Kanya Puja 2025: अष्टमी और नवमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है. अष्टमी को मां के आठवें रूप माहागौरी की पूजा होती है और नवमी को उनके नौवें रूप मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है. इस दिन घर में छोटी कन्याओं को देवी का रूप मानकर उनका स्वागत किया जाता है. उनके पैर धोकर तिलक और कलावा बांधा जाता है और उन्हें प्रसाद के रूप में हलवा, पूरी और काले चने दिए जाते हैं. लकिन कई बार ऐसा होता है की छोटी कन्या नहीं मिलती हैं. तो ऐसे में क्या करना चाहिए, आइए बताते हैं.
मिट्टी से बनी कन्या को लगाएं भोग
यदि घर में कन्या नहीं है, तो आप मिट्टी या कागज से बनी कन्या की मूर्ति का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे पूजा स्थल पर रखकर उसी तरह भोग अर्पित करें जैसे वास्तविक कन्या को दिया जाता है.
अक्षत या अनाज का करें उपयोग
कन्या के स्थान पर चावल या अन्य अनाज की ढेर रख सकते हैं. इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजें. इस विधि में भी सभी पारंपरिक भोग और पूजा सामग्री का उपयोग किया जा सकता है.
देवी स्वरूप का करें ध्यान
कन्या रूप में माता दुर्गा, काली या महालक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति का ध्यान कर सकते हैं. भोग अर्पित करते समय उन्हें कन्या की तरह सम्मान दें.
गरीब बच्चों में बांटे भोग
कन्या न होने पर भी भोग, मिठाई और भोजन कन्या के स्थान पर अर्पित करें. इसे जरूरतमंद या गरीब बच्चों में बांटना भी पुण्य का काम माना जाता है.
श्रद्धा बनाए रखें
सबसे महत्वपूर्ण है मन में श्रद्धा और भक्ति बनाए रखना. कन्या न होने पर भी पूजा का प्रभाव कम नहीं होता, यदि इसे पूरे विश्वास और आदर के साथ किया जाए.
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