Jyeshtha Amavasya, Surya Grahan 2021 Date and Time in India Live Updates: इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून दिन गुरुवार यानी आज लग रहा है. यह दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होगा. शाम 6 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा. ग्रहण काल पूरे 5 घंटे तक रहेगा. सूर्य ग्रहण के समय सभी नौ ग्रहों में से चार ग्रह एक ही राशि में मौजूद रहेंगे. वहीं बाकि के पांच ग्रह 5 अलग-अलग राशियों में मौजूद रहेंगे. वृषभ राशि में सूर्य, बुध, राहु और चंद्रमा रहेंगे. जबकि शुक्र मिथुन राशि में मंगल कर्क राशि में केतु वृश्चिक में शनि मकर में व गुरु कुंभ राशि में स्थित रहेंगे. आइए जानते है सूर्य ग्रहण से जुड़ी पूरी जानकारी...
मकर राशि के जातकों के लिए यह सूर्यग्रहण अशुभ रहेगा. मकर राशि पर पहले से ही शनि की साढ़ेसाती चल रही है और ऊपर से शनि जयंती के दिन ही सूर्यग्रहण मकर राशि वालों के लिए भारी है. इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है. जॉब चेंज करने की सोच रहे हैं तो फ़िलहाल के लिए टाल दें. काम में व्यस्तता के चलते जीवनसाथी को समय नहीं दे पाने के कारण बेवजह झगड़े की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. घुटनों में दर्द उभर सकता है. आर्थिक हानि होने के चांस हैं. माता पिता का आशीर्वाद जरूर लें. हार्ट के मरीज अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें. सूर्य देव के मंत्र ॐ सूर्याय नमः का जाप ज़रूर करें.
कनाडा के ज्यादातर स्काईवॉचर्स के अलावा कैरीबियन, यूरोप, एशिया और उत्तरी अफ्रीका की कुछ जगहों से भी लोग इस आंशिक सूर्य ग्रहण को देख पाएंगे. आप अपने इलाके में सूर्य ग्रहण के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए Nasa के Scientific Visualization Studio पर भी विजिट कर सकते हैं.
वृषभ राशि के जातकों पर सूर्यग्रहण भारी रहने वाला है. इस दिन आपको विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. इस दिन सूर्य वृषभ राशि पर संचार करेगा. इसलिए वृषभ राशि के जातकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. शनि और सूर्य का योग आपके लिए ठीक नहीं है. दुर्घटना के आसार हैं. धन हानि हो सकती है. खान पान में अधिकता से बचें. स्वास्थ्य खराब हो सकता है. किसी परिजन से अनबन हो सकती और रिश्ते बिगड़ सकते हैं. बासी खाने से परहेज करें. सूर्य मंत्र ॐ भास्कराय नमः का जाप अवश्य करें.
ग्रहण के दौरान भोजन न करें. हालांकि, बुजूर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह नियम लागू नहीं होता.
घर या दफ्तर में कोई मांगलिक कार्य करने की भूल न करें
किसी भी नए कार्य का आरंभ नहीं करना चाहिए
ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए.
धारदार चीजों को साथ में नहीं रखना चाहिए
घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए
ग्रहण के दौरान बाल, दाढी, नाखून नहीं बनाना चाहिए
कंघी भी करना वर्जित माना गया है
पके हुए भोजन में तुलसी पत्ता डाल दें
सूर्य ग्रहण के दौरान इष्ट देव का ध्यान लगाते रहना चाहिए. साथ ही साथ हनुमान चालीसा व भगवान के मंत्र को मन में पढ़ते रहना चाहिए
ग्रहण के दौरान मंदिर का कपाट बंद रखना चाहिए.
सूर्य ग्रहण के पश्चात दान-पुण्य भी करना चाहिए.
ग्रहण के समाप्ति के बाद गंगाजल से स्नान व घर को शुद्ध करना चाहिए
आकाश में सूर्य ग्रहण लग चुका है. कुछ ही देर बाद इसका नजारा 'रिंग ऑफ फायर' जैसा दिखाई देगा. चांद के पीछे छिपा सूर्य आग में तपती रिंग की भांति नजर आएगा. ये 'रिंग ऑफ फायर' का नजारा भारत में नहीं देखा जा सकेगा. 'रिंग ऑफ फायर' का दीदार केवल उत्तरी गोलार्ध में बसे लोग ही कर सकेंगे.
ग्रहण के दौरान भोजन न करें. हालांकि, बुजूर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह नियम लागू नहीं होता.
घर या दफ्तर में कोई मांगलिक कार्य करने की भूल न करें
किसी भी नए कार्य का आरंभ नहीं करना चाहिए
ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए.
