26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

भारत को डटे रहना होगा

बातचीत का दरवाजा हमेशा खुला रखना चाहिये, वहीं दूसरी ओर हमें अपने स्टैंड से पीछे भी नहीं हटना होगा. चीन नहीं मानता है, तो भी हमें ताकत से वहीं खड़ा रहना होगा.

अनिल बाधवा, पूर्व राजनयिक

delhi@prabhatkhabar.in

गलवान में घटना भारतीय सीमा में हुई है. चीनी सैनिकों ने हमारे क्षेत्र में घुसकर और फिर पीछे हटने की बात कह कर ऐसी हरकत की है. इसकी जितनी भी निंदा की जाये, कम है. अब वैश्विक स्तर पर सबकी निगाहें भारत की ओर है कि वह कैसी प्रतिक्रिया देता है. यदि हम यह नहीं दिखाते हैं कि हम अपनी सीमा पर मुस्तैद हैं, तो इससे हमारी छवि के लिए मुश्किल हो जायेगी. हमारा रुख यही होना चाहिये कि जब तक चीन पीछे नहीं हटता है, तब तक हमें सतर्क रहना होगा. यदि हम खुद पीछे हटे या फिर चुप रहें, तो यह हमारे लिये अच्छा नहीं होगा.

इस घटना के पीछे के मंसूबे को समझना जरूरी है. भारत ने इन क्षेत्रों में जब से आधारभूत संरचना के विकास पर जोर दिया है, तब से चीन उकसानेवाली हरकत कर रहा है. समझने की बात है कि हम चीन से कुछ मांग नहीं रहे हैं. हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि आप हमारे क्षेत्र में आये हैं, आप वापस चले जाइए. इस स्टैंड पर हमें अडिग रहना चाहिये. दूसरा, बातचीत का सिलिसला जारी रखना चाहिये, चाहे वह डिप्लोमेटिक स्तर पर हो या मिलिट्री स्तर पर. आगे सब चीन के रुख पर निर्भर करेगा कि उसका गेमप्लान क्या है? वह प्लान स्ट्रेटजिक है या फिर टैक्टिकल.

यह घटना यह भी बताती है कि वहां पर जो जमावड़ा है, उसे यह मालूम नहीं है कि वास्तविक स्थिति क्या है. अच्छा तो यह होगा कि चीन अपनी सीमा में जाये और स्थिति को नियंत्रित करने में मदद करें क्योंकि इस पूरी घटना के लिए वह जिम्मेदार है. भारत की स्थिति जो पहले थी, वह आज भी है. चीन एक ओर वापस जाने की बात भी कहता है और दूसरी ओर ऐसा कायरतापूर्ण व्यवहार भी करता है. कुछ लोग इस घटना को लेकर जजबाती हैं, लेकिन सिर्फ जजबात से किसी समस्या का हल नहीं हो सकता है. यदि कुछ ऐसा होता है, तो हमलोग एक दलदल में फंस जायेंगे. इसलिए एक ओर जहां बातचीत का दरवाजा हमेशा खुला रखना चाहिये, वहीं दूसरी ओर हमें अपने स्टैंड से पीछे भी नहीं हटना होगा. चीन नहीं मानता है, तो भी हमें ताकत से वहीं खड़ा रहना होगा.

चीन के साथ हमारी कल भी बातचीत हुई थी और परसों भी बातचीत हुई है. दोनों पक्ष चाहते हैं कि यह चैनल खुली रहे. दोनों पक्ष चाहते हैं कि डिप्लोमैटिक चैनल खुला रहे. यह अच्छी बात है, लेकिन ग्राउंड पर सेनाओं के बीच क्या बातचीत चल रही है और वहां कैसे हालात बन रहे हैं, इस पर तभी काबू पाया जा सकता है, जब चीन अपनी सेना को पीछे हटाये. हालांकि चीन की ओर से ऐसे निर्देश देने की बात कही जा रही थी, फिर भी इस घटना का होना चौंकाने वाली बात है. समझौते के तहत उस इलाके में किसी भी सेना को बंदूकें लाने पर पाबंदी है, इसलिए चीनी सैनिक दूसरे तरह के हथियारों के साथ पूरी तैयारी के साथ आये थे. भारतीय सेना को ऐसे अचानक हमले का अंदेशा नहीं था. भारतीय टुकड़ी सामान्य पेट्रोलिंग पर गयी थी. यही कारण रहा कि इतनी बड़ी संख्या में सैनिक हताहत हुए हैं.

जहां तक भारत की तैयारी की बात है, तो तैयारी कभी भी पूरी नहीं मानी जाती है. हमारे पास वहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है. उसी इंफास्ट्रक्चर को मजबूत करने के कारण चीन बौखला कर ऐसी हरकत कर रहा है. यदि हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर बन जाता, तो हमारी सेना वहां पर पेट्रोलिंग करना शुरू कर देती. लद्दाख ही नहीं, अरुणाचल प्रदेश में भी हमें अपनी आधारभूत संरचना का और अधिक मजबूत करना होगा. इसे लेकर चीन को आपत्ति होती रहती है. वहां भी स्थिति सामान्य नहीं है. लेकिन चीन को यह भी समझना चाहिये कि जिस तरह से वह भारतीय सीमा में प्रवेश कर सकता है, उसी तरह से भारतीय सेना भी उसकी सीमा में प्रवेश कर सकती है.

चीन कई तरफ से भारत को घेरना चाहता है. नेपाल ने जो अपने नक्शे में बदलाव किया है, इसका सबसे बड़ा कारण नेपाल में चीन की बढ़ती दखलअंदाजी है. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली की कुर्सी खुद ही डांवाडोल है. उन्हें बचाने में चीन ने मदद की थी, इसलिए ओली ने चीन का आभार व्यक्त करने के लिये ऐसा कदम उठाया. हालांकि इससे भारत को कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन हमें अब और अधिक सावधान रहने की जरूरत है. वहीं पाकिस्तान का दुरुपयोग वह किस तरह से भारत के खिलाफ कर रहा है, यह बताने की जरूरत नहीं.

सर्वदलीय बैठक की पहल सराहनीय है. इस मसले पर विपक्ष को विश्वास में लेकर संसद में एक सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया जाना चाहिये. इसमें सभी लोगों को दलगत भावना से ऊपर उठकर देश के हित में एक आवाज में बोलना चाहिये. यदि हम आपस में ही एक नहीं दिखेंगे, एक नहीं रहेंगे, तो ठोस रुख कैसे अपना पायेंगे. इसमें मीडिया का भी अहम रोल है. चीन ने एक ओर अपने यहां मीडिया को सेंसर कर रखा है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी मीडिया का दुरुपयोग भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा फैलाने में कर रहा है. इसीलिये भारतीय मीडिया को भारत का जो स्टैंड है, उसे सभी को बताना चाहिये. हमारा स्टैंड कहीं से भी गलत नहीं है, इसे पूरे विश्व को पता होना चाहिये.

(बातचीत पर आधारित)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें