स्टीवन स्मिथ के शतकीय प्रहार की मदद से चार बार के चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 328 रन बनाये. जवाब में भारतीय टीम 46.5 ओवर में 233 रन पर ढेर हो गयी. अब तक फार्म में चल रहे भारतीय गेंदबाजों का सिक्का इस मैच में नहीं चला. इस टूर्नामेंट में पहली बार भारतीय गेंदबाज विरोधी टीम के पूरे दस विकेट नहीं चटका सके और काफी महंगे साबित हुए. वहीं बल्लेबाजी में विराट कोहली एंड कंपनी ने भी निराश किया.
कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने आखिर में 65 गेंद पर 65 रन बनाकर अकेले किला लड़ाने की कोशिश की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. विश्व कप सेमीफाइनल में 300 से अधिक का स्कोर बनाने वाली ऑस्ट्रेलिया पहली टीम बनी और यह भी दूसरी बार होगा कि कोई मेजबान देश खिताब जीतेगा. इससे पहले भारत ने 2011 में अपनी मेजबानी में हुए विश्व कप में खिताबी जीत दर्ज की थी.
ऑस्ट्रेलिया के लिये स्मिथ ने सिर्फ 93 गेंद में 11 चौकों और दो छक्कों के साथ 105 रन बनाये. आरोन फिंच ने उनका बखूबी साथ निभाते हुए 111 गेंद में 81 रन बनाये जिसमें सात चौके और एक छक्का शामिल था. उन्होंने स्मिथ के साथ दूसरे विकेट के लिये 31 ओवरों में 182 रन जोडे.
बाद में मिशेल जानसन ने सिर्फ नौ गेंद में चार चौकों और एक छक्के के साथ 27 रन बनाकर टीम को 320 के पार पहुंचाया. भारतीय तेज गेंदबाज पहली बार काफी महंगे साबित हुए. उमेश यादव ने नौ ओवर में चार विकेट लिये लेकिन 72 रन दे डाले. मोहम्मद शमी ने दस ओवर में 68 रन दिये और उन्हें विकेट नहीं मिली जबकि मोहित शर्मा ने 10 ओवर में 75 रन देकर दो विकेट चटकाये.
आर अश्विन ने 10 ओवर में 42 रन दिये और ग्लेन मैक्सवेल का कीमती विकेट लिया. इसी विकेट के चलते भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 350 के करीब पहुंचने से रोक दिया. ऑस्ट्रेलियाई पारी का आकर्षण स्मिथ की बल्लेबाजी रही. उसने 10वें ओवर में उमेश यादव को चार चौके जडे. उमेश ने पांच ओवरों के पहले स्पैल में 39 रन दे डाले. पहला चौका स्मिथ ने कवर ड्राइव के जरिये लगाया जबकि बाकी तीन चौके पुल शाट पर लगे.
एससीजी पर भारतीय समर्थक इतनी तादाद में थे कि पूरा मैदान नीले सागर में डूबा नजर आ रहा था. इनमें ऑस्ट्रेलियाई दर्शक स्मिथ के शाट्स पर कम आन ऑसी कम आन गाते सुनाई दे रहे थे तो भारतीय प्रशंसक जीतेगा भई जीतेगा के नारे लगा रहे थे.
वार्नर के जल्दी आउट होने के बाद फिंच और स्मिथ ने मिलकर ऑस्ट्रेलियाई पारी को आगे बढाया. फिंच ने सिंगल्स लिये तो स्मिथ ने ढीली गेंदों को नसीहत दी. स्मिथ के जाने के बाद मैक्सवेल ने शानदार शुरुआत की लेकिन अश्विन की चतुराई भरी गेंद पर वह डीप स्क्वेयर लेग सीमा पर कैच देकर आउट हो गए.
ऑस्ट्रेलिया दो विकेट पर 233 रन से पांच विकेट पर 248 रन पर पहुंच गया. शेन वाटसन (28) और जेम्स फाकनेर (21) ने 4.2 ओवर में 36 रन जोडे. भारत ने आखिरी दस ओवर में 87 रन दिये. जीत के लिये विशाल लक्ष्य के जवाब में भारत की शुरुआत अच्छी रही. रोहित शर्मा और शिखर धवन ने पहले विकेट के लिये 12.5 ओवर में 76 रन जोडे.
धवन का विकेट अहम रहा जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने दबाव बना दिया. हेजलवुड ने फार्म में चल रहे धवन को आउट करके इस साझेदारी को तोडा. उसके बाद से भारतीय टीम मैच में वापसी नहीं कर सकी. ऑस्ट्रेलिया के लिये मिशेल जानसन और मिशेल स्टार्क ने दो दो विकेट लिये जबकि जोश हेजलवुड को एक विकेट मिला. विराट कोहली ने पहली 12 गेंद में सिर्फ एक रन बनाया और 13वीं गेंद पर वह आउट हो गए. जानसन की उछाल लेती गेंद पर उन्होंने ब्राड हैडिन को कैच थमाया. रोहित शर्मा (34) ने अच्छी शुरुआत की लेकिन उसे बडी पारी में नहीं बदल सके.
सुरेश रैना (7) ने भी विकेट के पीछे कैच थमाया. धौनी और अजिंक्य रहाणे (44) ने 70 रन की साझेदारी करके ऑस्ट्रेलिया का इंतजार लंबा कराया. रहाणे को पवेलियन भेजने में स्मिथ की चतुराई का योगदान रहा. स्टार्क की गेंद पर रहाणे चकमा खा गए और गेंदबाज अपने रन अप की ओर बढ रहा था कि स्मिथ भागकर क्लार्क के पास गए और डीआरएस लेने को कहा.
तीसरे अंपायर ने रहाणे को आउट करार दिया. इसके बाद से भारत की हार दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ हो गई थी. यह पिछले 28 साल में पहली बार है जबकि कोई एशियाई टीम फाइनल में नहीं होगी. ऑस्ट्रेलिया ने अपना सेमीफाइनल में जीत का शत प्रतिशत रिकार्ड बरकरार रखा है.