आरा.
हरींद्रानंदजी के पावन स्मृति दिवस चार सितंबर को वैश्विक शिव शिष्य परिवार भोजपुर के तत्वावधान में एक शिव गुरु परिचर्चा का आयोजन धोबहां बाजार पर किया गया. इस अवसर पर गुरु भाई उमेश जी ने कहा कि साहब एक-एक व्यक्ति को शिष्यता के सूत्र में शिव से जोड़ने का प्रयास प्रारंभ किये. घर-घर के बाबा शिव जिन्हें भारतीय परंपरा गुरु, आदि गुरु, गुराधिपति कहती आयी है. उनके गुरु पद से हम सभी विस्मृत हो गये हैं. इसी लिए लोगों को यह समझाने की जरूरत है कि भगवान शिव आज भी गुरु हैं और परिणाम दायी हैं. वहीं, मिथलेश मिश्रा ने कहा कि शिव को अपना गुरु बनाने की दिशा में मात्र मन ही साधन है. व्यक्ति के मन में शिव को अपना गुरु मानने का संकल्प यदि लंबे समय तक स्थिर रहता है तो वाह्य साधन की कोई आवश्यकता नहीं है. साहब हरींद्रानंद के अनुनय “आओ चलें शिव की ओर” इस संकल्प को आत्मसात करने में शिव शिष्य परिवार के सभी ने अपना योगदान किया, जिसमें अजय गुप्ता, विकास श्रीवास्तव, सुरेश प्रसाद, विपुल कुमार, शंकर प्रसाद, देव कुमार, शिव शंकर प्रसाद, रणजीत सिंह, वकील प्रसाद , दीपक केसरी, अशोक कुमार शारदा देवी रहे. मंच संचालन बीरेंद्र कुमार ने किया. इस अवसर पर शिव शिष्य परिवार की ओर से सभी भगवान शिव के गुरु स्वरूप से जुड़ने की अपील की गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

