Kharmas 2025: धार्मिक मान्यता है कि खरमास में किए गए शुभ कार्यों का फल उतना अच्छा नहीं मिलता जितना सामान्य शुभ मुहूर्त में मिलता है. खासकर विवाह के मामले में, इस समय ग्रहों की स्थिति वैवाहिक जीवन की स्थिरता और शांति को प्रभावित कर सकती है. इसी कारण, परंपराओं में इसे अनुचित समय बताया गया है.
खरमास में विवाह करने पर क्या होता है
आर्थिक स्थितियों में अस्थिरता: डॉ. एन. के. बेरा बताते हैं कि इस काल में शादी होने पर दंपत्ति को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
रिश्ते में तनाव बढ़ने की आशंका: ग्रहों का प्रभाव कमजोर होने से पति-पत्नी के बीच गलतफहमि या तनाव बढ़ने की संभावना मानी जाती है.
घर के माहौल में अशांति: पारंपरिक मत के अनुसार, इस समय किए गए विवाह से परिवारिक वातावरण स्थिर नहीं रहता.
नई शुरुआत में बाधाएं: यह भी कहा जाता है कि खरमास में शुरू हुए नए रिश्तों में छोटी-बड़ी रुकावटें आती रहती हैं.
क्या यह सिर्फ मान्यता है?
आधुनिक दृष्टि से देखें तो यह पूरी तरह आस्था पर आधारित बात है. आज कई लोग परिस्थितियों के कारण इस समय भी शादी करते हैं और उनका जीवन सामान्य चलता है. डॉ. एन. के. बेरा भी मानते हैं कि प्रेम, समझ और सहयोग रिश्ते की असली नींव हैं, न कि केवल तिथि. जो परिवार धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करते हैं, वे शुभ मुहूर्त का इंतजार करते हैं. इनका मानना है कि सही समय पर किया गया विवाह जीवन में अधिक स्थिरता और सौभाग्य लाता है.
खरमास 2025 कब लगेगा?
साल 2025 में सूर्य देव 16 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य जब धनु या मीन राशि में आते हैं, तभी खरमास शुरू होता है. इस बार सूर्य देव 14 जनवरी 2026 तक धनु राशि में रहेंगे. 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, और इसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी. जैसे ही सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं, खरमास समाप्त हो जाता है. इसी तरह जब सूर्य मीन राशि में जाएंगे, अगला खरमास लगेगा.
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