जुर्माना ज्यादा होना चाहिए था, क्योंकि जनप्रतिनिधि ने हल्की याचिका दायर कर न्यायपालिका का समय बरबाद करने की कोशिश की है. अदालत ने इस पर आश्चर्य जाहिर किया कि 23 साल पहले छपे एक लेख को लेकर याचिका दायर की गयी. याचिका में कहा गया कि यह लेख पिछड़ी जातियों के खिलाफ है और इसकी जांच होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माना देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है.
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अरवल के विधायक पर 10 लाख का जुर्माना
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अरवल के राजद विधायक रवींद्र सिंह को अनावश्यक याचिका दायर करने के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सिंह ने 1994 में एक पत्रिका में छपे लेख पर जांच की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी. इस याचिका को पटना हाइकोर्ट पहले ही खारिज […]
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अरवल के राजद विधायक रवींद्र सिंह को अनावश्यक याचिका दायर करने के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सिंह ने 1994 में एक पत्रिका में छपे लेख पर जांच की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी. इस याचिका को पटना हाइकोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है, जिसे सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षतावाले पीठ ने कहा, हमें यह समझ नहीं आ रहा कि यह याचिका क्यों दाखिल की गयी है, इसलिए याचिकाकर्ता पर 10 लाख का जुर्माना लगाया जाता है.
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