22.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना के इन थानों को सालों से है भवन का इंतजार, न जमीन मिली न भवन बना, सड़ रही थानों में रखी केस की फाइलें

पटना के कदमकुआं और कंकड़बाग थानाें को वर्षों से खुद के भवन का इंतजार है, लेकिन न तो जमीन मिली है और न ही अब तक भवन बना है. यही वजह है कि थानों में पदस्थापित पुलिस पदाधिकारियों को काम करने में भी परेशानी होती है.

शुभम कुमार, पटना. बारिश व धूल से कदमकुआं और कंकड़बाग थानों में रखी केस की फाइलें सड़ रही हैं. हर दिन थानों में आधा दर्जन केस, दो से अधिक सनहा और पुलिस विभाग संबंधित कई कागजात के काम होते हैं, लेकिन थानों में इन कागजात का हाल काफी दयनीय है. हालत यह है कि केस से संबंधित फाइलों को दीमक चाट रहे हैं. प्रभात खबर ने पटना के कदमकुआं और कंकड़बाग थानों में रखी फाइलों का जायजा लिया. कागजात तो छोड़िए, जिस लकड़ी के रैक पर इन फाइलों को रखा गया है, उसे भी दीमक चट कर गये हैं. एक तरफ पुलिस प्रशासन तकनीकी रूप से मजबूत हो रही है, तो दूसरी ओर थानों में रखी फाइलों का अस्तित्व भी नहीं बच रहा है.

पुराने केस को ढूंढ़ने में होती है फजीहत, कोर्ट से मंगवाने पड़ते हैं कागजात

कंकड़बाग थाने में एक पुलिस अधिकारी ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि हजारों लोगों से संबंधित केस की फाइलें सड़ गयी हैं. जिस लाल कपड़े में फाइलों को बांधा गया था, वह गल गया. कपड़ा सहित कागजात दीमक चट कर गये. इसका सबसे बड़ा कारण बारिश और धूल. दीवारों से सीलन के कारण धीरे-धीरे केस की फाइलें सड़ती चली गयीं. उन्होंने बताया कि कभी-कभी किसी पुराने मामले की फाइल निकालनी हो, तो पता चलता है कि वह सड़ गयी है. इसके बाद उस साल की डायरी निकाल कर उस केस से संबंधित कुछ जानकारी ली जाती है. बावजूद जानकारी कम पड़ती है, तो कोर्ट से केस संबंधित कागजात को निकाला जाता है.

बहादुरपुर थाना क्षेत्र में है कदमकुआं थाना

कदमकुआं थाना अपने क्षेत्र में नहीं, बल्कि बहादुरपुर थाना क्षेत्र में स्थित है. कभी-कभी स्थिति यह हो जाती है कि घटना किस थाने में हुई, इसमें भी परेशानी हो जाती है. यह थाना किसी भवन में नहीं, बल्कि मोइनुल हक स्टेडियम की सीढ़ी के नीचे स्थित है. उसी सीढ़ी के नीचे थानाध्यक्ष का चैंबर और सरिस्ता है. एक पुलिस पदाधिकारी के अनुसार कदमकुआं थाने की हालत बारिश में और दयनीय हो जाती है. 2019 के जलजमाव में पूरा का पूरा थाना डूब गया था और इसमें कई फाइलें पानी में भीग गयी थीं.

Also Read: बिहार से 2022 में सबसे ज्यादा लोग काम की तलाश में पहुंचे विदेश, जानिए किस देश में सबसे ज्यादा बिहारी पहुंचे
वर्षों से भवन का इंतजार, न जमीन मिली और न ही बना भवन

मिली जानकारी के अनुसार कदमकुआं और कंकड़बाग थानाें को वर्षों से खुद के भवन का इंतजार है, लेकिन न तो जमीन मिली है और न ही अब तक भवन बना है. यही वजह है कि थानों में पदस्थापित पुलिस पदाधिकारियों को काम करने में भी परेशानी होती है. कोई तेज धूप व बारिश में करकट के शेड में काम कर रहा है, तो कोई चारों ओर से धूल फांक रही फाइलों के बीच में लोगों की शिकायत सुनने को मजबूर है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें