आरा
. कृषि विज्ञान केंद्र भोजपुर आरा में मोटे अनाजों का प्रशंसकरण एवं मूल्य संवर्धन विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया. प्रशिक्षण का उद्घाटन एवं अध्यक्षता केंद्र की वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, डॉ शोभा रानी ने की. इस अवसर पर मुख्य प्रशिक्षक सुप्रिया वर्मा, वैज्ञानिक (गृह विज्ञान) ने प्रतिभागियों को मोटे अनाजों जैसे मड़ुआ, बाजरा, ज्वार एवं चीना (कोदो) से बने विभिन्न स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद तैयार करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को लड्डू, हलवा, नमकीन, खस्ता एवं पीठा जैसे पौष्टिक व्यंजन बनाने की विधियां सिखायी गयीं, मडवा नमकीन, मड़वा लड्डू, बाजार लड्डू, बाजरा रागी हलवा, मडवा खस्ता एवं जौ बाजरा पीठा महिलाओं के द्वारा तैयार किया गया. इस कार्यक्रम में भोजपुर जिले के विभिन्न गांवों से आयीं कुल 35 महिलाओं ने भाग लिया. अध्यक्षता कर रही डॉ शोभा रानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य आमजन को मोटे अनाजों के महत्व से अवगत कराना एवं उन्हें दैनिक आहार में शामिल करने के लिए प्रेरित करना है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में लोग मोटे अनाजों को “गरीबों का भोजन” मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि इन अनाजों में प्रोटीन, विटामिन, खनिज लवण, रेशा (फाइबर) एवं एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं. यही कारण है कि मोटे अनाज स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं और बच्चों, युवाओं एवं वृद्धों सभी के भोजन में विशेष महत्व रखते हैं. उन्होंने बताया कि मोटे अनाजों से बने विविध उत्पाद बच्चों के लिए विशेष रूप से बलवर्धक हैं और कुपोषण जैसी समस्याओं के समाधान में सहायक सिद्ध हो सकते हैं. प्रशिक्षण के दौरान केंद्र के अन्य वैज्ञानिकों डॉ. अजय कुमार मौर्य, डॉ. सच्चिदानंद सिंह, डॉ. आलोक भारती, डॉ. अनिल कुमार यादव एवं डॉ. विकास सिंह की उपस्थिति उल्लेखनीय रही. कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह प्रशिक्षण उनके लिए अत्यंत उपयोगी रहा तथा वे अब व्यंजनों को अपनाने और प्रचारित करने का कार्य करेंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

