27.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Women’s Day 2021 : साइकिलिंग में झारखंड के सरायकेला के किसान परिवार की बिटिया काजल महतो की है अपनी पहचान

Women's Day 2021, Jharkhand News, सरायकेला न्यूज (प्रताप मिश्रा/हिमांशु गोप) : मंजिल उन्हें मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. इस पंक्ति को सच कर दिखाया है सरायकेला-खरसावां जिले की महिलाओं ने. यहां की महिलायें आज किसी भी क्षेत्र में कम नही हैं. चाहे वह खेल का क्षेत्र हो या कला संस्कृति से लेकर सामाजिक क्षेत्र. सभी जगह अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं. खेती-बारी करने वाले दंपती दिवाकर महतो व बसंती देवी की होनहार 14 वर्षीया बेटी काजल महतो का साइकिलिंग में झारखंड टीम में चयन हुआ है. वह देश के लिए गोल्ड जीतना चाहती है.

Women’s Day 2021, Jharkhand News, सरायकेला न्यूज (प्रताप मिश्रा/हिमांशु गोप) : मंजिल उन्हें मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. इस पंक्ति को सच कर दिखाया है सरायकेला-खरसावां जिले की महिलाओं ने. यहां की महिलायें आज किसी भी क्षेत्र में कम नही हैं. चाहे वह खेल का क्षेत्र हो या कला संस्कृति से लेकर सामाजिक क्षेत्र. सभी जगह अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं. खेती-बारी करने वाले दंपती दिवाकर महतो व बसंती देवी की होनहार 14 वर्षीया बेटी काजल महतो का साइकिलिंग में झारखंड टीम में चयन हुआ है. वह देश के लिए गोल्ड जीतना चाहती है.

उत्क्रमित मध्य विद्यालय, कूदा में सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा अपनी पुरानी साइकिल से ही साइकिलिंग का अभ्यास करते हुए झारखंड टीम में जगह बनायी है. जिले के सुदूरवर्ती कुकडु प्रखंड के कुंदा गांव की इस होनहार बिटिया ने न सिर्फ परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि जिले का भी नाम रोशन करते हुए छात्राओं के लिए प्रेरणा बन गयी है. काजल ने बताया कि साइकिलिंग में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेकर देश के लिए पदक लाना ही लक्ष्य है.

Also Read: Women’s Day 2021 : अधिकारी से लेकर सियासत तक में अपनी पहचान बना रहीं झारखंड के खूंटी की महिलाएं

पांच मार्च से मुंबई के नवी में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की सब जूनियर प्रतियोगिता में गोल्ड लाना ही लक्ष्य है. काजल महतो के पिताजी दिवाकर महतो और मां बसंती देवी पेशे से किसान हैं, जो खेती-बारी करके किसी तरह से जीवन-यापन करते हैं. काजल एक छोटे से मिट्टी के घर में अपने पूरे परिवार के साथ रहती है.

Also Read: Women’s Day 2021 : छऊ नृत्य में पुरुषों के वर्चस्व को चुनौती दे रही है सरायकेला की युवतियां

काजल महतो रांची, पाकुड़ सहित कई जगहों पर आयोजित प्रतियोगिता में मेडल जीत चुकी है. काजल महतो ने कहा कि वो साइकिलिंग के बारे में कुछ भी नहीं जानती थी, उसे कोच दिलीप कुमार गुप्ता और शिक्षक लक्ष्मण महतो ने ही प्रोत्साहित कर साइकिलिंग सिखाया है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें