10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

ऑनलाइन क्लास के नाम पर यू-ट्यूब से मैटेरियल उठा बच्चों को भेज रहे स्कूल

लॉकडाउन में सरकारी से लेकर निजी स्कूलों तक में ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं. लेकिन, इसे लेकर कोई कॉमन गाइड लाइन नहीं होने की वजह से बच्चे और उनके अभिभावक घंटों परेशान रहते हैं

सुनील कुमार झा, रांची : लॉकडाउन में सरकारी से लेकर निजी स्कूलों तक में ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं. लेकिन, इसे लेकर कोई कॉमन गाइड लाइन नहीं होने की वजह से बच्चे और उनके अभिभावक घंटों परेशान रहते हैं. परेशानी इसलिए भी है कि हर स्कूल अपने हिसाब से ऑनलाइन लर्निंग मेटेरियल उपलब्ध करा रहा है. कुछ स्कूल तो यू-ट्यूब पर उपलब्ध क्लास को ही बच्चों को भेज पढ़ाई का कोरम पूरा कर ले रहे हैं. गौर करनेवाली बात यह है कि ऑनलाइन कक्षाएं चला रहे स्कूलों को लॉकडाउन अवधि में भी ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी गयी है.

स्कूलों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर छह से अधिक प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जा रहा है. क्लास संचालन का कोई समय भी निर्धारित नहीं है. कुछ स्कूलों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर बच्चों को कोई रूटीन भी उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इससे भी बच्चों को परेशानी होती है. कुछ स्कूलों द्वारा शाम में लर्निंग मेटेरियल भेजा जाता है. एक साथ दो से तीन विषय का लर्निंग मेटेरियल व्हाट्सएेप ग्रुप में भेज दिया जाता है. ऐसे में बच्चों के लिए एक साथ इसे पूरा करना परेशानी का सबब बन रहा है.

स्कूलों के लिए कोई कॉमन गाइडलाइन नहीं

  • ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर कोरम पूरा कर रहे कुछ स्कूल, कई स्कूलों ने बच्चों को रूटीन तक नहीं दिया

  • एकरूपता नहीं होने से पढ़ाई में हो रही परेशानी, ऑनलाइन क्लास के एवज में ट्यूशन फीस ले रहे स्कूल

कोविड-19 की वजह से शैक्षणिक सत्र के शुरुआती दिनों में ही लॉकडाउन घोषित हो गया. कोई भी स्कूल ऑनलाइन क्लास चलाने को तैयार नहीं था. हालांकि, शैक्षणिक सत्र के नुकसान को देखते हुए अप्रैल से सभी स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास को अपना लिया. सभी ने अपनी सुविधा अनुसार एेप और सॉफ्टवेयर का चयन किया. पढ़ाई में एकरूपता न होना एक समस्या है. इसके लिए शिक्षकों को ऑनलाइन क्लासरूम की ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही कॉमन सॉफ्टवेयर की भी तलाश जारी है.

– डॉ मनोहर लाल, रांची समन्वयक, सीबीएसइ स्कूल

बच्चों को पूछने का नहीं मिलता अवसर

कुछ स्कूलों की ओर से जूम एेप के माध्यम से कक्षा का संचालन किया जाता है. इसमें बच्चों को कक्षा संचालन के समय आवश्यकतानुसार प्रश्न पूछने का भी अवसर मिलता है. शिक्षक बीच-बीच में पढ़ाई को लेकर बच्चों से बात भी करते हैं. वहीं, जिन स्कूलों द्वारा यू-ट्यूब पर उपलब्ध क्लास बच्चों को भेजा जाता है, उन्हें सुनने के अलावा पूछने का कोई अवसर नहीं मिलता. अगर बच्चे को कुछ समझ में नहीं आये, तो वह इस संबंध में तत्काल शिक्षक से कोई जानकारी नहीं ले सकता. इसी प्रकार व्हाटसएेप ग्रुप के माध्यम से से भेजे गये लर्निंग मेटेरियल से पढ़ाई में परेशानी होती है.

posted by : Pritish Sahay

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel