अनदेखी . पटवन की समस्या से किसान हैं िचंतित, अिधकारी नहीं दे रहे ध्यान
Advertisement
वर्षों से खराब है स्टेट बोरिंग, किसान परेशान
अनदेखी . पटवन की समस्या से किसान हैं िचंतित, अिधकारी नहीं दे रहे ध्यान बछवाड़ा : प्रखंड क्षेत्र के सभी राजकीय नलकूप की हालत मृत बनी हुई है. प्रखंड क्षेत्र में सही से एक भी बोरिंग वर्तमान में चालू नहीं है. करोड़ों रुपये की लगत से स्थापित सभी स्टेट बोरिंग अस्तित्व विहीन हो चुका है. […]
बछवाड़ा : प्रखंड क्षेत्र के सभी राजकीय नलकूप की हालत मृत बनी हुई है. प्रखंड क्षेत्र में सही से एक भी बोरिंग वर्तमान में चालू नहीं है. करोड़ों रुपये की लगत से स्थापित सभी स्टेट बोरिंग अस्तित्व विहीन हो चुका है. कहीं पर ट्रांस्फार्मर जले हैं तो कही बोरिंग के पाइप में ईंट व पत्थर से जाम हैं.
राजकीय नलकूपों को ठप हो जाने से किसानों को महंगे दाम पर पानी खरीदकर खेतों में पटवन करना पड़ रहा है. जिस कारण किसानों को आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ रहा है. प्रखंड क्षेत्र में कुल 13 राजकीय नलकूप हैं. सभी नलकूप कि हालत दयनीय बनी है. स्टेट ट्यूबवेल से खेतों तक बने नाले भी रखरखाव व मरम्मती नहीं होने से नाले भी मिट्टी पलीद होने के कगार पर है. नलकूप चालू नहीं होने के कारण नलकूप के लिए बना भवन झाड़ियों व खंडहर में तब्दील हो चुका है.
सरकार किसानों के दिखाते हैं सपने:किसानों का कहना है कि सरकार की ओर से कृषि के आधुनिक तौर तरीके अपनाने व कृषि प्रशिक्षण के नाम पर किसानों को महज सपने ही दिखाये जाते हैं. सिंचाई के सस्ते संसाधनों के अभाव में पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. डीजल के दाम में वृद्धि हो जाने से पंप सेट चलाकर महंगी सिंचाई सभी किसानों की वश की बात नहीं है. पंप सेट से 150 से 200 रुपये घंटे पानी खरीदकर सिंचाई करने में किसानों को आर्थिक रूप से कमर टूटने लगती है.
आर्थिक तंगी का करना पड़ता है सामना:किसान राम बाबू चौधरी, सूरज प्रसाद यादव, प्रेमशंकर राय, शिवदानी यादव, चंद्रमणि कुंवर, नंदकिशोर राय, भूषण राय, बबलू राय, रामाधार राय, सुरेंद्र राय, हरेराम महतो समेत कई किसानों ने बताया कि स्टेट बोरिंग के ठप हो जाने के कारण कृषि कि लगत पूंजी बढ़ गयी है. सिंचाई के मद में खर्च का बोझ बढ़ जाने से खेती घाटे का सौदा होते जा रहा है. वहीं गोविंदपुर तीन के सुरो गांव में पीएचइडी विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2000-2001 में चार स्टेट ट्यूबवेल का निर्माण किया गया. निर्माण के 17 वर्ष के बाद विद्युत ट्रांसफार्मर तो लगाया गया. लेकिन आज तक चालू नहीं किया गया. इलाके के किसानों ने क्षेत्र के सभी बंद पड़े नलकूप में लगे बिजली आपूर्ति जल्द चालू करने की मांग जिला प्रशासन से की है. मामले को लेकर जब पीएचइडी विभाग के एसडीओ से बात करने पर उन्होंने कुछ कहने से इनकार किया. मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया की नलकूप की देखभाल पीएचडी विभाग से की जाती है. इस मामले में पीएचइडी विभाग के अधिकारी से बातचीत कर इलाके के नलकूप को चालू किया जायेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement