आरा.
केंद्र सरकार द्वारा सांसदों को अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए प्रदान की जाने वाली सांसद निधि योजना (एमपीएलएड्स) के तहत मिले पैसे को खर्च करने में आरा लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुदामा प्रसाद पूरे बिहार में सबसे निचले पायदान पर हैं. अबतक वे अपने सांसद निधि से एक भी रुपये खर्च नहीं किये हैं. इंपावरइंडिया वेबसाइट के तहत जारी आंकड़ों के अनुसार, सांसद सुदामा प्रसाद के सांसद निधि कोष में अबतक कुल 9.8 करोड़ रुपये संचित है, जो अबतक जनता के कार्यों के लिए उपयोग में नहीं हुआ है. बता दें कि सांसद निधि के अंतर्गत हर सांसद को अपने संसदीय क्षेत्र में स्थानीय विकास कार्यों के लिए प्रत्येक वर्ष लगभग पांच करोड़ की राशि प्रदान की जाती है. इस निधि का उद्देश्य आम-जनता की आवश्यकताओं के अनुरूप छोटे-मोटे लेकिन महत्वपूर्ण विकास कार्यों को पूरा करना होता है. इनमें सड़कों का निर्माण, स्कूलों में सुविधाएं, सामुदायिक भवन, स्वास्थ्य केंद्र आदि का निर्माण शामिल है. बिहार के प्रत्येक सांसद के सांसद निधि में 9.8 करोड़ रुपये है, जिनमें बक्सर सांसद सुधाकर सिंह ने लगभग चार करोड़, काराकाट सांसद राजाराम सिंह ने 1.45 करोड़, पूर्णिया सांसद पप्पू यादव न 4.5 करोड़, सुपौल सांसद दिलेश्वर कामैत ने पांच करोड़, मधेपुरा सांसद दिनेश चंद्र यादव ने तीन करोड़ रुपये, सासाराम सांसद मनोज कुमार ने 2.53 करोड़, अबतक विकास कार्यों के लिए खर्च कर चुके हैं, लेकिन वहीं आरा सांसद सुदामा प्रसाद के द्वारा 7.3 करोड़ रुपये से 93 योजनाओं की अनुशंसा की गयी है,जो ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के लिए प्रस्तावित हैं. स्थानीय लोगों में शंकर दयाल सिंह कहना है कि सांसद सुदामा प्रसाद के सांसद निधि में करोड़ों रुपये उपलब्ध होने के बावजूद जमीनी स्तर पर कोई योजना नहीं दिख रही है. वही गामीणों जनता में राजा सिंह, चंदन सिंह का आरोप है कि सांसद सुदामा प्रसाद क्षेत्र में आकर केवल भाषण देते हैं, लेकिन धरातल पर कोई कम नहीं हो रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

