देवगुरु की राशि में सूर्य करेंगे प्रवेश, अगले 30 दिनों तक सभी शुभ कार्य रहेंगे वर्जित

सूर्य देव आज 14 मार्च 2024 को कुंभ राशि से निकलकर देवगुरु की अधिपत्य राशि तथा राशियों के क्रम में सबसे अंतिम राशि मीन राशि में प्रवेश करेंगे. यह गोचर मीन संक्रांति के रूप में जाना जाता है. इस गोचर से देश दुनिया पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा.

सूर्य को पिता का कारक माना जाता है, जब कुंडली में सूर्य अनुकूल हो जाता है तो व्यक्ति को राजयोग प्रदान करता है. सम्पूर्ण राशि चक्र में सूर्य को केवल सिंह राशि का आधिपत्य प्राप्त है जो कि राशियों के क्रम में पाँचवें स्थान पर है. इस स्थान से व्यक्ति के जीवन में शिक्षा, प्रेम, संतान और संतान की उन्नति का आभास होता है. मेष राशि में ही सूर्य उच्च का हो जाता है. तुला राशि में प्रवेश कर ये नीच राशि के हो जाते हैं.

सूर्य के मीन में गोचर से शुभ कार्य होते हैं वर्जित

यदि सूर्य अनुकूल हो तो व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में बहुत प्रगति करता है, यह राजनीतिक क्षेत्र में भी मजबूती प्रदान करता है, व्यक्ति वकील, अधिकारी, शिक्षक बनता है, लेकिन यदि सूर्य अनुकूल न हो तो अनेक समस्याओं का कारण बनता है व्यक्ति के जीवन में जैसे आंखों से संबंधित परेशानियां होती हैं. सूर्य के मीन राशि में गोचर के कारण शुभ कार्य भी वर्जित हो जाते हैं

जाने मीन संक्रांति क्या है

पूरे वर्ष में बारह संक्रांतियां होती हैं. सूर्य हर 30 दिन में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है. यह मेष से मीन राशि तक यात्रा करता है, लेकिन जब यह कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करता है, तो इसे मीन संक्रांति कहा जाता है. मीन राशि का स्वामी बृहस्पति है, सूर्य और बृहस्पति मित्र हैं और इन दोनों की राशियां भी एक दूसरे की मित्र हैं.

मीन संक्रांति में पूजन तथा दान कैसे करे

  • मीन संक्रांति के मौके पर पूरे महीने भगवान सूर्य की पूजा करें, आपको सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी. पूरे माह दान करें, गाय को चारा खिलाएं, मन प्रसन्न रहेगा.
  • मीन संक्रांति के दौरान सूर्योदय से पहले उठकर अपनी दिनचर्या पूरी करें, नदी में स्नान करें या घर पर ही स्नान करें और फिर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें.
  • मीन संक्रांति के दौरान मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करें और सूर्य देव के मंत्र का जाप करें. प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.
  • गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और ब्राह्मण को भोजन कराएं.

मीन संक्रांति में क्या नहीं करे

जब सूर्य धनु और मीन राशि में गोचर करता है या धनु और मीन की संक्रांति होती है तो उसे मलमास कहा जाता है. इस समय सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित होते हैं. इस समय नए घर का निर्माण, विवाह संस्कार, वस्तु पूजन, गृहप्रवेश, अनुष्ठान आरंभ अनुष्ठान होते हैं. अन्नप्राशन, नामकरण उपनयन संस्कार एवं अन्य सभी शुभ कार्य बंद रहेंगे.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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