रामगति शर्मा की मौत के बाद चिंतित परिजन.
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35 हजार के पुराने नोट देख कर ब्रेन हैमरेज
रामगति शर्मा की मौत के बाद चिंतित परिजन. नोट बदलने की चिंता में रूकी रामगति की सांसें औरंगाबाद शहर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पांच सौ व हजार के नोट को बंद करने की घोषणा के बाद अफरातफरी धीरे-धीरे कम हो रही है. इसके बावजूद नोटबंदी का सदमा लोगों पर भारी पड़ रहा है़ शहर […]
नोट बदलने की चिंता में रूकी रामगति की सांसें
औरंगाबाद शहर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पांच सौ व हजार के नोट को बंद करने की घोषणा के बाद अफरातफरी धीरे-धीरे कम हो रही है. इसके बावजूद नोटबंदी का सदमा लोगों पर भारी पड़ रहा है़ शहर के वार्ड नंबर 31 गंगटी गांव में नोटबंदी ने रामगति शर्मा नामक वृद्ध की जान ले ली. हुआ यह कि रामगति के पास 35 हजार रुपये के पुराने नोट थे. इन रुपयों को वह तिनका-तिनका जोड़ कर भविष्य के लिए जुटा रखे थे. घरवालों का कहना है कि नोटबंदी की घोषणा के बाद से वे अपने पुराने नोटों को बदलने की चिंता में परेशान थे. इस बीच उनका ब्रेनहैमरेज हो गया. परिजन उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गये,
फिर डॉक्टरों ने उनकी स्थिति गंभीर देखते हुए बड़े अस्पताल रेफर कर दिया. इधर, परिजनों को पता चला कि सात महीने का उनकी पेंशन भी बैंक में आयी है. बताया जा रहा है कि इसी स्थिति में परिजन उन्हें ले कर बैंक ले गये और फिर पेंशन की निकासी करने के बाद इलाज के लिए नारायण मेडिकल कॉलेज जमुहार ले गये. इलाज के क्रम में ही शनिवार को उनकी मौत हो गयी. देर शाम अदरी नदी श्मशानघाट पर उनका दाह संस्कार किया गया. रामगति शर्मा के पोता शिवराज शर्मा,
बहू बसंती देवी, कांति देवी, सूर्यमनी देवी, देवमनी देवी ने बताया कि वे वृद्ध जरूर थे, लेकिन पूरी तरह स्वस्थ थे. देश में नोटबंदी के बाद रुपयों की चिंता ने उनकी जान ले ली. इससे पहले 15 नवंबर को दाउदनगर में बैंक के सामने कतार में खड़े अरई गांव के रिटायर्ड सैनिक सुरेंद्र शर्मा की हृदयगति रूकने से मौत हो गयी थी. इधर, राजद के जिला प्रवक्ता डाॅ रमेश यादव ने कहा कि नोटबंदी की घोषणा केंद्र सरकार का तुगलकी फरमान है.
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