धारदार चीजों को साथ में नहीं रखना चाहिए
घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए
ग्रहण के दौरान बाल, दाढी, नाखून नहीं बनाना चाहिए
कंघी भी करना वर्जित माना गया है
पके हुए भोजन में तुलसी पत्ता डाल दें
सूर्य ग्रहण के दौरान इष्ट देव का ध्यान लगाते रहना चाहिए. साथ ही साथ हनुमान चालीसा व भगवान के मंत्र को मन में पढ़ते रहना चाहिए
ग्रहण के दौरान मंदिर का कपाट बंद रखना चाहिए.
सूर्य ग्रहण के पश्चात दान-पुण्य भी करना चाहिए.
ग्रहण के समाप्ति के बाद गंगाजल से स्नान व घर को शुद्ध करना चाहिए
अब से कुछ देर में लगने वाला सूर्य ग्रहण वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा. ऐसे में खासकर वृषभ राशि के जातकों को संभलकर रहने की जरूरत होगी. कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. शनि-सूर्य के योग ठीक नहीं माना गया है. ऐसे में इस दौरान वाहन चलाने से भी आपको बचना होगा. इसके अलावा धन हानि होने की भी संभावना है. साथ ही साथ परिजन या किसी अन्य व्यक्ति से वाद-विवाद की स्थिती भी उत्पन्न हो सकती है.
यदि आपके शहर या राज्य में सूर्य ग्रहण नहीं पड़ रहा है तो आप इसे ऑनलाइन भी देख सकते है. विश्वभर के कई वेबसाइट या चैनल इसका लाइव स्ट्रीमिंग उपलब्ध करवाएंगे. आप टाइम एंड डेट के साइट के अलावा Slooh के यूट्यूब चैनल और NASA ट्रैकर का इस्तेमाल करके भी सीधा प्रसारण देख सकते हैं.
दरअसल, ऐसी स्थिति तब बनती है जब सूर्य का लगभग 99 प्रतिशत हिस्सा चंद्रमा की छाया से छिप जाता है. इस दौरान सूर्य के चारों ओर एक रिंग के आकार का बन जाता है. जिसे धरती से देखने पर आग की अंगूठी की तरह नजर आता है. इसे स्थिति को वलयाकार या रिंग ऑफ फायर सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
अरुणाचल प्रदेश के वन्यजीव अभयारण्य के पास से सूर्य ग्रहण दिखने वाला है. विशेषज्ञों की मानें तो यहां से शाम 5 बजकर 52 पर दिखेगा ग्रहण.
लद्दाख के उत्तरी हिस्से में शाम 6 बजे दिखेगा सूर्यग्रहण.
साल का पहला सूर्य ग्रहण आज 5 घंटे के लिए लगने वाला है. यह भारत के दो स्थानों पर दिखेगा. इनमें अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख शामिल है. सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से आरंभ हो रहा है जो शाम 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.
सूर्य ग्रहण की तिथि: 10 जून, गुरुवार
सूर्य ग्रहण आरंभ समय: दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से
सूर्य ग्रहण समाप्ति समय: शाम 6 बजकर 41 मिनट तक
कुल अवधी: 4 घंटे 59 मिनट तक
साल का पहला सूर्य ग्रहण 2021 पड़ रहा है. जो दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू हो जायेगा और शाम 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.
शनि जयंति 2021 है. मान्यता है कि शनि देव का जन्म आज ही हुआ था.
अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु के महिलाएं वट सावित्री व्रत 2021 रख रही हैं. वट वृक्ष की पूजा की जा रही है.
पितरों की आत्मा के शांति के लिए दिन अच्छा माना जाता है.
सूर्य पूजा और पवित्र नदी में डूबकी लगाकर पाप को नाश के लिए लोग कामनाएं करते है.
सूर्य ग्रहण वृष राशि में लगने जा रहा है. इस ग्रहण का प्रभाव सबसे अधिक सूर्य ग्रहण पर ही पड़ेगा. इसलिए वृष राशि के जातकों को अपना विशेष ध्यान रखना होगा. स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. धन- हानि हो सकती है. इस दौरान धन- खर्च सोच- समझकर ही करें. लेन- देन न करें.
