वीकार किये जा रहे हैं. शादी-विवाह के अवसर पर होनेवाली खरीदारी पर भी लोगों को सहूलियत दी जा रही है. चेक और एटीएम व डेबिट कार्ड से पेमेंट की व्यवस्था सभी बड़े प्रतिष्ठानों में लगभग दिख रही है. हालांकि, दुकानदारों की मानें तो अब भी बाजार की स्थिति पूरी तरह नहीं सुधरी है और इसे सुधारने में और वक्त लग सकता है, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है.
नोटबंदी के खिलाफ बंद को व्यवसायियों ने नकारा
नोटबंदी को लेकर सोमवार को सड़क पर उतरे विभिन्न पार्टियों के लोगों ने शहर की दुकानें बंद कराने निकले, तो स्थानीय दुकानदारों ने बंदी को एक सिरे से नकार दिया. दुकानदारों में इस बात का भी रोष था कि अगर काला धन आपके पास है, तो आप नोटबंदी का विरोध करें, हम दुकानदार बेमौत क्यों मारे जायें. वैसे भी खुदरा रुपये की किल्लत के कारण दुकानदारी प्रभावित है. दुकान बंद कर हम आपका साथ क्यों दें. दुकान खुली रहेगी, तो कैश न सही कार्ड से पेमेंट होगा ही. दुकानदारों का कहना है कि अब तक बाजार कई तरह के उतार-चढ़ाव झेला है, तो आगे भी झेल लेगा. नोटबंदी को पॉजिटिव के रूप में देखें दुकानदार.
नोटबंदी के बहाने केंद्र सरकार को नाहक बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, जो लोग इस नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं उनका व्यक्तित्व खुल कर समाज के सामने आ रहा है. प्रधानमंत्री के नोटबंदी फैसले से आम लोग भी खुश है. ऐसे में प्रत्येक राज्य की सरकार को चाहिए कि वे नोटबंदी को सफल बनाने में ईमानदारी से प्रधानमंत्री का साथ दें. इससे देश की स्थिति बेहतर होगी.
अनिल सिंह, प्रांतीय संयोजक, हिंदू युवा
चाहे कुछ भी हो, कुछ तो बेहतर के संकेत मिल रहे हैं. नोटबंदी से मार्केट पर भले ही असर पड़ा है, लेकिन यह व्यवस्था सुधरते ही मार्केट में रौनक आने की संभावना है. सरकार की इस पहल से कैशलेस व्यवस्था लागू होने पर मार्केट का ट्रेंड बदलेगा. पहले और वर्तमान की दुकानदारी में बहुत अंतर आया है, पर नोटबंदी के फैसले का स्वागत करते हैं. आनेवाले एक-दो माह में जब मार्केट की व्यवस्था ठीक होगी, तो परिवर्तन जरूर दिखेगा.
जितेंद्र जैन, कपड़ा व्यवसायी
नोटबंदी के कारण व्यापार प्रभावित हुआ है. शुरुआत के 10 दिन मार्केट पूरी तरह ठप रहा, लेकिन सरकार द्वारा डेबिट कार्ड पर जैसे ही चार्जेज खत्म किये गये, बाजार की स्थिति सुधरी और ग्राहक व दुकानदारों को लाभ भी पहुंचा. कार्ड पेमेंट का लाभ मिल रहा है. पहले लोग कैश लेकर मोटरसाइकिल खरीदने आते थे. अब वे चेक, एटीएम और डेबिट कार्ड से पेमेंट कर रहे हैं. हालांकि, नोटबंदी से अब तक 60 प्रतिशत का व्यवसाय ड्राॅप हुआ है.
राकेश रंजन उर्फ छोटू, प्रोपराइटर, बजाज एजेंसी
मार्केट में अब भी खुदरा रुपये का अभाव दिख रहा है. थोक व खुदरा व्यापार में उधार लगने लगे हैं. नोटबंदी के बहाने लोग खरीदारी का पैसा लटका रहे हैं. दुकानदारी प्रभावित हुई है. छोटे-बड़े हर व्यवसायी नोटबंदी की मार झेल रहे हैं, लेकिन मार्केट की स्थिति सुधरने की संभावना के हसीन सपने भी लोग आंख बंद कर देख रहे हैं. नोटबंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित व्यवसायी हुए हैं.
मो शाजिद, थोक व खुदरा काॅस्मेटिक्स विक्रेता
नोटबंदी को लेकर विभिन्न विपक्षी पार्टियां दुकानों को बंद कराने रोड पर उतरी थी. लेकिन उसका कोई सकारात्मक असर नहीं दिखा. दुकानदार, दुकान बंद करने के पक्ष में बिल्कुल नहीं थे और न ही नोटबंदी का विरोध कर रहे थे. हां इन बीस दिनों में दुकानदारी बहुत प्रभावित हुई है, लेकिन किया क्या जाये. देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में अगर कुछ बेहतर किया जा रहा है, तो इसमें हर्ज ही क्या है.
अजीत चंद्रा, मोटर पार्ट्स विक्रेता
लगन की दुकानदारी बहुत प्रभावित हुई है. मार्केट लगभग 70 प्रतिशत गिर चुका है, पर डेबिट कार्ड और एटीएम से पेमेंट की व्यवस्था ने बाजार को बैलेंस किये हुए है. इससे आम लोगों को बहुत कुछ फायदा होना नहीं है, बस उन्हें परेशान किया जा रहा है. मार्केट की स्थिति सुधरने में अभी बहुत दिन लगेंगे. रुपये की किल्लत से हर लोग परेशान हैं.
खान इमरोज, संचालक, एक्शन व सियाराम शो रूम

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