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Surya Grahan 2021: लग गया है सूर्यग्रहण, 148 साल बाद बना है ऐसा अद्भुत संयोग, यहां से देख सकेंगे लाइव रिंग ऑफ फायर का अद्भुत नजारा…

Jyeshtha Amavasya 2021, Surya Grahan 2021 Timing, Shani Jayanti 2021, Vat Savitri Puja 2021 Time: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की आज यानी 10 जून 2021, गुरुवार की शाम 4 बजकर 22 मिनट तक अमावस्या तिथि है. इस दौरान सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से आरंभ हो जाएगा जो शाम 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. वहीं, शनि जयंती शाम 4 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा. जबकि, वट सावित्री पूजा शाम 04 बजकर 58 तक है.

लाइव अपडेट

यहां से देख सकेंगे लाइव रिंग ऑफ फायर का अद्भुत नजारा...

मकर राशि वालों पर पड़ेग इस ग्रहण का प्रभाव

मकर राशि के जातकों के लिए यह सूर्यग्रहण अशुभ रहेगा. मकर राशि पर पहले से ही शनि की साढ़ेसाती चल रही है और ऊपर से शनि जयंती के दिन ही सूर्यग्रहण मकर राशि वालों के लिए भारी है. इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है. जॉब चेंज करने की सोच रहे हैं तो फ़िलहाल के लिए टाल दें. काम में व्यस्तता के चलते जीवनसाथी को समय नहीं दे पाने के कारण बेवजह झगड़े की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. घुटनों में दर्द उभर सकता है. आर्थिक हानि होने के चांस हैं. माता पिता का आशीर्वाद जरूर लें. हार्ट के मरीज अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें. सूर्य देव के मंत्र ॐ सूर्याय नमः का जाप ज़रूर करें.

इन राशियों के लिए शुभ है सूर्य ग्रहण

मेष, कर्क, मीन, धनु, वृश्चिक, कुंभ और कन्या राशि के जातकों के लिए ये ग्रहण शुभ रहेगा. इस दिन माता पिता का आशीर्वाद लें. नंगी आंखों से सूर्य को देखने का प्रयास ना करें. भगवान सूर्य के मंत्रों द्वारा उनकी उपासना जरूर करें. दिन शुभ रहेगा.

इन जगहों पर दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

कनाडा के ज्यादातर स्काईवॉचर्स के अलावा कैरीबियन, यूरोप, एशिया और उत्तरी अफ्रीका की कुछ जगहों से भी लोग इस आंशिक सूर्य ग्रहण को देख पाएंगे. आप अपने इलाके में सूर्य ग्रहण के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए Nasa के Scientific Visualization Studio पर भी विजिट कर सकते हैं.

यहां से देखें लाइव सूर्य ग्रहण

जानें कब से कब तक रहेगा ग्रहण काल

साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है. यह सूर्य ग्रहण करीब पांच घंटे रहेगा. सूर्यग्रहण का प्रारंभ भारतीय समयानुसार, दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से हो गई है. जिसका का समापन अब शाम 6 बजकर 41 मिनट पर होगा. सूर्य ग्रहण करीब 4 घंटे 59 मिनट तक रहेगा.

यहां देखें लाइव सूर्यग्रहण का नजारा

148 साल बाद इस अद्भुत संयोग में लगा सूर्यग्रहण

आज अमावस्या तिथि है. इस तिथि को हर साल शनि जयंती और वट सावित्री व्रत रखा जाता है. शनि सूर्य पुत्र है. ऐसा अद्भुत संयोग 148 साल बाद बना है जब शनि जयंती के दिन पिता सूर्य पर ग्रहण लगा हो.

आज कुछ ऐसा दिखेगा सूर्य ग्रहण का नजारा

आकाश में सूर्य ग्रहण लग चुका है. कुछ ही देर बाद इसका नजारा 'रिंग ऑफ फायर' जैसा दिखाई देगा. चांद के पीछे छिपा सूर्य आग में तपती रिंग की भांति नजर आएगा. ये 'रिंग ऑफ फायर' का नजारा भारत में नहीं देखा जा सकेगा. 'रिंग ऑफ फायर' का दीदार केवल उत्तरी गोलार्ध में बसे लोग ही कर सकेंगे.

किनके लिए कष्टदायी साबित होगा सूर्य ग्रहण

ज्योतिषाचार्यों की मानें तो मेष, वृषभ, कन्या और तुला राशि वालों के लिए सूर्य ग्रहण कष्टदायी साबित हो सकता है. इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है.

किन राशि के जातकों पर ग्रहण का प्रभाव रहेगा शुभ

इस बार का सूर्य ग्रहण वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में पड़ने वाला है. ऐसे में वृषभ राशि के जातकों के लिए बेहद कष्टदायी रहेगा. वहीं, सिंह और धनु राशि के जातकों के लिए यह बेहद शुभ साबित होने वाला है. धन लाभ होने के आसार रहेंगे.

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए क्या नहीं

  • ग्रहण के दौरान भोजन न करें. हालांकि, बुजूर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह नियम लागू नहीं होता.

  • घर या दफ्तर में कोई मांगलिक कार्य करने की भूल न करें

  • किसी भी नए कार्य का आरंभ नहीं करना चाहिए

  • ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए.

  • धारदार चीजों को साथ में नहीं रखना चाहिए

  • घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए

  • ग्रहण के दौरान बाल, दाढी, नाखून नहीं बनाना चाहिए

  • कंघी भी करना वर्जित माना गया है

  • पके हुए भोजन में तुलसी पत्ता डाल दें

  • सूर्य ग्रहण के दौरान इष्ट देव का ध्यान लगाते रहना चाहिए. साथ ही साथ हनुमान चालीसा व भगवान के मंत्र को मन में पढ़ते रहना चाहिए

  • ग्रहण के दौरान मंदिर का कपाट बंद रखना चाहिए.

  • सूर्य ग्रहण के पश्चात दान-पुण्य भी करना चाहिए.

  • ग्रहण के समाप्ति के बाद गंगाजल से स्नान व घर को शुद्ध करना चाहिए

इन स्थानों पर भी पूर्ण रूप से दिखेगा सूर्य ग्रहण

इस साल का यह पहला सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तरी अमेरिका व एशिया में आंशिक रूप से दिखेगा. जबकी, ग्रीनलैंड, उत्तरी कनाडा और रूस में पूर्ण रूप से दिखने वाला है.

सूर्यग्रहण-शनि जयंती का सबसे ज्यादा किस राशि पर प्रभाव

अब से कुछ देर में लगने वाला सूर्य ग्रहण वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा. ऐसे में खासकर वृषभ राशि के जातकों को संभलकर रहने की जरूरत होगी. कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. शनि-सूर्य के योग ठीक नहीं माना गया है. ऐसे में इस दौरान वाहन चलाने से भी आपको बचना होगा. इसके अलावा धन हानि होने की भी संभावना है. साथ ही साथ परिजन या किसी अन्य व्यक्ति से वाद-विवाद की स्थिती भी उत्पन्न हो सकती है.

अगला सूर्य ग्रहण कब लगने वाला है (Solar Eclipse 2021 Date)

साल का आखिरी ग्रहण सूर्य ग्रहण ही होगा. जो 4 दिसंबर, शनिवार को लगेगा. हालांकि, इसके भारत में दिखने की कोई संभावना नहीं है. यह अंटार्टिका, दक्षिण अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में दिखाई देने वाला है.

इसबार सूतक काल लगा या नहीं

क्योंकि भारत में सूर्य ग्रहण सभी जगहों पर नहीं दिखने वाला है. ऐसे में केवल उन स्थानों पर सूतक काल मान्य होगा जहां यह देखा जाएगा. इसमें अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के हिस्से शामिल है.

क्या होता है सूतक काल

दरअसल, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्यों की मनाही होती है. इस दौरान किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य करने से उलटा असर पड़ सकता है.

सूर्य ग्रहण का सही समय

  • सूर्य ग्रहण तिथि: 10 जून, गुरुवार को

  • सूर्य ग्रहण का समय शुरू: 10 जून, गुरुवार की दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से

  • सूर्य ग्रहण का समय समाप्त: 10 जून, गुरुवार की शाम 06 बजकर 41 मिनट तक

  • कुल अवधी: 4 घंटे 59 मिनट की

चंद्र और सूर्य ग्रहण से कितनी देर पहले पड़ता है सूतक काल

दरअसल, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी पूर्ण ग्रहण से पहले सूतक पड़ता है. यह चंद्र ग्रहण से 9 घंटे तो सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पूर्व पड़ता है.

कब समाप्त होगा आज का सूर्य ग्रहण

खगोलीय मामलों के जानकारों की मानें तो आज लगने वाला सूर्य ग्रहण शाम 6 बजकर 41 मिनट पर समाप्त हो जायेगा.

ऑनलाइन कैसे देखें सूर्य ग्रहण का नजारा

यदि आपके शहर या राज्य में सूर्य ग्रहण नहीं पड़ रहा है तो आप इसे ऑनलाइन भी देख सकते है. विश्वभर के कई वेबसाइट या चैनल इसका लाइव स्ट्रीमिंग उपलब्ध करवाएंगे. आप टाइम एंड डेट के साइट के अलावा Slooh के यूट्यूब चैनल और NASA ट्रैकर का इस्तेमाल करके भी सीधा प्रसारण देख सकते हैं.

कब बनता है रिंग ऑफ फायर या आग की अंगूठी

दरअसल, ऐसी स्थिति तब बनती है जब सूर्य का लगभग 99 प्रतिशत हिस्सा चंद्रमा की छाया से छिप जाता है. इस दौरान सूर्य के चारों ओर एक रिंग के आकार का बन जाता है. जिसे धरती से देखने पर आग की अंगूठी की तरह नजर आता है. इसे स्थिति को वलयाकार या रिंग ऑफ फायर सूर्य ग्रहण कहा जाता है.

क्या है वलयाकार सूर्य ग्रहण

विशेषज्ञों की मानें तो इस बार लगने वाला सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. अर्थात यह आग की अंगूठी की माफिक नजर आयेगा.

कब आग की अंगूठी की तरह दिखेगा सूर्य

एम पी बिरला तारामंडल के निदेशक देबीप्रसाद दुरई की मानें तो दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर वलयाकार रूप में उभरने लगेगा सूर्य. शाम 4 बजकर 52 मिनट पर अग्नि वलय अर्थात आग की अंगूठी की तरह दिखने लगेगा नजारा.

लगा आंशिक सूर्यग्रहण

एम पी बिरला तारामंडल के निदेशक देबीप्रसाद दुरई की मानें तो 11 बजकर 42 मिनट पर ही आंशिक सूर्य ग्रहण शुरू हो जायेगा.

अरुणाचल प्रदेश में कब दिखेगा सूर्य ग्रहण

अरुणाचल प्रदेश के वन्यजीव अभयारण्य के पास भी सूर्य ग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा. यह भारतीय समयानुसार शाम 5 बजकर 52 पर देखा जाएगा.

लद्दाख में कब दिखेगा ग्रहण

अंग्रेजी वेबसाइट Timeanddate के मुताबिक लद्दाख में आज 6 बजकर 15 मिनट पर सूर्यास्त होने वाला है. इससे पहले यहां के उत्तरी हिस्से में 6 बजे सूर्यग्रहण दिखाई देगा.

अमावस्या तिथि कब होगी समाप्त

  • अमावस्या तिथि आरंभ मुहूर्त: 9 जून 2021, बुधवार की दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से

  • अमावस्या तिथि समाप्ति मुहूर्त: 10 जून 2021, गुरुवार शाम 4 बजकर 22 मिनट तक

5 घंटे के लिए लगेगा सूर्य ग्रहण 2021

साल का पहला सूर्य ग्रहण आज 5 घंटे के लिए लगने वाला है. यह भारत के दो स्थानों पर दिखेगा. इनमें अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख शामिल है. सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से आरंभ हो रहा है जो शाम 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.

  • सूर्य ग्रहण की तिथि: 10 जून, गुरुवार

  • सूर्य ग्रहण आरंभ समय: दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से

  • सूर्य ग्रहण समाप्ति समय: शाम 6 बजकर 41 मिनट तक

  • कुल अवधी: 4 घंटे 59 मिनट तक

क्यों खास है इस बार की ज्येष्ठ अमावस्या

  • साल का पहला सूर्य ग्रहण 2021 पड़ रहा है. जो दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू हो जायेगा और शाम 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.

  • शनि जयंति 2021 है. मान्यता है कि शनि देव का जन्म आज ही हुआ था.

  • अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु के महिलाएं वट सावित्री व्रत 2021 रख रही हैं. वट वृक्ष की पूजा की जा रही है.

