नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज जस्टिस मुद्गल समिति से पूछा कि क्या वह आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में एन श्रीनिवासन और 12 अन्य के खिलाफ आगे जांच करने की इच्छुक है. न्यायमूर्ति ए के पटनायक की पीठ ने कहा कि समिति यदि उन 13 व्यक्तियों के खिलाफ जांच के लिये राजी हो जाती है जिनके नाम इस मामले पर शुरुआती जांच के बाद दिये गए सीलबंद लिफाफे में दर्ज हैं तो उसे जांच एजेंसियों से सहायता मुहैया कराई जायेगी.
बोर्ड ने न्यायालय को यह भी बताया कि उसने मामले की आगे जांच के लिये तीन सदस्यीय पेनल बनाने का फैसला किया है लेकिन पीठ ने कहा कि वह सभी पक्षों को सुनने और जस्टिस मुद्गल समिति का जवाब मिलने के बाद ही फैसला देगी.
बोर्ड की कार्यसमिति ने 20 अप्रैल को हुई आपात बैठक में तय किया गया कि भारत के पूर्व हरफनमौला रवि शास्त्री, कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएन पटेल और सीबीआई के पूर्व निदेशक आर के राघवन जांच समिति के सदस्य होंगे.
पीठ ने श्रीनिवासन और बीसीसीआई को जस्टिस मुद्गल समिति से श्रीनिवासन, एम एस धौनी और आइपीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर रमन की बातचीत का कुछ हिस्सा सुनने की भी अनुमति दे दी. पीठ ने जांच समिति को आडियो रिकार्डिंग उच्चतम न्यायालय के महासचिव को सौंपने के लिये कहा जो इसका इंतजाम करेंगे कि बीसीसीआइ और श्रीनिवासन के वकील न्यायालय में ही इसे सुन सकें.