इस बार लगने वाला सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण है. जिसका अर्थ होता है अंगूठी की तरह दिखने वाला सूर्य ग्रहण. दरअसल, ऐसी स्थिति तब बनती है जब सूर्य का करीब 99 प्रतिशत हिस्सा चंद्रमा की छाया से छिप जाता है. ऐसी स्थिति के दौरान चंद्रमा सूर्य के चारों ओर एक रिंग का आकार बना देता है. वहीं, बीच का हिस्सा काला दिखने लगता है. इसे ही वलयाकार या रिंग ऑफ फायर सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
आपको बता दें कि वलयाकार सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में आंशिक रूप से दिखने वाला है. ऐसे में आपको इस खगोलीय घटना को देखना है तो ऑनलाइन देख सकते हैं. इसके लिए आपको Timeanddate.com के वेबसाइट पर जाना होगा. यहां आपको लाइव स्ट्रीम लिंक मिल जाएगा. इसके अलावा, Slooh के यूट्यूब चैनल और NASA ट्रैकर का इस्तेमाल से भी आप सूर्य ग्रहण लाइव आसानी से देख सकते हैं.
पूर्ण सूर्यग्रहण- जब पृथ्वी का कुछ भाग चंद्रमा की बाहरी छाया में से गुजरता है.
वलयाकार सूर्यग्रहण- जब पृथ्वी का कुछ भाग चंद्रमा की उल्टीघनी छाया क्षेत्र में से होकर गुजरता है और जहां से चंद्रमा सूर्य की डिस्क के अंदर दिखाई देता है जिससे चंद्रमा के चारों ओर चमकता वलय दिखाई देता है. जैसा इस बार कनाडा, ग्रीनलैंड में होगा .
आंशिक सूर्यग्रहण- जब पृथ्वी का कुछ भाग चंद्रमा की विरल छाया से गुजरता है. इस बार अरुणाचल प्रदेश के कुछ भू भाग पर होगा.
हाइब्रिड सूर्यग्रहण- यह एक दुर्लभ प्रकार का सूर्य ग्रहण है. जब एक ही सूर्यग्रहण के दौरान पृथ्वी पर ग्रहण के केंद्रीय मार्ग पर कुछ लोगों को पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाई देता है और कुछ लोगों को वलयाकार सूर्यग्रहण दिखाई देता है.
सूर्य ग्रहण के समय सभी नौ ग्रहों में से चार ग्रह एक ही राशि में मौजूद रहेंगे. वहीं बाकि के पांच ग्रह 5 अलग अलग राशियों में मौजूद रहेंगे. वृषभ राशि में सूर्य, बुध, राहु और चंद्रमा रहेंगे. जबकि शुक्र मिथुन राशि में मंगल कर्क राशि में केतु वृश्चिक में शनि मकर में व गुरु कुंभ राशि में स्थित रहेंगे.
सूर्य ग्रहण के कारण कुछ लोगों को आंखों से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं. आज लगने वाला सूर्य ग्रहण स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा नहीं माना जा रहा है. सूर्य पिता और सरकारी क्षेत्र का कारक भी है. शनि देव सूर्य पुत्र है. आज देश में शनि जयंती मनाई जा रही है और इधर पिता सूर्य पर ग्रहण लग रहा है. माना जा रहा है कि ऐसा संयोग 148 साल बाद बन रहा है. इसलिए सूर्य ग्रहण के कारण जनता और सरकार के बीच आपसी विश्वास की कमी आ सकती है. वहीं, पारिवारिक जीवन में पिता के स्वास्थ्य में कमी के कारण कई लोग परेशान हो सकते हैं.
सूर्यग्रहण वह खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं. एमपी बिरला तारामंडल के निदेशक देबीप्रसाद दुरई ने बताया कि सूर्य ग्रहण भारत में अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों से ही दिखाई देगा.
सूर्य ग्रहण 10 जून आज दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगा और इसकी समाप्ति शाम 6 बजकर 41 मिनट तक होगी. यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग, यूरोप और एशिया में आंशिक व उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रुस में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.
आज वट सावित्री व्रत और शनि जयंती है. वहीं, आज अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण भी लग रहा है. इसलिए कुछ बातों को ध्यान में रखकर ही मांगलिक कार्य करना होगा. क्योंकि ग्रहण के दौरान किसी भी नए व मांगलिक कार्य का शुभारंभ नहीं किया जाता है. ग्रहण काल के समय भोजन पकाना और खाना दोनों ही मना होता है. ग्रहण काल में भगवान की मूर्ति छूना और पूजा करना भी मना होता है. इसके साथ ही तुलसी के पौधे को छूने की मनाही होती है.
आज ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. यह सूर्यग्रहण वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा. यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगा और शाम 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. इस सूर्यग्रहण को उत्तर-पूर्व अमेरिका, यूरोप, उत्तरी एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर में देखा जाएगा.
आज लगने वाला सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. हालांकि भारत में इस ग्रहण को सूर्यास्त के कुछ मिनटों पहले लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में आंशिक तौर पर देखा जा सकता है. यह सूर्यग्रहण अमेरिका, यूरोप और एशिया, उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में दिखाई देगा.वहीं इन देशों में रिंग ऑफ फायर का नजारा भी देखने को मिलेगा.
इस साल कुल चार ग्रहण लगने वाले है. जिनमें पहला सूर्यग्रहण (Surya Grahan) आज है. जबकि, पहला चंद्रग्रहण (Chandra Grahan) 26 मई 2021 को था. वहीं, दूसरा सूर्य ग्रहण दिसंबर और दूसरा चंद्र ग्रहण नबंबर में लगने वाला है.
भारतीय समयानुसार सुबह 11:42 बजे आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और यह दोपहर 3:30 बजे से वलयाकार रूप लेना शुरू करेगा. इसके बाद फिर शाम 4:52 बजे तक आकाश में सूर्य अग्नि वलय यानी आग की अंगूठी की तरह दिखाई देगा. दुरई ने कहा कि सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार शाम लगभग 6:41 बजे समाप्त होगा.
भारत की बात करें तो सूर्य ग्रहण शाम लगभग 5:52 बजे इसे अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से देखा जा सकेगा। वहीं, लद्दाख के उत्तरी हिस्से में ये शाम लगभग 6 बजे दिखाई देगा। भारत के अलावा इस घटना को उत्तरी अमेरिका, उत्तरी कनाडा, यूरोप और एशिया, ग्रीनलैंड, रूस के बड़े हिस्से में भी देखा जा सकेगा।
भारत में ये ग्रहण दिखाई नहीं दे रहा है. इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. ग्रहण का असर सभी राशियों पर देखने को मिलेगा. सिंह और धनु वालों के लिए सूर्य ग्रहण बेहद ही शुभ है. धन लाभ होने के आसार रहेंगे. वहीं मेष, वृषभ, कन्या और तुला वालों के लिए सूर्य ग्रहण कष्टदायी साबित हो सकता है. इसलिए सतर्क रहें.
अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से शाम लगभग 5 बजकर 52 मिनट पर इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा. वहीं, लद्दाख के उत्तरी हिस्से में शाम 6 बजकर 15 मिनट पर सूर्यास्त होगा. शाम लगभग 6 बजे सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा. वहीं, उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में आंशिक व उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा.
भारतीय समयानुसार सुबह 11 बजकर 42 मिनट पर आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. वहीं दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर वलयाकार रूप लेना शुरू करेगा. इसके बाद फिर शाम 4 बजकर 52 मिनट तक आकाश में सूर्य अग्नि वलय यानी आग की अंगूठी की तरह दिखाई देगा.
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत के सिर्फ दो ही राज्यों में दिखाई देगा. ये ग्रहण अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों में ही सूर्यास्त से कुछ समय पहले देखा जा सकेगा. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. यह खगोलीय घटना तब होती है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं.
इस दौरान किसी भी नए व मांगलिक कार्य का शुभारंभ नहीं किया जाता है.
ग्रहण काल के समय भोजन पकाना और खाना दोनों ही मना होता है.
ग्रहण काल में भगवान की मूर्ति छूना और पूजा करना भी मना होता है.
तुलसी के पौधे को छूने की मनाही होती है.
ग्रहण के समय सोने से भी बचना चाहिए.
इस दौरान दांतों की सफ़ाई, बालों में कंघी, शौच करना, नए वस्त्र पहनना, वाहन चलाना आदि कार्यों को भी न करने की सलाह दी जाती है.
इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में सबसे ज्यादा पड़ेगा. ये एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, लेकिन उसका आकार पृथ्वी से देखने पर इतना नजर नहीं आता कि वो सूर्य को पूरी तरह ढक सके, तो ऐसी स्थिति को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं.
10 जून दिन गुरुवार को सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर शुरू होकर शाम 6 बजकर 41 मिनट पर खत्म होगा. ये ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में आंशिक व उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा. इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में सबसे ज्यादा दिखेगा.
सूर्य ग्रहण के समय सभी नौ ग्रहों में से चार ग्रह एक ही राशि में मौजूद रहेंगे. वहीं बाकि के पांच ग्रह 5 अलग अलग राशियों में मौजूद रहेंगे. वृषभ राशि में सूर्य, बुध, राहु और चंद्रमा रहेंगे. जबकि शुक्र मिथुन राशि में मंगल कर्क राशि में केतु वृश्चिक में शनि मकर में व गुरु कुंभ राशि में स्थित रहेंगे.
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