आरा.
दिग्गज राजनेता, शिक्षाविद् दादा भाई नौरोजी की 200वीं जयंती पर लोक चेतना मंच द्वारा मदन जी के हाता में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन भोजपुर जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष व वीकेएसयू के सीनेटर प्रो बलिराज ठाकुर ने किया. अपने संबोधन में प्रो बलिराज ठाकुर ने दादा भाई नौरोजी को भारत की राष्ट्रीय विचारधारा का प्रणेता बताते हुए कहा कि ””स्वराज्य”” शब्द का पहला प्रयोग दादा भाई नौरोजी ने ही किया था, जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने जन्मसिद्ध अधिकार बनाकर इस मंत्र की सिद्धि की थी.कांग्रेस के कलकता अधिवेशन के अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने कहा था कि हमें आपस के झगड़े भूलकर देश को समृद्ध बनाएं रखने का यत्न करना चाहिए. हम सब जाति बिरादरी के भेद भूलकर देश के हित में सम्मिलित बलिदान करें, तभी हमें स्वराज्य मिल सकता है. प्रो ठाकुर ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम को सही दिशा देने वाले अग्रिम पंक्ति के नेताओं में दादा भाई नौरोजी का प्रमुख स्थान है. संचालन करते हुए प्रो दिवाकर पांडेय ने कहा कि उनके जीवन में यह बात चरितार्थ थी कि मनुष्य दूसरों की सेवा करके ही अपना जीवन सार्थक बना सकता है. कवि समीक्षक जितेंद्र कुमार, शिवदास सिंह, डॉ बबन सिंह, प्रो अयोध्या प्रसाद उपाध्याय और डॉ सत्यनारायण उपाध्याय ने दादा भाई नौरोजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्हें तीन बार कांग्रेस का अध्यक्ष रहने का अवसर प्राप्त हुआ. जनार्दन मिश्र, डॉ ममता मिश्र, मधु मिश्र, डॉ रवींद्र कुमार ठाकुर, शशिकांत तिवारी, डॉ रेणु मिश्र, अमिताभ, राजेंद्र तिवारी, आनंद कुमार ओझा ने कहा कि समस्त देशवासी दादा भाई को राष्ट्र पितामह के रूप में याद करते हैं. धन्यवाद ज्ञापन पंकज ठाकुर ने किया.
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