अरवल ग्रामीण : शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के 86वीं शहादत दिवस के अवसर पर इंकलाबी कारवां के तत्वावधान में समाजिक राजनीतिक संघर्ष व चुनौतियों के संदर्भ में युवाओं की भूमिका व भगत सिंह के प्रेरणास्रोत विरासत विषय पर एक भव्य सेमिनार का आयोजन नगर भवन में किया गया. जिसकी अध्यक्षता इंकलाबी कारवां के संयोजक सुबोध यादव ने की. युवाओं से लवालब नगर भवन में शहीदों के तैलचित्र पर पुष्पांजलि देते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया गया.
सेमिनार को संबोधित करते हुए जिला संयोजक ने कहा कि भगत सिंह के विचार मौजूदा दौर में बेहद प्रासंगिक है. भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की कुरबानी युवाओं के लिए प्रेरणा हैं. परिवार और समाज को तिलांजलि देने वाले इन बलिदानी महापुरुषों के लिए भी राष्ट्रप्रेम सर्वोपरि था. हंसते हुए कुरबानी कबूल कर ली, लेकिन गुलामी मंजूर नहीं किया. आज आजादी का मकसद ही बदल गया है. हर जगह लूट-खसोट और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. धन-बल के जोर पर चंद लोग गरीबों को आज भी गुलामी की जंजीरों में बांध रखा है. इन पुरखों की कुरबानी तभी सार्थक होगी जब समाज और राष्ट्र में एकरूपता कायम होगी.
पैसों के जोर पर युवाओं का भविष्य खरीदने वाले उन अमीरों की मानसिकता आज भी अंगरेजों से कम नहीं जो प्रतिभा को खरीदने से बाज नहीं आ रहे हैं. गरीबों और अमीरों के बीच दिनों दिन खाई बढ़ती ही जा रही. वहीं देश स्तर पर फांसीवाद लगातार अपना दायरा बढ़ा रहा है. गरीबों के पक्षधर छात्र, शिक्षक, बुद्धिजीवियों पर हमला हर रोज बढ़ रहा.