टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपनी तेज बल्लेबाजी से एक टेस्ट ओपनर की परिभाषा बदल दी. सहवाग ने भारत के लिए 104 टेस्ट, 251 एकदिवसीय और 19 टी-20 मैच खेले, जिसमें तीन प्रारूपों में क्रमशः 8586, 8273 और 394 रन बनाये. सहवाग टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर भी थे. इतने महान क्रिकेटर के लिए भी एक दौर ऐसा भी आया जब उन्होंने जल्दी संन्यास के बारे में सोचा.
2008 में वीरेंद्र सहवाग को किया गया था प्लेइंग इलेवन से बाहर
यह घटना भारत के 2008 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान की है. वीरेंद्र सहवाग ने एक शो में इस घटना के बारे में विस्तार से बताया, जब उनसे पूछा गया कि आलोचना से कैसे निपटा जाए. उन्होंने क्रिकबज शो 'मैच पार्टी' पर कहा कि दो प्रकार के खिलाड़ी होते हैं. एक प्रकार का खिलाड़ी विराट कोहली की तरह चुनौतियों को स्वीकार करने का आनंद लेता है. वह आलोचना सुनता है, और फिर वापसी करता है. फिर दूसरे प्रकार के खिलाड़ी हैं जो आलोचना पर प्रतिक्रिया नहीं करते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि वे क्या कर सकते हैं. मैं उस तरह का खिलाड़ी था.
वीरेंद्र सहवाग ने अपने रिटायरमेंट पर खुलकर की बात
सहवाग ने कहा कि मुझे इस बात की परवाह नहीं थी कि किसने मेरी आलोचना की और किसने नहीं. 2008 में, जब हम ऑस्ट्रेलिया में थे, तो मेरे दिमाग में रिटायरमेंट का विचार आया. फिर मैंने टेस्ट में वापसी की. सीरीज में 150 रन बनाये. वनडे में, मैं तीन-चार प्रयासों में इतना स्कोर नहीं कर सका. इसलिए, एमएस धोनी ने मुझे प्लेइंग इलेवन से हटा दिया. फिर मेरे दिमाग में एकदिवसीय क्रिकेट छोड़ने का विचार आया. मैंने सोचा कि मैं अब केवल टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा.
सचिन तेंदुलकर ने सहवाग को रिटायरमेंट से रोका
सहवाग ने आगे कहा कि सचिन तेंदुलकर ने मुझे उस समय रोका. उन्होंने कहा कि यह आपके जीवन का एक बुरा दौर है. बस रुको, इस दौरे के बाद घर वापस जाओ. सोचो और फिर तय करो कि आगे क्या करना है. सौभाग्य से, मैंने रिटायरमेंट की घोषणा नहीं की. उस समय चयनसमिति के अध्यक्ष के श्रीकांत ने मुझसे पूछा कि क्या करना है. मैंने कहा कि मुझे अच्छी फॉर्म में होने के बावजूद तीन-चार मैचों के लिए बाहर कर दिया गया. तो, मैं क्या करूं.
सहवाग ने भारत के लिए आखिरी बार 2013 में खेला
सहवाग ने खुलासा किया कि उसके बाद मैंने श्रीकांत से कहा कि अगर आप मुझे आश्वासन देते हैं कि आप मुझे सभी मैचों में चुनेंगे, तो मैं संन्यास के बारे में नहीं सोचूंगा. फिर श्रीकांत ने 2008 एशिया कप के दौरान एमएस धोनी से बात की. फिर धोनी ने मुझसे मेरी पसंदीदा बल्लेबाजी स्थिति के बारे में पूछा और मुझसे कहा कि मैं सभी मैचों में खेलूंगा. उसके बाद मैंने अच्छा क्रिकेट खेला. बता दें कि वीरेंद्र सहवाग ने आखिरी बार 2013 में भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था.