Silent Heart Attack: डांस करते हुए, खेलते हुए, ऑफिस में बैठकर काम करते हुए अचानक बेहोश होकर गिर पड़े. अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचकर पता चला कि पहले ही मौत हो चुकी है. इन लाइनों को पढ़ते हुए ऐसी कई घटनाएं आंखों के सामने घूम जाती हैं. लेकिन अचानक दिल की धड़कने थमने के कारण होने वाली मौतों का कारण अब पता चल गया है. आईआईटी इंदौर और आईसीएमआर के सहयोग से किए गए शोध में ये खुलासा हुआ है कि कोविड-19 का डेल्टा वैरिएंट साइलेंट हार्ट अटैक का कारण है. इसके अलावा थायराइड अनियंत्रित भी इसी वैरिएंट के कारण हो रहा है. जर्नल ऑफ प्रोटिओम रिसर्च में इस शोध को प्रकाशित किया गया है.
3134 मरीजों के डाटा का अध्ययन
आईआईटी इंदौर और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मिलकर कोविड-19 के अलग-अलग वैरिएंट के प्रभावों पर रिसर्च किया. इसके लिए शोधकर्ताओं ने कोविड की फर्स्ट और सेकेंड वेव के 3134 मरीजों का डाटा लिया. इनमें कोविड-19 के मूल वैरिएंट, अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा से संक्रमित रोगियों के मेटाबोलिक, बॉयोकेमिकल, हीमेटोलॉजिकल, लिपिड में होने वाले बदलावों का डाटा एनालिसिस किया. मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके सी-रिएक्टिस प्रोटीन, डी-डाइमर, फेरिटिन, न्यूट्रोफिल्स, व्हाइट ब्लड सेल काउंट, यूरिया, क्रिएटनिन, लिम्फोसाइट्स, लैक्टेटट के स्तर की जानकारी ली गई. इसके अलावा स्पाइक प्रोटीन के संपर्क में आने वाले फेफड़े और कोलन सेल का एनालिसिस किया गया.
डेल्टा वैरिएंट ने बढ़ाया हार्मोन असंतुलन
शोधकर्ताओं ने इस पूरी कवायद में पाया कि डेल्टा वैरिएंट से मानव शरीर में रासायनिक असंतुलन पैदा हुआ. इससे कैटेकोलामाइन और थायराइड हार्मोन पैदा करने वाली प्रक्रिया बाधित हुई. जिससे लोग साइलेंट हार्ट अटैक और थायराइड असंतुलन का शिकार हुए्. इस शोध में यूरिया और अमीनो एसिड मेटाबोलिज्म में गड़बड़ी का भी पता चला.
शोध में ये थे शामिल
इस शोध में आईआईटी इंदौर के डॉ. हेमचंद्र झा और केआईएमएस भुवनेश्वर के डॉ. निर्मल कुमार मोहकुद ने किया. डाटा विश्लेषण आईआईआईटी प्रयागराज की प्रो.सोनाली अग्रवाल के निर्देशन मे किया गया. इसके अलावा बुद्धदेव बराल, नम्रता मिश्रा, शुभ्रांशु पात्रा, मानस रंजन, सिद्धार्थ सिंह, तरुण प्रकाश, वैशाली सैनी, देव कुमार रथ, ज्योतिर्मयी वाहिनीपति, प्रियदर्शनी पंडा, कार्तिक मुदुली, हेमेंद्र सिंह परिहार, अजय कुमार मीना, सौम्या महापात्रा भी इस शोध में शामिल थीं.
क्या है साइलेंट हार्ट अटैक?
आमतौर पर हार्ट अटैक से पहले सीने में दर्द, पसीना आना, बेचैनी, सांस फूलना जैसे लक्षण होते हैं. लेकिन साइलेंट हार्ट अटैक में ये लक्षण नहीं होते हैं. अचानक ही व्यक्ति बेहोश होकर गिर जाता है. जब तक कोई कुछ समझता है तब तक उसकी मौत हो जाती है.
साइलेंट हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर
साइलेंट हार्ट अटैक हृदय में रक्त का प्रवाह बंद होने के कारण होता है. जबकि कार्डियक अरेस्ट दिल का धड़कना बंद होने के कारण होता है. जो कि एक इलेक्ट्रिकल समस्या है.
कैसे करें बचाव?
- रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें जरूर
- ब्लड प्रेशर, डायबिटीज को नियंत्रित रखें
- तले और पैकेट बंद खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें
- सिगरेट और अल्कोहल का सेवन न करें
हार्ट अटैक आने पर सीपीआर करें
यदि किसी को हार्ट अटैक, साइलेंट हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट हुआ है तो उसे सबसे जरूरी है कि उस व्यक्ति के पास मौजूद उसे सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिसैसिटेशन) दे. इसमें व्यक्त को सीधे लेटाकर उसके सीने के बीच में दोनों हाथों की हथेलियां एक दूसरे पर रखकर दबाना होता है. ये दबार प्रति सेकेंड दो बार देना होता है. यानि की एक सेकेंड में दो बार सीने को दबाना होता है. तीस बार सीने को दबाने के बाद दो बार मुंह से सांस दें. जब तक हार्ट अटैक के मरीज में कोई हरकत न हो ये प्रक्रिया जारी रखें. इस बीच अन्य व्यक्ति एंबुलेंस को बुला सकता है. जिससे उसे समय रहते अस्पताल पहुंचाया जा सके.
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