11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

न भाला, न मैदान, झारखंड से कैसे निकलेंगे नीरज चोपड़ा, विभाग की ये है दलील

यहां भी खिलाड़ियों में ओलिंपियन नीरज चोपड़ा बनने का जज्बा है, उन्हें भी मौका मिले तो वो लंबी दूरी तक भाला फेंक सकते हैं. लेकिन यहां के खिलाड़ियों को न तो भाला मिल पाता है और न ही भाला फेंकने के लिए कोई मैदान.

दिवाकर सिंह, रांची : ओलिंपिक के भाला फेंक इवेंट में स्वर्ण जीत कर नीरज चोपड़ा ने पूरे देश के यूथ खिलाड़ियों के अंदर एक उम्मीद जगा दी है. लेकिन इस उम्मीद को आगे बढ़ाना मुश्किलों भरा काम है. कारण है सुविधाओं की कमी. कुछ यही हाल है झारखंड का. यहां भी खिलाड़ियों में ओलिंपियन नीरज चोपड़ा बनने का जज्बा है, उन्हें भी मौका मिले तो वो लंबी दूरी तक भाला फेंक सकते हैं. लेकिन यहां के खिलाड़ियों को न तो भाला मिल पाता है और न ही भाला फेंकने के लिए कोई मैदान. एक ग्राउंड में भाला फेंक खिलाड़ी को रोक दिया जाता है, तो दूसरे मैदान में उन्हें कोच को साथ में लाने की बात कही जाती है.

झारखंड में भाला फेंक खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में दो चीजें उनकी राह का रोड़ा हैं. इसमें पहला है बेहतर किस्म का भाला और दूसरा है इसे फेंकने के लिए मैदान. यहां एथलेटिक्स के खिलाड़ियों के लिए दो मैदान वर्तमान में तैयार हैं. जिसमें एक है बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम. यहां एथलेटिक्स खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए ट्रैक बिछाया गया है.

ई जंप के लिए भी ट्रैक है और फुटबॉल खेलने के लिए बीच में घास लगाया गया है. लेकिन भाला फेंक खिलाड़ियों के लिए कहीं भी जगह नहीं है. खेलगांव स्थित बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम में जेएसएसपीएस के खिलाड़ी अभ्यास करते हैं. जिससे भाला फेंक खिलाड़ियों को यहां अभ्यास का मौका नहीं मिल पाता है.

वहीं भाले की अधिक कीमत होने के कारण खिलाड़ी इसे खरीद नहीं पाते हैं. एक सामान्य भाला की शुरुआती कीमत 8,000 रुपये है और अधिकतम कीमत 1,50,000 रुपये है.

राज्य के खिलाड़ियों के हाथ खाली, कोच भी नहीं: झारखंड में चार से पांच खिलाड़ी हैं. जिसमें साइ में अभ्यास करनेवाले सीनियर खिलाड़ी विजय लकड़ा, पप्पू भारती, जूनियर खिलाड़ी संदीप, जॉनसन टुडू और आकाश यादव शामिल हैं. साइ के खिलाड़ी को छोड़कर बाकी खिलाड़ियों के पास न तो भाला है, और न ही इनके अभ्यास करने के लिए मैदान. इसके साथ ही भाला फेंक इवेंट से संबंधित कोई कोच भी झारखंड में नहीं है. इससे इन खिलाड़ियों को नुकसान हो रहा है.

क्या कहता है विभाग : बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में एथलेटिक्स का ट्रैक है, लेकिन भाला फेंकने के लिए जगह नहीं है. खिलाड़ी खेलगांव में अभ्यास कर सकते हैं. जीशान कमर, खेल निदेशक, झारखंड सरकार

क्या कहता है संघ: भाला फेंक इवेंट में यहां खिलाड़ियों की कमी है. कारण है न तो उनको भाला फेंकने के लिए मैदान मिल पाता है और न ही औजार. मधुकांत पाठक, अध्यक्ष, झारखंड एथलेटिक्स संघ

Posted by: Pritish Sahay

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel