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आखिर कैसे सुधरेगा हमारा देश भारत
संपादक महोदय, देश के हालात बहुत ही विचित्र हो गये हैं. आम आदमी के लिए यह समझ पाना कठिन हो रहा है कि यह कैसी राजनीति और अर्थनीति या राजनैतिक सिद्धांत हैं, जिससे हमारे देश का उद्धार होगा. ऐसे कई सवाल हैं, जो हम जैसे लोगों के दिलो-दिमाग में घूम रहे हैं. यह तो तय […]
संपादक महोदय, देश के हालात बहुत ही विचित्र हो गये हैं. आम आदमी के लिए यह समझ पाना कठिन हो रहा है कि यह कैसी राजनीति और अर्थनीति या राजनैतिक सिद्धांत हैं, जिससे हमारे देश का उद्धार होगा. ऐसे कई सवाल हैं, जो हम जैसे लोगों के दिलो-दिमाग में घूम रहे हैं.
यह तो तय है कि हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह बाजारवाद की ओर अग्रसर है. राजनीति की बात करें, तो राजनीतिक दलों के सत्ता और विपक्ष में होने पर सुर ही बदल जाते हैं. सत्ता में होनेवाला दल मदमस्त हो जाता है और विपक्षी दल टांग अड़ाने की राजनीति करने पर आमादा रहता है.
इन दोनों पक्षों के बीच आम आदमी का कहीं पता ही नहीं चलता. बहुत ही तामझाम के साथ भाजपानीत राजग केंद्र में बैठा, लेकिन उसका भी वही हाल है, जो यूपीए सरकार का था. आखिर कैसे सुधरेगा देश, कोई बतायेगा?
राजकिशोर, बोकारो
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