  • पितरों की आत्मा के शांति के लिए दिन अच्छा माना जाता है.

  • सूर्य पूजा और पवित्र नदी में डूबकी लगाकर पाप को नाश के लिए लोग कामनाएं करते है.

बांस का पंखा का महत्व

ज्येष्ठ में बहुत गर्मी होती है. महिलाएं वट वृक्ष को अपना पति मानकर बांस के पंखे से हवा देती हैं. मान्यता है कि सत्यवान लकड़ी काटते समय अचेत अवस्था में गिरे थे तो सावित्री ने उन्हें बांस के पंखे से हवा झला था. इसलिए इस व्रत में बांस के पंखे की जरूरत होती है.

शनि जयंती पर भूल कर भी न करें ये काम

Surya Grahan 2021: लग गया है सूर्यग्रहण, 148 साल बाद बना है ऐसा अद्भुत संयोग, यहां से देख सकेंगे लाइव रिंग ऑफ फायर का अद्भुत नजारा...
Surya grahan 2021: लग गया है सूर्यग्रहण, 148 साल बाद बना है ऐसा अद्भुत संयोग, यहां से देख सकेंगे लाइव रिंग ऑफ फायर का अद्भुत नजारा... 1

  • मांस, मछली, मदिरा आदि का सेवन न करें

  • घर के लिए लोहे, कांच, तेल, उड़द व लकड़ी से बनी सामग्री खरीदने की भूल न करें.

  • पीपल, तुलसी के पत्ते, बेलपत्र न तोड़ें

  • बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं कटवाएं

  • जूते-चप्पल की खरीदारी न करें

  • शनि देव के बिल्कुल सामने खड़े होकर पूजा करने की भूल न करें. उनसे आंखें न मिलाएं

  • पूजा करने शनि देव को पलट कर न देखें

सूर्यग्रहण शनि जयंती का प्रभाव राशियों पर

  • वृषभ राशि के जातकों पर सूर्यग्रहण भारी पड़ सकता है.

  • इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है.

  • शनि-सूर्य के योग ठीक नहीं, इस दौरान वाहन चलाने से परहेज करें

  • धन हानि भी होने की संभावना है.

  • परिजन से अनबन हो सकता है.

शनि देव के मंत्र

शनि देव के सामान्य मंत्र

ॐ शं शनैश्चराय नमः.

शनि देव के बीज मंत्र

ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः.

शनि देव के वैदिक मंत्र

ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः.

शनि जयंती का शुभ मुहूर्त कितने बजे तक

  • शनि जयंती शुभ मुहूर्त आरंभ: 9 जून की देर रात्रि, 2 बजकर 25 मिनट से

  • शनि जयंती शुभ मुहूर्त समाप्त: 10 जून की सुबह 4 बजकर 24 मिनट तक

वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण आज वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगने वाला है. ऐसे में वृषभ राशि के जातकों को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता होगी. सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान का मंत्र जाप जरूर करें. सूर्य मंत्र ॐ भास्कराय नमः का जाप करना भी आपके लिए लाभदायक होगा.

पूजा प्रसाद में चना रखना न भूलें

पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमराज ने सावित्री को उनके पति की आत्मा को चने के रूप में लौटाया था. इस लिए इस व्रत पूजा में प्रसाद के रूप में चना रखा जाता है.

धन प्राप्ति के लिए शनि जयंती पर करें ये काम

धन प्राप्ति के लिए शनि जयंती के दिन सुबह और शाम को पीपल पेड़ का पूजन करने के बाद, गाय के कच्चे दुध में शक्कर मिलाकर पीपल पेड़ की जड़ में अर्पित करें. इसके बाद 11 परिक्रमा भी लगायें, इस उपाय से धन संबंधी समस्या समाप्त हो जाती है.

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जानें वट सावित्री व्रत के लिए पूजन की सामग्री

बांस की लकड़ी का पंखा, अगरबत्ती, लाल व पीले रंग का कलावा, पांच प्रकार के फल, बरगद का पेड़, चढ़ावे के लिए पकवान, हल्दी, अक्षत, सोलह श्रृंगार, कलावा, तांबे के लोटे में पानी, पूजा के लिए साफ सिंदूर, लाल रंग का वस्त्र आदि.

