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बिहार के कारखानों में मजदूरों से मनमानी होगी बंद, जानिए मार्च से किन कारखानों पर लगेगा ताला, गिरेगी गाज…

Bihar News: बिहार में कई छोटे-बड़े कारखानों को बंद करने की तैयारी चल रही है. मार्च से इसे लेकर अभियान चलाया जाएगा. काम करने वाले कामगारों के लिए श्रम नियम बनाए गए हैं. लेकिन उसका पालन कई जगहों पर नहीं किया जा रहा है. जानिए और किन वजहों से कारखानों पर गिरेगी गाज..

Bihar News: बिहार में कई छोटे-बड़े कारखानों को बंद करने की तैयारी चल रही है. मार्च से इसे लेकर अभियान चलने वाला है. श्रम नियमों का पालन नहीं करने वाले इन कारखानों के खिलाफ सख्ती अब शुरू होगी. बिहार में 8200 से अधिक रजिस्टर्ड कारखाने हैं लेकिन यहां काम करने वाले कामगारों के लिए श्रम नियम बनाए गए हैं लेकिन उनका पालन कई जगहों पर नहीं किया जा रहा है.

किन कारखानों पर गिरेगी गाज

बिहार में 82 सौ से अधिक रजिस्टर्ड कारखानों में दो लाख 10 हजार से अधिक श्रमिक काम करते हैं. इन कामगारों के लिए श्रम नियम बने हुए हैं. लेकिन, श्रम संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में यह बात सामने आयी है कि राज्य में छोटे-बड़े बहुत से ऐसे कारखाने चल रहे हैं, जो अब तक रजिस्टर्ड नहीं हैं. वहीं, बहुत से ऐसे भी कारखाने हैं. जहां श्रम नियमों का खुलेआम अनदेखी किया जा रहा है़. इन सभी कारखानों पर नियमानुसार जुर्माना और बंद कराने के लिए जिला स्तर पर टीम का गठन किया जाने वाला है.

मार्च से बंद कराए जाएंगे कारखाने

मार्च से राज्य में एक साथ ऐसे सभी कारखानों को पहले बंद कराया जायेगा, जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं है. इसके लिए विभाग के स्तर पर तैयारी कर ली गयी है. इस संबंध में सभी जिलों में भी कार्रवाई करने का निर्देश भेजा गया है.

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जुर्माना और जेल का प्रवाधान

राज्य में कारखाना संचालक के लिए सभी मानक तय है. कारखाना चलाने वाले सभी संचालकों को उन नियमों का हर हाल में पालन करना है. अगर कोई संचालक उन नियमों की अनदेखी करना है, तो उनका लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान है. बिना लाइसेंस लिए कारखाना का संचालन करना गलत है. इसमें जुर्माना और जेल का प्रावधान है.

इन नियमों का पालन करना है जरूरी

कारखानों में बाल श्रम नहीं कराना है. साथ ही, कारखानों में महिला श्रमिकों के यौन उत्पीड़न के रोकथाम के लिए नियम बनाये गये है, जिसमें एक समिति का भी गठन करना है.जिसमें सात लोगों की कमेटी होती है. कामगारों को भी वेतन भुगतान उनके बैंक खाता में मिले. श्रमिकों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी की दर से भुगतान देना भी सुनिश्चित कराना संचालकों के लिए बेहतर जरूरी है. बावजूद इसके कई कारखानों में इन नियमों को भी माना नहीं जाता है. यह व्यवस्था भी है अनिवार्य कारखाना में कार्यरत श्रमिकों के वार्षिक स्वास्थ्य जांच के विशेषनियम बनाये गये है. चिन्हित कारखानों में सुरक्षा पदाधिकारी, फैक्ट्री मेडिकल ऑफिसर्स एवं श्रम कल्याण पदाधिकारी भी रहेंगे, ताकि सुरक्षा मानकों से लेकर हर व्यक्ति का नियमित स्वास्थ्य जांच हो सकें.

बोले मंत्री..

राज्य में बिना निबंधन चल रहे कारखानों को चिन्हित कर उस सभी पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है वहीं, निबंधित कारखानों में नियमों का पालन हो और कामगारों को पूरी सुरक्षा मिले. नियमानुसार इसकी भी जांच के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया गया है.

-सुरेंद्र राम, मंत्री, श्रम संसाधन विभाग.

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