Lunar Eclipse 2021 Date, Chandra Grahan 2021 Kab Hai, Timing, Effects On Rashi, Visibility In India, Sutak Kaal Time: वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण मई महीने में लगने वाला है. 26 मई को लगने वाला ये चंद्र ग्रहण भारत के लिए उपछाया चंद्रग्रहण होगा जबकि अन्य देशों में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण की तरह दिखेगा. भारत में इसका समय दोपहर 2 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा जो शाम के 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है इस चंद्रग्रहण का धार्मिक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण, इसका सूतक काल पड़ेगा या नहीं, सभी राशियों पर इसका क्या पड़ेगा प्रभाव व अन्य जानकारियां...
साल का पहला चंद्रग्रहण अगले सप्ताह ही लगने वाला है. जिसकी तारीख 26 मई 2021 है. इसका समय दोपहर 2 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा जो शाम के 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा.
साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण भारत में आंशिक तौर पर दिखने वाला है अर्थात यह धूंधला रहेगा. इसे नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है. यह देश के उत्तर-पूर्व हिस्से जैसे सिक्किम को छोड़ प. बंगाल की कुछ स्थानों पर समेत देश के अन्य हिस्सों में देखा जा सकेगा. वहीं, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, प्रशांत महासागर व हिंद महासागर में भी दिख सकता है.
सिंह राशि राशि वालों पर भी ग्रहण का बुरा प्रभाव पड़ सकता है. परिवार के किसी सदस्य का सेहत खराब होने की संभावना है. स्वास्थ्य का विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी. कार्यक्षेत्र में अचानक से दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान व्यापार में धन हानि के भी आसार है.
मेष और कुंभ राशि के जातक ग्रहण के दौरान हनुमान जी का ध्यान करें और ऊॅं हं हनुमंते नम: का जप करें. कर्क राशि के जातक ऊॅं शब्द का उच्चारण करें. सिंह राशि के जातक सभी भगवान का ध्यान लगाएं, तुला राशि के जातक साफ-सफाई का ध्यान रखें वरना माता लक्ष्मी रूठ सकती हैं.
ज्योतिष गणनाओं के अनुसार इस बार पड़ने वाले चंद्र ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव वृश्चिक राशि पर पड़ने जा रहा है. 26 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगने जा रहा है. चंद्र ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र के लोगों को इस दिन विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
चूंकि भारत के समय के अनुसार यह चंद्र ग्रहण (lunar eclipse 2021) दिन के समय लगेगा इसलिए यह भारत में दिखाई नहीं देगा. ये चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में नहीं दिखेगा, इसीलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. सूतक मान्य न होने की वजह से मंदिर के कपाट बंद नहीं होंगे और शुभ कार्यों पर भी रोक नहीं होगी.
वैसे तो चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) एक खगोलीय घटना है. विज्ञान की मानें तो जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी लाइन में आ जाते हैं तो चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी छाया में चला जाता है, और उसे चंद्र ग्रहण कहते हैं. ऐसा सिर्फ पूर्णिमा के दिन ही होता है, जब चांद पूर्ण होता है. खगोलीय घटना के अलावा ज्योतिष में भी चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व माना जाता है.
मिथुन राशि के जातकों के लिए वैशाख पूर्णिमा पर लगने वाला चंद्र ग्रहण शुभ संकेत लेकर आ रहा है. इस दौरान जातक को आर्थिक लाभ होने की पूरी संभावना है. कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी. आय के नये श्रोत खुलेंगे. हालांकि, वाद-विवाद से बचे रहने की जरूरत है.
चंद्र ग्रहण 2021 का असर सभी राशियों पर अलग-अलग पड़ेगा. मेष राशि, कर्क राशि, सिंह राशि, तुला राशि और कुंभ राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ेंगी. वहीं, वृषभ राशि, कन्या राशि, धनु, मकर राशि और मीन राशि के जातकों के जीवन में खुशहाली आयेगी.
दरअसल, उपच्छाया चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा की चांदनी हल्की धुंधली हो जाती है. जिससे चांद का रंग मटमैला हो जाता है. हालांकि, इस दौरान चंद्रमा के साइज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. ऐसी स्थिति तब बनती है जब सूर्य, धरती और चांद एक सीध में नहीं हो पाते है. यदि हो जाए तो वह पूर्ण चंद्रग्रहण कहलाता है.
दरअसल, उपछाया चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की प्रच्छाया वाले क्षेत्र को बिना छूए उपच्छाया क्षेत्र से निकल जाता है. ऐसे में यह धुंधला दिखने लगता है. जिसे नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता.
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