25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

स्कूलों में तकनीक

शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश के केवल 34 प्रतिशत विद्यालयों में ही इंटरनेट की सुविधा है.

जीवन के अन्य क्षेत्रों की तरह शिक्षा में भी डिजिटल तकनीक का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है. महामारी के दौर में तो इसकी वजह से ही पढ़ाई जारी रह सकी थी. एक ओर जहां कंप्यूटर और इंटरनेट के जरिये सामान्य शिक्षा बेहतर ढंग से दी जा सकती हैं, वहीं तकनीक नये कौशल एवं मेधा भी मुहैया कराने की क्षमता रखती है. केंद्र और राज्य सरकारें स्कूलों में समुचित संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयासरत हैं, लेकिन अभी इस क्षेत्र में बहुत किया जाना बाकी है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा इस माह जारी यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन रिपोर्ट, 2021-22 के लिए 14,89,115 स्कूलों का सर्वेक्षण किया गया था, जिनमें से केवल 5,04,989 स्कूलों यानी 34 प्रतिशत विद्यालयों में ही इंटरनेट की सुविधा है. यद्यपि यह आंकड़ा संतोषजनक नहीं है, लेकिन अगर इसकी तुलना 2018-19 के 18.73 प्रतिशत के आंकड़े से करें, तो इंटरनेट उपलब्धता में उल्लेखनीय बेहतरी हुई है.

आम तौर पर संसाधनों की कमी तथा प्रशासनिक लापरवाही के कारण सरकारी स्कूलों की दशा अपेक्षाकृत अच्छी नहीं रहती है. इस कारण अभिभावक समुचित शिक्षा के लिए अपने बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में कराने के लिए मजबूर होते हैं, जहां उन्हें अधिक खर्च करना पड़ता है. डिजिटल संसाधन के मामले में भी निजी स्कूल और सरकारी सहायता प्राप्त निजी प्रबंध में संचालित हो रहे विद्यालय बेहतर स्थिति में हैं. जिन स्कूलों में इंटरनेट सुविधा है, उनमें से 24.2 प्रतिशत सरकारी स्कूल हैं, तो 53.1 और 59.6 प्रतिशत क्रमशः सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूल हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, आधे से अधिक स्कूलों में चालू हालत में कंप्यूटर भी नहीं हैं. इस सुविधा से लैस स्कूलों की संख्या 45.8 प्रतिशत है. यह आंकड़ा 2018-19 में 33.49 प्रतिशत था. कंप्यूटर सुविधा वाले स्कूलों में सरकारी स्कूलों की संख्या केवल 35.8 प्रतिशत है, जबकि शेष सरकारी सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूल हैं. समूचे देश में बिजली पहुंचाना सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में से है.

इस प्रयास में सबसे पहले अस्पतालों, शिक्षा संस्थानों और अन्य आवश्यक संस्थाओं पर ध्यान देना चाहिए. आज भी 13.4 प्रतिशत ऐसे स्कूल हैं, जहां बिजली का कनेक्शन ही नहीं पहुंच सका है. इन संसाधनों की उपलब्धता के मामले में एक खाई शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों तथा विकसित राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के बीच भी है. अगर देश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करना है, तो हमें ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों तथा पिछड़े राज्यों पर अधिक ध्यान देना होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें