20.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

पितृपक्ष : वामन पुराण में वर्णित गयाजी की महिमा

।। डॉ राकेश कुमार सिन्हा रवि ।। विश्व विश्रुत महाकाव्य महाभारत में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि पुराणों की कथाएं धर्म व मोक्ष देने वाली हैं. अठारह पुराणों में 14वें क्रम पर परिगणित वामन पुरान के बारे में स्पष्ट उद्धृत है कि जैसे गंगा जल स्नान से समस्त पापों का शमन-दमन हो जाता […]

।। डॉ राकेश कुमार सिन्हा रवि ।।

विश्व विश्रुत महाकाव्य महाभारत में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि पुराणों की कथाएं धर्म व मोक्ष देने वाली हैं. अठारह पुराणों में 14वें क्रम पर परिगणित वामन पुरान के बारे में स्पष्ट उद्धृत है कि जैसे गंगा जल स्नान से समस्त पापों का शमन-दमन हो जाता है, ठीक वैसे ही वामन पुराण को पढ़ने व सुनने से समस्त पाप नाश हो जाते हैं.
वामन पुराण के आदि वक्ता महर्षि पुलस्त्य हैं. आदि प्रश्नकर्ता तथा श्रोता देवर्षि नारद हैं. नारद जी ने व्यास को, व्यास ने अपने शिष्य लोमहर्षण सूत को एवं सूत जी ने तीर्थ नैमिषारण्य में शौनक आदि मुनियों को वामन पुराण की कथा सुनायी. इस पुराण के 89वें अध्याय में श्रीवामन भगवान के विविध स्थानों में निवास वर्णन में गयाजी का उल्लेख आया है-
गयायां गोपतिं देवं गदापाणिनमीश्वम
अर्थात गयाजी में गोणति गदाधर ईश्वर रूप में विद्यमान हैं. इसी में गदाधर देवता की स्तुति इस प्रकार की गयी है कि हे गदाधर, हे श्रुतिधर, हे चक्रधर, हे श्रीधर, वनमाला व पृथ्वी को धारण करने वाले हे हरे आपको प्रणाम है. वामन पुराण के 81वें अध्याय में भक्तराज प्रह्वाद के अनुक्रमागत तीर्थयात्रा में अनेक तीर्थों का महत्व वर्णित हुआ है, जिसमें कितने ही तीर्थों में श्राद्ध पिंडदान किये जाने का वर्णन विवेचन है. इसमें इसका स्पष्ट उल्लेख है कि प्रह्वाद तीर्थ में मागधारण्य जाकर वहां वसुधाधिपति का दर्शन किया.
कई अर्थों में वसुधाधिपति का आशय भगवान विष्णु से है, जिनका गदाधर रूप के लिए भी इस रूप का वर्णन आया है. इससे संकेत मिलता है कि भक्त प्रह्वाद ने गया गदाधर का दर्शन किया है. वामन पुराण में वैष्णव जगत के साथ 19वें अध्याय में गया श्राद्ध करने से प्रेतयोनि से मुक्ति का स्पष्ट वर्णन मिलता है.
वामन पुराण के कितने ही अध्यायों में श्राद्ध पिंडदान की कहीं अंशत:, तो कहीं पूर्णत: चर्चा इस तथ्य को बल देता है कि इस संसार में पारिवारिक श्रीवृद्धि, सांसारिक सुख, धन-धान्य व स्व कल्याण के लिए श्राद्ध पिंडदान से बढ़ कर कोई चीज नहीं, जिसका उतमोत्तम स्थल गया जी ही है.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel