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अन्नु व रेणु की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश

पटना : लालगंज की विधायक अन्नु शुक्ला और बिहारीगंज की विधायक रेणु कुशवाहा की विधानसभा की सदस्यता पर संकट पैदा हो गया है. जदयू विधायक दल के नेता और मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के निर्देश के बाद संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष से इन दोनों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की […]

पटना : लालगंज की विधायक अन्नु शुक्ला और बिहारीगंज की विधायक रेणु कुशवाहा की विधानसभा की सदस्यता पर संकट पैदा हो गया है. जदयू विधायक दल के नेता और मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के निर्देश के बाद संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष से इन दोनों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है.

सिफारिश के बाद बिहार विधानसभा ने दोनों विधायकों को नोटिस किया है. सूत्रों का कहना है कि रेणु कुशवाहा ने नोटिस स्वीकार कर लिया है, जबकि अन्नु शुक्ला द्वारा नोटिस स्वीकार नहीं किये जाने पर उनके सरकारी आवास पर नेमप्लेट की बगल में इसे चिपका दिया गया है. विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में 17 जून को सुनवाई होगी. इधर, रेणु कुशवाहा ने कहा कि यदि मेरी सदस्यता रद्द की गयी, तो मैं कोर्ट जाऊंगी.

मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि इन विधायकों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. अन्नु शुक्ला ने वैशाली से पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ा था.

वहीं, पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा ने मधेपुरा से भाजपा प्रत्याशी व अपने पति विजय कुशवाहा के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था और भाजपा की सभाओं में मंच साझा किया था. 11 जून को जदयू की ओर से सदस्यता रद्द करने की सिफारिश विस अध्यक्ष को भेजी गयी थी. विधानसभा ने 12 जून को दोनों विधायकों को नोटिस जारी कर दिया था.

श्रवण कुमार ने कहा कि खगड़िया की निलंबित विधायक पूनम यादव और पिपरा की विधायक सुजाता देवी के निलंबन को जारी रखने या खत्म करने पर पार्टी विचार कर रही है. सूत्रों की मानें, तो जदयू की निलंबित विधायक पूनम यादव और सुजाता कुमारी ने राज्यसभा उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने का आश्वासन दिया है. इसके बाद उनके निलंबन को वापस लेने की तैयारी की जा रही है. अगर जदयू की दो विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है, तो विधानसभा में जदयू के सदस्यों की संख्या 117 से घट कर 115 रह जायेगी.

रेणु कुशवाहा राज्यसभा उपचुनाव में दोनों निर्दलीय उम्मीदवारों की प्रस्तावक हैं. उन्होंने कहा कि अगर मेरी सदस्यता समाप्त की गयी, तो मैं कोर्ट की शरण में जाऊंगी. जदयू सदस्यता खत्म करने की सिफारिश कर विधायकों को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहा है. यह पूरी तरह असंवैधानिक है. मैं पिछड़े वर्ग से आती हूं और महिला हूं, इसलिए मुझ पर कार्रवाई की जा रही है. उधर, अन्नु शुक्ला ने इस मामले में बयान देने से परहेज किया.

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