Numerology: अंकशास्त्र में 1 से लेकर 9 तक के अंकों के मूलांकों के बारे में बताया गया है. प्रत्येक मूलांक का स्वामी अलग-अलग ग्रह और नक्षत्र होते हैं. इनकी ऊर्जा का प्रभाव जातकों के भाग्य और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है. भारतीय ज्योतिष की इस विधा की सहायता से व्यक्ति के स्वभाव, वैवाहिक जीवन, करियर समेत कई अन्य पहलुओं के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है. अंकशास्त्र में कुछ ऐसे मूलांकों के बारे में भी बताया गया है, जिनके जीवन में बहुत अधिक कठिनाइयां आती हैं. ऐसे जातकों को किसी भी कार्य को पूरा करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
मूलांक कैसे निकाला जाता है?
मूलांक निकालने के लिए जन्मतिथि के अंकों को जोड़ा जाता है. उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति का जन्म 11 तारीख को हुआ है, तो उसकी जन्मतिथि के अंकों को जोड़ने पर
11 = 1 + 1 = 2
अर्थात उस व्यक्ति का मुलांक 2 होगा.
मूलांक 4
जिन लोगों का जन्म महीने की 4, 13 और 22 तारीख को होता है, उनका मूलांक 4 होता है. मूलांक 4 का स्वामी राहु ग्रह माना जाता है. राहु के प्रभाव के कारण इन जातकों को जीवन के हर मोड़ पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
कई बार जिन कार्यों के लिए ये लोग कड़ी मेहनत करते हैं, वे अंत समय में आकर रुक जाते हैं, जिससे इन्हें अत्यधिक दुख और निराशा का अनुभव होता है. हालांकि, ये लोग कभी हार नहीं मानते. ये बार-बार प्रयास करते रहते हैं.
मूलांक 4 के जातक स्वभाव से जिद्दी होते हैं. जो कुछ भी इन्हें चाहिए होता है, उसके लिए ये कड़ी मेहनत करने से पीछे नहीं हटते. कोई भी कार्य करने से पहले ये पूरी योजना बनाना पसंद करते हैं. इसी कारण, कई कठिनाइयों का सामना करने के बाद ही सही, लेकिन अंततः इन्हें सफलता अवश्य मिलती है.
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