Garud Puran Punishments: गरुड़ पुराण, हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो न केवल मृत्यु के बाद की स्थिति का वर्णन करता है, बल्कि जीवन में धर्म, नीति और आचरण से जुड़ी बातों को भी विस्तार से समझाता है. इसमें यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि पति-पत्नी के पवित्र संबंध की मर्यादा में हस्तक्षेप करना या उनकी निजता (Privacy), एकांतता (Intimacy) और गोपनीयता (Confidentiality) को भंग करना एक गंभीर पाप है.
दूसरों की प्राइवेट लाइफ में झांकना क्यों है पाप
गरुड़ पुराण के अनुसार, दंपत्ति या गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड के बीच के व्यक्तिगत संबंधों में हस्तक्षेप करना, उनके निजी पलों की जानकारी फैलाना या वीडियो वायरल करना, या उनके आपसी विश्वास को तोड़ना, “अधर्म” माना गया है. ऐसा करने वाले व्यक्ति को नरक में भेजे जाने का वर्णन किया गया है. यह कर्म “गोपनीयता भंग करने वाले पाप” की श्रेणी में आता है.
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प्रमुख दंड का उल्लेख
- ऐसे व्यक्ति को मृत्यु के बाद “तामिस्र” या “अन्धतामिस्र” नामक नरकों में भेजा जाता है.
- तामिस्र नरक में आत्मा को अंधकार और पीड़ा से भरे क्षेत्र में रखा जाता है, जहाँ उसे धोखा, विश्वासघात और गोपनीयता भंग करने के परिणामस्वरूप बार-बार यातनाएँ दी जाती हैं.
- गरुड़ पुराण कहता है कि जो दूसरों के वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करता है, वह अगला जन्म किसी नीच योनि में पाता है.
सार
गरुड़ पुराण में पति-पत्नी के रिश्ते को अत्यंत पवित्र, गोपनीय और सम्माननीय माना गया है. इनकी निजता भंग करना न केवल सामाजिक अपराध है, बल्कि आध्यात्मिक और कर्मगत दृष्टि से भी घोर पाप है, जिसका परिणाम मृत्यु के बाद कठोर नरक यातना के रूप में भुगतना पड़ता है.
इसलिए दूसरों के वैवाहिक संबंधों में हस्तक्षेप करने से सदैव बचना चाहिए.