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झारखंड के इस जिले में मृत लाभुक के नाम पर उठाया जाता है राशन, कारण जानकार आप हो जाएंगे हैरान

पलामू के सुड़ी गांव में मृत लाभुकों के नाम पर राशन घोटाला का मामला सामने आया है. डीसी के जनता दरबार में शिकायत आने के बाद डीसी ने जांच के निर्देश दिये हैं. बता दें कि ग्रामीणों ने एक डीलर पर 40 मृत लाभुकों के नाम पर राशन उठाने का आरोप लगाया है.

Jharkhand News: झारखंड का एक जिला है पलामू. इस जिले के पांकी प्रखंड स्थित सुड़ी गांव में राशन का खेल सामने आया है. इस गांव के एक डीलर पर मृत लाभुकों के नाम पर राशन उठाने का आरोप है. जनता दरबार में डीसी एक दोड्डे के सामने आयी शिकायत के बाद इसका खुलासा हुआ. जानकारी मिलते ही डीसी ने जांच का निर्देश दिया है.

40 मृत लाभुकों का राशन डकारने का आरोप

पांकी प्रखंड अंतर्गत सुड़ी गांव के एक डीलर अनिल कुमार यादव पर 40 मृत लाभुकों के नाम पर राशन घोटाला करने का आरोप है. इस संबंध में गांव के ग्रामीणों ने पलामू डीसी को जनता दरबार के दौरान आवेदन देकर कार्रवाई करने की मांग की है. गरीब लाभुक राशन कार्ड के लिए खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि सुड़ी पंचायत की वर्तमान मुखिया बिंदा देवी, पूर्व मुखिया लोकनाथ यादव के चचेरा भाई अनिल कुमार यादव जनवितरण प्रणाली के दुकानदार हैं जिसका लाइसेंस संख्या-408 है.

ग्रामीणों का गंभीर आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले छह वर्षों से 40 से अधिक मृत व्यक्तियों के नाम पर राशन गबन किया जा रहा है. आरोप है कि डीलर अनिल कुमार यादव की पत्नी रीता देवी तरहसी के मिसिर पतरा में आंगनबाड़ी सेविका के पद पर कार्यरत है. उनके नाम से अंत्योदय राशन कार्ड है. डीलर की मां के नाम से भी अंत्योदय राशन कार्ड बना हुआ है. वर्ष 2015 से लगातार पूर्व मुखिया लोकनाथ यादव पिछले सात वर्षों तक सुड़ी पंचायत के मुखिया के पद पर थे. नियम को ताक पर रखकर लाभ लेने के उद्देश्य से अपने नाम से अंत्योदय राशन कार्ड बनवाया है. जिससे वर्तमान मुखिया द्वारा हर माह राशन का उठाव किया जा रहा है.

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राशन कार्ड नहीं किया सरेंडर

ग्रामीणों ने डीसी को सौंपे आवेदन में आरोप लगाया कि वो अपना राशन कार्ड सरेंडर भी नहीं किया है.अंत्योदय कार्ड का लाभ असहाय व लाचार लोगों को दिया जाता है. जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होता है वैसे लोगों को इस कार्ड माध्यम से 35 किलो अनाज दिया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि इसकी उच्चस्तरीय जांच के बाद कई मामला सामने आएंगे.

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