आरा.
परमानपुर चातुर्मास व्रत स्थल पर भारत के महान मनीषी संत श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां पर भगवान विष्णु के अनेकों अवतार हुए हैं. दुनिया में कई देश हैं, लेकिन भारत में ही भगवान विष्णु का अवतार होता है. एक बार एक सज्जन ने सवाल पूछा कि भारत में ही भगवान अवतार क्यों लेते हैं. क्या भगवान भी पक्षपाती हैं. एक महात्मा जी ने उदाहरण देते हुए उनको समझाया. स्वामी जी ने कहा कि हम शास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार भारत में ही क्यों होता है, उसको बताते हैं. भारत एक ऐसा देश है, जहां पर बहुत ऐसे लोग हैं, जिनके पैर से एक चींटी भी गलती से दबकर मर जाती है, तब वह व्यक्ति कान पड़कर क्षमा याचना करने लगते हैं. बार-बार भगवान का नाम स्मरण करते हैं. गलती से एक चींटी मर गई, भगवान क्षमा करना. ऐसा भारत देश और भारत देश में रहने वाले लोग हैं. जहां पर अनजाने में भी गलती होने पर भगवान के नाम का कई बार उच्चारण करने लगते हैं. वैसे भारत की महान भूमि पर भगवान विष्णु अवतार लेते हैं. क्योंकि भगवान विष्णु अपने भक्तों को कृतार्थ करना चाहते हैं. इसीलिए बार-बार भक्तों के भक्ति को प्रकाशित करने के लिए भगवान भारत में ही अवतार लेते हैं. अन्य देशों के लोगों के खान-पान, रहन-सहन, व्यवहार उतना ज्यादा धार्मिक नहीं है. जितना भारत में वास करने वाले लोगों का आचरण, भोजन, व्यवहार, रहन-सहन धार्मिक है. भारत में भी वैसे लोग हैं, जो की धार्मिक प्रवृत्ति के नहीं है, लेकिन आज भी भारत में दुनिया की तुलना में सबसे अधिक संख्या में लोग भगवान की भक्ति आराधना करते हैं. स्वाभाविक है कि जहां पर भगवान के भक्त होंगे, जहां पर भक्ति होगी, वहीं पर भगवान का भी अवतार होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

