अररिया. न्यायमंडल अररिया के एडीजे 04 रवि कुमार की अदालत ने 15 वर्षीय नाबालिग बेटी को मारपीट व प्रताड़ित कर अंततः हत्या कर देने का मामला प्रमाणित होने पर जिले के महलगांव थाना क्षेत्र के पदमपुर गांव की दोषी मां 35 वर्षीय अंजुम खातून पति असद उर्फ अरशद को उम्रकैद की सजा सुनायी है. दोषी मां को कारावास की सजा के अलावा विभिन्न धाराओं में 60 हजार जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर 18 माह की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतने का आदेश जारी किया गया है. सरकार की ओर से एपीपी प्रभा कुमारी मंडल ने बताया कि यह सजा एसटी 93/2022 में दी गयी है. उन्होंने आगे बताया कि 15 अक्तूबर 2021 की सुबह नौ बजे मां ने अपनी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी जुलेखा उर्फ बुधनी के साथ मारपीट कर उसे ऊंचाई से जान मारने की नियत से धक्का देकर गिरा दिया. जिसके कारण जुलैखा उर्फ बुधनी की मौत हो गयी. इस मामले में जुलैखा उर्फ बुधनी की दादी विधवा मंगली खातून पति स्व मो जैनुल ने अपनी पुतहु अंजुम खातून के विरुद्ध जोकीहाट थाना में कांड संख्या 487/2022 दर्ज करवाया था. इस मामले में केस आइओ ने आरोप पत्र 14 जनवरी 2022 को दाखिल किया था. संज्ञान 19 जनवरी 2022 को लिया गया. जबकि आसामी के विरुद्ध आरोप गठन 01 जून 2022 को किया गया. आरोप गठन के बिंदु पर आसामी अंजुम खातून ने कहा कि मैं ने अपनी बेटी को नहीं मारा है. बल्कि वह पेट दर्द के कारण मर गई थी. मुझे गलत फंसाया गया है. आरोप से इनकार करने पर आसामी अंजुम खातून के विरुद्ध न्यायालय ने ट्रायल को आगे बढ़ाते हुए 13 जून 2022 को साक्ष्य प्रारंभ का आदेश जारी किया. साक्ष्य के दौरान सभी साक्षियों ने घटना का पूर्ण समर्थन किया. साक्षियों के बयान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायाधीश रवि कुमार ने आरोपी मां को दोषी पाया. सजा के बिंदु पर आसामी अंजुम खातून के अधिवक्ता मो शौकत हयात ने अपना पक्ष रखा.
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