इन बातों का रखें खास ध्यान

आज वट सावित्री व्रत और शनि जयंती है. वहीं, आज अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण भी लग रहा है. इसलिए कुछ बातों को ध्यान में रखकर ही मांगलिक कार्य करना होगा. क्योंकि ग्रहण के दौरान किसी भी नए व मांगलिक कार्य का शुभारंभ नहीं किया जाता है. ग्रहण काल के समय भोजन पकाना और खाना दोनों ही मना होता है. ग्रहण काल में भगवान की मूर्ति छूना और पूजा करना भी मना होता है. इसके साथ ही तुलसी के पौधे को छूने की मनाही होती है.

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इसके बिना पूजा रह जाती है अधूरी

हिंदू धर्म में सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना गया है. सुहागिन महिलायें सिंदूर को वट वृक्ष में लगाती हैं. उसके बाद उसी सिंदूर से महिलाएं अपनी मांग भरकर अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र का वरदान मांगती हैं.

कोरोना महामारी के दौरान घर में कैसे करें वट सावित्री पूजा

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  • बरगद के पेड़ की एक टहनी तोड़ें, उसे गमले में लगाएं

  • विधिपूर्वक इसे पूजें.

  • ब्रह्मा, विष्णु, महेश का ध्यान लगाएं

  • पूजा में जल, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, मौली, फूल और धूप का इस्तेमाल करें.

कितने ग्रहण लगेंगे इस साल

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इस साल कुल चार ग्रहण लगने वाले है. जिनमें पहला सूर्यग्रहण (Surya Grahan) आज है. जबकि, पहला चंद्रग्रहण (Chandra Grahan) 26 मई 2021 को था. वहीं, दूसरा सूर्य ग्रहण दिसंबर और दूसरा चंद्र ग्रहण नबंबर में लगने वाला है.

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वट वृक्ष को लेकर क्या है मान्यताएं

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कहा जाता है कि त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश वट वृक्ष में बसते है. जिन्हें प्रसन्न करने से अखंड सौभाग्य का वर मिलता है.

कोरोना महामारी में कैसे करें पूजा

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  • अपने घर पर ही त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा कर सकते हैं.

  • बरगद के पेड़ की टहनी तोड़ कर उसे गमले में लगा लें.

  • इसके बाद विधिवत इसकी पूजा करें.

  • पूजा में जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फूल और धूप का इस्तेमाल करें.

  • इसके बाद सबसे पहले वट वृक्ष की पूजा करें.

  • इसके बाद सावित्री-सत्यवान की कथा सुने और दूसरों को भी सुनाएं.

  • अब फिर भीगा हुआ चना, कुछ धन और वस्त्र अपनी सास को देकर आशीर्वाद लें.

  • पूजा के बाद किसी जरूरतमंद विवाहित स्त्री को सुहाग का सामान दान करें.

  • इसके अलावा, किसी ब्राह्मण को वस्त्र और फल भी दान कर सकते हैं.

वट सावित्री पूजा विधि

  • शादीशुदा महिलाएं अमावस्या तिथि को सुबह उठें, स्नानादि करें.

  • लाल या पीली साड़ी पहनें.

  • दुल्हन की तरह सोलह श्रृंगार करें.

  • व्रत का संकल्प लें

  • वट वृक्ष के नीचे आसन ग्रहण करें.

  • सावित्री और सत्यवान की मूर्ति स्थापित करें.

  • बरगद के पेड़ में जल पुष्प, अक्षत, फूल, मिष्ठान आदि अर्पित करें.

  • कम से कम 5 बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा करें और उन्हें रक्षा सूत्र बांधकर आशीर्वाद प्राप्त करें.

  • फिर पंखे से वृक्ष को हवा दें

  • हाथ में काले चने लेकर व्रत की संपूर्ण कथा सुनें

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शनि पूजा का शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 08 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट तक रहेगा.

  • अमृत काल: सुबह 08 बजकर 08 मिनट से 09 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. इस समय में पूजा कर सकते हैं.

  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. इस समय में पूजा कर सकते हैं.

  • राहु काल दोपहर 02 बजकर 04 मिनट से 03 बजकर 49 मिनट तक है. इसमें पूजा ना करें.

वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री

बांस की लकड़ी से बना बेना (पंखा), अक्षत, हल्दी, अगरबत्ती या धूपबत्ती, सोलह श्रंगार, तांबे के लोटे में पानी, लाल-पीले रंग का कलावा, पूजा के लिए सिंदूर और लाल रंग का वस्त्र पूजा में बिछाने के लिए, पांच प्रकार के फल, बरगद पेड़ और पकवान आदि.

जानें सभी नौ ग्रहों की स्थिति

सूर्य ग्रहण के समय सभी नौ ग्रहों में से चार ग्रह एक ही राशि में मौजूद रहेंगे. वहीं बाकि के पांच ग्रह 5 अलग अलग राशियों में मौजूद रहेंगे. वृषभ राशि में सूर्य, बुध, राहु और चंद्रमा रहेंगे. जबकि शुक्र मिथुन राशि में मंगल कर्क राशि में केतु वृश्चिक में शनि मकर में व गुरु कुंभ राशि में स्थित रहेंगे.

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ज्येष्ठ अमावस्या 2021

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का खास होता है. यह दिन सूर्य पितरों की आत्मा के शांति के लिए, पित्र दोष से मुक्ति और दान-पुण्य के लिए बेहद शुभ माना गया है. साथ ही साथ ज्येष्ठ अमावस्या पर पवित्र नदी में डूबकी लगाने और सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा भी होती है.

अमावस्या मुहूर्त

  • अमावस्या तिथि: 10 जून 2021, गुरुवार

  • अमावस्या तिथि आरंभ: 9 जून 2021, बुधवार की दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से

  • अमावस्या तिथि समाप्त: 10 जून 2021, गुरुवार शाम 4 बजकर 22 मिनट तक

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शनि जयंती 2021

ऊपर से इस दिन 148 वर्षों बाद शनि जयंती और सूर्य ग्रहण का विशेष संयोग पड़ रहा है. आपको बता दें, ऐसी मान्यता है कि शनि जयंती के दिन ही सूर्य पूत्र शनि देव का जन्म हुआ था. ज्योतिषाचार्यों की मानें तो शनि की ढैय्या और साढे साती से पीड़ित लोगों को विशेष तौर पर शनि देव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पूजा करना चाहिए.

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शनि जयंती का शुभ मुहूर्त

  • शनि जयंती शुभ मुहूर्त आरंभ: 9 जून की देर रात्रि, 2 बजकर 25 मिनट से

  • शनि जयंती शुभ मुहूर्त समाप्त: 10 जून की शाम 4 बजकर 24 मिनट तक

सूर्य ग्रहण 2021

इस दिन सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है. हालांकि, यह भारत के दो ही स्थानों पर दिखने वाला है इनमें से एक अरुणाचल प्रदेश तो दूसरा लद्दाख है. इस मामले के जानकारों की मानें तो यह सूर्यास्त से पहले कुछ समय के लिए आंशि रूप से दिखेगा. इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. हालांकि, इससे संबंधी सावधानियां बरतनी चाहिए.

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सूर्य ग्रहण का समय

  • सूर्य ग्रहण समय आरंभ: 10 जून, गुरुवार की दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से

  • सूर्य ग्रहण समय समाप्त: 10 जून, गुरुवार की शाम 06 बजकर 41 मिनट तक

  • वलयाकार रूप में कब दिखेगा: 3 बजकर 30 मिनट पर

  • सूर्य अग्नि वलय अर्थात आग की अंगूठी की तरह कब दिखेगा: शाम 4 बजकर 52 मिनट पर

  • लद्दाख में कब दिखेगा: शाम 6 बजे

  • अरुणाचल प्रदेश के वन्यजीव अभयारण्य के पास कब दिखेगा: शाम 5 बजकर 52 तक देखा जाएगा

  • कुल अवधी: 4 घंटे 59 मिनट की

  • सूतक काल: मान्य नहीं

वट सावित्री पूजा 2021

हिंदू धर्म में सुहागिनों के लिए वट सावित्री व्रत का खास महत्व होता है. यह पूजा पति की लंबी आयु व अखंड सौभाग्य के वर के लिए किया जाता है.

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वट सावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त

  • वट सावित्री व्रत की तारीख: 10 जून 2021, गुरुवार

  • वट सावित्री व्रत आरंभ: 9 जून 2021, गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से

  • वट सावित्री व्रत समाप्त: 10 जून 2021, गुरुवार की शाम 04 बजकर 58 मिनट तक

  • व्रत पारण समय: 11 जून 2021, शुक्रवार को

Posted By: Sumit Kumar Verma

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