अररिया : बिहार राज भाषा परिषद व युवा साहित्य मंच हरियाबारा के संयुक्त तत्वावधान में शमीम राशीद के उपन्यास जिंदाबाद-मूर्दाबाद का विमोचन बुधवार को किया गया. इस अवसर पर उपस्थित मुख्य वक्ताओं में महबूब अमीन ने कहा कि वर्षों बाद ऐसा साहित्य का दर्शन हुआ है. उपन्यास पढ़ कर मन गदगद हो उठा है.
मो आजाद ने इसे कालजयी उपन्यास बताया. चंद्रभूषण ने कहा कि राशीद ने अपने उपन्यास के माध्यम से ग्रामीण जीवन की सोंधी खुशबू से परिचय कराया है. राम शरण मंडल ने कहा कि उपन्यास को पढ़ कर ऐसा लगा कि श्री राशीद में विराट साहित्य ऊर्जा विद्यमान है. इस सादे समारोह की अध्यक्षता अब्दुल बारी साकी ने की. उन्होंने कहा कि राशिद उपन्यास से ग्राम्य जीवन के दर्शन होते हैं तो कृष्ण चंद्र का स्मरण दिलाता है.