किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि कपिल देव की अगुआई वाली भारतीय टीम सभी को चौंका कर विश्व चैंपियन बन जायेगी. यहां तक कि सटोरियों ने भी भारत को खिताब से कोसों दूर रखते हुए उस पर 66-1 का सट्टा लगाया था. लीग चरण के पहले ही मुकाबले में दो बार की विश्व चैंपियन वेस्ट इंडीज के खिलाफ भारतीय टीम की हालात खस्ता कर दी, लेकिन उसने न सिर्फ यह मैच जीता, बल्कि फाइनल में भी विंडीज को मात देकर विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया.
जिंबाब्वे के खिलाफ लीग मैच में भारतीय टीम ने एक समय 17 रन पर पांच विकेट गंवा दिये थे. कपिल (175 नाबाद) ने यहां से मोर्चा संभाला और पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ स्कोर 266 तक पहुंचाया. कपिल ने सैयद किरमानी के साथ (24) के साथ नौवें विकेट के लिए 126 रन की अटूट साझेदारी की. इसके बाद भारत ने जिंबाब्वे को 235 रन पर ढेर कर 31 रन से मैच जीता.
कपिल की इस पारी की फुटेज देखने को क्रिकेट प्रेमी आज भी तरसते हैं. प्रसारणकर्ताओं की आकस्मिक हड़ताल के कारण इसका प्रसारण नहीं हो सका. उस समय मैदान पर मौजूद दर्शक ही इस पारी का गवाह बन सके. सेमीफाइनल इंग्लैंड और भारत के बीच ओल्ड ट्रेफोर्ड के मैदान पर खेला गया. इंग्लैंड ने 214 रनों का लक्ष्य रखा.
भरतीय टीम ने सूझबूझ से बल्लेबाजी करते हुए लक्ष्य को 54.4 ओवरों में 217/4 रन हासिल कर पहली बार फाइनल में प्रवेश किया. लॉर्ड्स के मैदान पर हुए फाइनल में दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज का सामना भारत से हुआ. भारतीय टीम 54.4 ओवरों में 183 रनों पर ढेर हो गयी. वेस्टइंडीज का पहला विकेट गिरने के बाद नियमित अंतराल में विकेट गिरे, जिसके चलते कैरेबियाई टीम 52 ओवरों में 140 रनों पर ढेर हो गयी.

